Mother toungue: मातृभाषा से ही औपनिवेशिकता से उबरना संभव है: गिरीश्वर मिश्र

Mother toungue: भारत की भाषिक विविधता का अद्भुत विस्तार और उसका सहज स्वीकार प्राचीन काल से इस देश में सामाजिक बर्ताव का अहम हिस्सा रहा है । अथर्ववेद में यह … Read More

देश बड़ा या धर्म?(Country big or religion?)

Country big or religion: देश बड़ा या धर्म?: गिरीश्वर मिश्र Country big or religion: देश की मौजूदा सियासत के हालात कुछ ऐसे हो रहे हैं कि उसकी उठापटक में सभी … Read More

मतदाताओं को एक संबोधन (An address to voters) पूजा आर झीरीवाल

एक विश्लेषण कहता है कि कुछ देश मे आतंकवाद का कारण यह रहा कि वहाँ धर्म को प्राथमिकता दी जाती हैं । अतः इसी नीति से उनकी युवा शक्ति बेरोजगार … Read More

Budget-2022: बुलंद इरादों के साथ चाहिए प्रभावी कार्यान्वयन: गिरीश्वर मिश्र

Budget-2022: अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य की मानें तो सुख या खुशहाली के मूल में धर्म होता है . इस धर्म के मूल में अर्थ यानी विविध प्रकार के संसाधन की व्यवस्था … Read More

नर से नारायण की यात्रा: गिरीश्वर मिश्र(Nar se narayan ki yatra)

इन्हीं के समानांतर धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष के पुरुषार्थों को भी उन्होंने रेखांकित किया. उनका मानना था कि वैयक्तिकता के विरुद्ध जा कर अंतत: साम्यवाद भी व्यक्ति को कुचल … Read More

Mahatma Gandhi Punyatithi: विस्मरण के दौर में महापुरुष का स्मरण: गिरीश्वर मिश्र

~~महात्मा गांधी की पुण्य तिथि~~(Mahatma Gandhi Punyatithi) Mahatma Gandhi Punyatithi: महात्मा, बापू, और राष्ट्रपिता जैसे विशेषणों के साथ स्मरण किये जाने वाले देश के आत्मीय महापुरुष ने बड़ी गहनता के … Read More

Republic day-2022: सयाना होता भारतीय गणतंत्र: गिरीश्वर मिश्र

मनुष्य द्वारा रची कुछ बेहद ताकतवर परिभाषाओं में देश, राज्य, राष्ट्र और गणतंत्र जैसी कोटियाँ भी आती हैं जो धरती पर सामुदायिक-सांस्कृतिक यात्रा में पथ प्रदर्शक की भूमिकाएं अदा करती … Read More

Independence from indigenous: स्वदेशी से स्वाधीनता और सामर्थ्य का आवाहन

इस देश-गान में शस्य-श्यामल, सुखद, और वरद भारत माता की वन्दना की गई है । इस तरह गुलामी के दौर में देश में सब के प्राण बसते थे और देश … Read More

Parakram Diwas: उत्कट देशानुरागी और दुर्धर्ष स्वतंत्रता-सेनानी !

~~23 जनवरी पराक्रम (Parakram Diwas) दिवस पर विशेष~~ Parakram Diwas: आज देश-सेवा के नाम पर राजनीति में दम-ख़म आजमाने वाले हर तरह की सौदेबाजी करने पर उतारू हैं. उन्हें सत्ता … Read More

Vishva hindi diwas: हिंदी का विश्व और विश्व की हिंदी: गिरीश्वर मिश्र

हम सब यह देखते हैं कि दैनंदिन जीवन के क्रम में हमारे अनुभव वाचिक कोड बन कर एक ओर स्मृति के हवाले होते रहते हैं तो दूसरी ओर स्मृतियाँ नए-नए … Read More