Cauliflower: कच्ची फूलगोभी को साफ धोकर चबाने से खून साफ होता है: डॉ दीपक आचार्य
औषधि भी है फूलगोभी
- वानस्पतिक नाम- Brassica oleracea var. botrytis (ब्रासिका ओलेरेसिया वेरा. बोट्रायटीस)
- कुल- ब्रेसिकेसी (Brassicaceae)
- हिन्दी- फूलगोभी, गोभी
- अंग्रेजी कालिफ़्लावर, ब्रोक्कोलाई (Cauliflower, Broccoli )
- संस्कृत- कपिशाक
Cauliflower: फूलगोभी संपूर्ण भारत में सब्जी के तौर पर प्रचलित है और इसकी खेती भी लगभग सभी प्रान्तों में की जाती है। इसका वानस्पतिक नाम ब्रासिका ओलेरेसिया वेरा. बोट्रायटीस है। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और लौह तत्व के अलावा विटामिन ए, बी, सी, आयोडीन, और पोटैशियम तथा थोड़ी-सी मात्रा में तांबा भी मौजूद होता है।
आदिवासियों के अनुसार इसके (Cauliflower) पत्तों को कुचलकर रस तैयार किया जाए और कुल्ला किया जाए तो मसूढ़ों से खून निकलना बंद हो जाता है, हालांकि यह रस गठिया रोग के लिए भी लाभकारी होता है। पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार इस रस का सेवन गले की सूजन भी दूर करता है। कच्ची फूलगोभी को साफ धोकर चबाने से खून साफ होता है और अनेक चर्मरोगों में आराम मिलता है। फूल गोभी और गाजर का रस समान मात्रा में तैयार कर इसका 1 गिलास प्रतिदिन दिन में दो बार देने से पीलिया ग्रस्त रोगी को फायदा होता है।
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डाँग- गुजरात के आदिवासी इसी फार्मूले को हाथ-पैर और हड्डियों में दर्द की शिकायत करने वाले रोगियों को देने की सलाह देते हैं। प्रतिदिन खाली पेट एक कप गोभी (Cauliflower) के रस का सेवन करने से कोलायटिस और पेट दर्द से संबंधित विकारों में आराम मिलता है। रात को सोने से पहले गोभी का रस पी लिया जाए तो कब्जियत की समस्या से निदान मिलता है। जिन्हें अक्सर पेशाब में जलन की शिकायत हो, उन्हें फूल गोभी की सब्जी ज्यादा खानी चाहिए। (साभार: आदिवासियों की औषधीय विरासत पुस्तक से )