चेहरा चमकाए ककड़ी
आयुर्वेद से आरोग्य
- वानस्पतिक नाम- Cucumis sativus (कुकुमिस सटाइवस)
- कुल- कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae)
- हिन्दी- ककड़ी, खीरा
- अंग्रेजी- कुकुम्बर, लेकिन (Cucumber. Gherkin) संस्कृत- सुकसा, कंदालु, कंटकीलता
सलाद के तौर पर उपयोग में लायी जाने वाली ककड़ी भारतीय व्यंजन का एक प्रमुख हिस्सा है। ककड़ी आमतौर पर भारत के अधिकांश राज्यों में उगाई जाती है। ककड़ी का वानस्पतिक नाम कुकुमिस सटाइवस है। माना जाता है कि ककड़ी आसानी से पच जाती है और पांचनशक्ति को बढ़ाती है। ककड़ी में प्रोटीन, कार्योहड़ट्रेट केल्शियम, लौह तत्व, फॉस्फोरस, विटामिन के अलावा अन्य खनिज प्रचुरता से पाए जाते हैं। चेहरे की सफाई और चमक बढ़ाने के लिए ककड़ी का रस (2 चम्मच) तैयार कर इसमें कुछ बूंदे नींबू का रस व चुटकी भर पिसी हुई हल्दी को मिला दिया जाए और लेप बना लें, इसे चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह फैलाते हुए लगा लें। करीब 20 मिनट बाद इसे रगड़ते हुए धो लिया जाए, चेहरा खिल उठता है।
ककड़ी का जूस प्रतिदिन पीने से चेहरे से मुहांसे, कील, दाग और धब्बे धीरे-धीरे मिट जाते हैं। वैसे आदिवासी मानते हैं कि इसके फलों का रस लगातार सेवन करते रहने से बालों का असमय पकना और झड़ना बिल्कुल बंद हो जाता है। ककड़ी के रस से बालों को मालिश देने से और धोने से रूसी खत्म हो जाती है और साथ ही बालों के झड़ने का सिलसिला खत्म हो जाता है। डोंग-गुजरात के आदिवासियों के अनुसार ककड़ी, पालक और गाजर की समान मात्रा का जूस तैयार कर पीने से बालों का बढ़ना प्रारंभ हो जाता है। एक कप ककड़ी के रस का सेवन प्रतिदिन उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए बेहतर होता है। (साभार: आदिवासियों की औषधीय विरासत पुस्तक से )