Bhasha sanchar aur gyan: भाषा, संचार और ज्ञान को चाहिए औपनिवेशिक सोच से मुक्ति: गिरीश्वर मिश्र

Bhasha sanchar aur gyan: भारत की भाषिक विविधता का अद्भुत विस्तार और उसका सहज स्वीकार प्राचीन काल से इस देश में सामाजिक बर्ताव का अहम हिस्सा रहा है। इस विविधता … Read More

New year challenges: नए वर्ष की चुनौतियाँ और सम्भावनाएँ: गिरीश्वर मिश्र

New year challenges: जब हम भारत और उसके कोटि-कोटि जनों के लिए सोचते हैं तो मन में भारत भूमि पर हज़ारों वर्षों की आर्य सभ्यता और संस्कृति की बहु आयामी … Read More

Indian women: भारतीय महिलाओं का सामाजिक यथार्थ और चुनौतियाँ: गिरीश्वर मिश्र

Indian women: इस तथ्य के बावजूद कि महिलाएं हमारे समाज का एक अभिन्न अंग हैं और कई महिलाएं घर और बाहर विविध जिम्मेदारियों को निभा रही हैं, उनकी स्थिति और … Read More

Is suicide the only way: क्या आत्महत्या ही एक मात्र रास्ता?: ममता कुशवाहा

क्या आत्महत्या ही एक मात्र रास्ता है ? (is suicide the only way) अपनी हर समस्या/परेशानी को खत्म करने का ? “आत्महत्या” (is suicide the only way) शब्द सुनना और … Read More

तुम दीपक हम बाती(tum dipak ham bati): गिरीश्वर मिश्र

tum dipak ham bati: भारतीय समाज अपने स्वभाव में मूलतः उत्सवधर्मी है और यहाँ के ज़्यादातर उत्सव सृष्टि में मनुष्य की सहभागिता को रेखांकित करते दिखते हैं । प्रकृति की … Read More

Paandity-parampara: पांडित्य-परम्परा की अनोखी सम्पदा रक्षणीय है: गिरीश्वर मिश्र

वाचिक पद्धति से सीखने और याद करने की अपनी सीमाएँ हैं । वाचिक ढंग से ग्रहण कर किसी सामग्री को स्मृति में बनाए रखने के लिए किसी तकनीकी उपकरण की … Read More

World mental health day: जीवन में आरोग्य है समृद्धि का द्वार: गिरीश्वर मिश्र

10 अक्टूबर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस( World mental health day) ‘जीवेम शरद: शतम्’ !(World mental health day) भारत में स्वस्थ और सुखी सौ साल की जिंदगी की आकांक्षा के साथ … Read More

हिजाब: (Hijab) ए कवर

ऐसी वास्तव में बहुत सी समस्याएं हो सकती है जो पुरुष या महिला वर्ग से संबंधित है । किंतु अभी ध्यान खींच रही है ईरान की घटना ।ईरान की यह … Read More

Vijayadashami 2022: सर्व मंगल मांगल्ये….

Vijayadashami 2022: विजयादशमी’ का उत्सव लोक-मंगल के लिए शक्ति के आवाहन का भव्य अवसर है। यह अपने ढंग का अकेला त्योहार है जो शारदीय नवरात्र और भगवान श्री राम की … Read More

Literature for publication: प्रकाशनार्थ साहित्य का निकष है लोक मंगल: गिरीश्वर मिश्र

आचार्य रामचंद्र शुक्ल (4 अक्टूबर 1884-2 फरवरी 1941) का नाम एक सुखद आश्चर्य लगता है। बीसवीं शताब्दी के आरंभ में उन्होंने मनो-भावों का एक अनुभवात्मक लेखा-जोखा प्रस्तुत किया था और … Read More