Western Railway Infrastructure: पश्चिम रेलवे इन्फ्रास्ट्रचर के अपग्रेडेशन और वृद्धि के साथ अग्रसर
Western Railway Infrastructure: महाप्रबंधक अनिल कुमार लाहोटी के कुशल मार्गदर्शन और ऊर्जावान नेतृत्व में पश्चिम रेलवे ने ढांचागत विकास और संवर्द्धन सहित कई क्षेत्रों में प्रभावशाली कार्य-निष्पादन प्राप्त करने के लिए सभी बाधाओं को पार करना जारी रखा है।
अहमदाबाद, 06 अप्रैल: Western Railway Infrastructure: भारतीय रेल पर कई उपलब्धियों में अग्रणी होने का गौरव प्राप्त करने वाली पश्चिम रेलवे ने एक बार फिर वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ कार्य-निष्पादन प्राप्त करते हुए रिकॉर्ड स्थापित करके अपनी श्रेष्ठता साबित की है। कोविड महामारी के बीच सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करने के बावजूद पश्चिम रेलवे और मध्य रेल के महाप्रबंधक अनिल कुमार लाहोटी के कुशल मार्गदर्शन और ऊर्जावान नेतृत्व में पश्चिम रेलवे ने ढांचागत विकास और संवर्द्धन सहित कई क्षेत्रों में प्रभावशाली कार्य-निष्पादन प्राप्त करने के लिए सभी बाधाओं को पार करना जारी रखा है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 सराहनीय प्रदर्शन के साथ विभिन्न मोर्चों पर पश्चिम रेलवे के लिए एक शानदार वर्ष रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 302 किमी गेज परिवर्तन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 233.51% अधिक है। साथ ही 80.12 किमी दोहरीकरण कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है।
अहमदाबाद-बोटाद गेज परिवर्तन परियोजना (Western Railway Infrastructure) के अंतर्गत कुल 170 किमी की लंबाई में से इस वित्तीय वर्ष में बोटाड-लोथल भुरखी-साबरमती डी केबिन का 166 किमी में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। ढासा-जेतालसर गेज परिवर्तन परियोजना के संपूर्ण 104.44 किलोमीटर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसी तरह, मियागाम कर्जन डभोई-समलाया गेज परिवर्तन के मियागाम-डभोई खंड का 31.50 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका है। ये गेज परिवर्तन परियोजनाएं भारतीय रेलवे पर यूनी-गेज नीति के लिए एक अहम कदम होंगी। यह गुजरात में कनेक्टिविटी में भी सुधार करेंगी और वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेंगी।
Western Railway Infrastructure: कई दोहरीकरण परियोजनाओं को भी युद्धस्तर पर पूर्ण किया जा रहा है। सुरेंद्रनगर-राजकोट रेल लाइन का डालडी-वांकानेर खंड (12.16 किमी), विरमगाम-समाखियाली का वधारवा-मालिया खंड (5 किमी), नीमच-चित्तौड़गढ़ का निम्बाहेड़ा-बिसालवास्कलां खंड (20 किमी) और पालनपुर-समाखियाली दोहरीकरण का भीलडी-चंडीसर (32 किमी) और पालनपुर-चंडीसर (12 किमी) खंड दोहरीकरण को भी हाल ही में समाप्त वित्तीय वर्ष में पूर्ण कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 382.15 किलोमीटर की बड़ी परियोजनाओं को पूर्ण किया गया है। दोहरीकरण परियोजनाओं के पूर्ण होने से मौजूदा ट्रैकों पर यातायात का दबाव कम करने तथा और अधिक माल एवं पैसेंजर ट्रेनों को समायोजित करने तथा भविष्य की जरूरतों को पूरा करने हेतु और अधिक ट्रेनों को शुरू करने में मदद मिलेगी। यह मौजूदा ट्रेनों की औसत गति और समयपालनता को बढ़ाने में भी सक्षम होगा।
विरमगाम-समाखियाली के बीच दोहरीकरण से कांडला बंदरगाह और मुंद्रा बंदरगाह से देश के अन्य हिस्सों में परिवहन सुगम हो जाएगा। इन सभी परियोजनाओं को कोविड-19 महामारी की प्रमुख बाधाओं के बावजूद कमीशन किया गया। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी [निर्माण] राम करण यादव के सक्षम नेतृत्व में पश्चिम रेलवे के निर्माण विभाग द्वारा किए गए कार्य प्रशंसनीय है।
पश्चिम रेलवे देश के समग्र और आर्थिक विकास हेतु ढांचागत वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है।