Vishva hindi diwas: हिंदी का विश्व और विश्व की हिंदी: गिरीश्वर मिश्र

हम सब यह देखते हैं कि दैनंदिन जीवन के क्रम में हमारे अनुभव वाचिक कोड बन कर एक ओर स्मृति के हवाले होते रहते हैं तो दूसरी ओर स्मृतियाँ नए-नए … Read More

Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee: सौम्य संयत, पर दृढ!

भारतीय संसद के सदनों में उनकी सुदीर्घ उपस्थिति राजनैतिक संवाद और संचार के लिए मानक बन चुकी थी. उनके व्यक्तित्व की बुनावट के ताने-बाने देश और लोक के सरोकारों से … Read More

जीवंत संस्कृति नगरी काशी (Vibrant Culture City Kashi): गिरीश्वर मिश्र

‘बनारसी’ एक ख़ास तरह की जीवन-दृष्टि और स्वभाव को इंगित करने वाला ‘विशेषण’ भी बन चुका है जो भारत की बहुलता और जटिलता को रूपायित करता है. यहाँ बहुलता के … Read More

Nation’s consciousness: देश की चेतना स्वदेशी की जगह परदेश की ओर अभिमुख होती गई: गिरीश्वर मिश्र

इस देश-गान में शस्य-श्यामल, सुखद, और वरद भारत माता की वन्दना की गई है । इस तरह गुलामी के दौर में देश में सब के प्राण बसते थे और देश … Read More

Hindi Language: हिन्दी बने व्यवहार और ज्ञान की भाषा: गिरीश्वर मिश्र

Hindi Language: अक्सर भाषा को संचार और अभिव्यक्ति के एक प्रतीकात्मक माध्यम के रूप ग्रहण किया जाता है. यह स्वाभाविक भी है. हम अपने विचार, सुख-दुख के भाव और दृष्टिकोण … Read More

light festival: प्रकाश पर्व है जीवन का आमंत्रण: गिरीश्वर मिश्र

ऐसे में अब उत्सव और पर्व भी लोक-जीवन में यथार्थ से अधिक आभासी स्तर पर ही ज्यादा जिए जाने लगे हैं. शरद ऋतु भारत में उत्सवों की ऋतु है और … Read More

Gujarat politics: गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन के मायने: डॉ शिरीष काशीकर

वैसे तो जिस प्रकार से “हाईकमांड” ने दिल्ली से चक्कर चलाया और एक ही कंकड़ में कुछ पंछी मार दिए तो कुछ को घायल कर दिया। शांत स्वभाव के और … Read More

world mental health day: मानसिक स्वास्थ्य और सांस्कृतिक परिवर्तनः गिरीश्वर मिश्र

world mental health day: आदमी ही सक्रिय हो कर उत्पादक कार्यों को पूरा करते हुए न केवल अपने लक्ष्यों की पूर्ति कर पाता है बल्कि समाज और देश की उन्नति … Read More

Gandhi Jayanti: राष्ट्रपिता का भारत–बिम्ब और नैतिकता का व्यावहारिक आग्रह: गिरीश्वर मिश्र

स्मरणीय है अमेरिकी चिंतन ने यूरोप से अलग दृष्टि स्वीकार की और रूस ने भी स्वायत्त चिंतन की दृष्टि विकसित की. औपनिवेशिक भारत के लिए आत्मान्वेषण की राह बड़ी विकट … Read More

freedom has no value: स्वतंत्रता का कोई मोल नहीं: गिरीश्वर मिश्र

भारत की राष्ट्रीय चेतना को लेकर अक्सर यह विचार सुनने में आता है कि इसका विकास अंग्रेजों द्वारा भारत में लाई गई अंग्रेजी शिक्षा की देन है. यह कहते हुए … Read More