Special task force: इस राज्य में कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को बचाने के लिए सरकार गठित करेगी स्पेशल टास्क फोर्स
Special task force: तीसरी लहर के दौरान करीब 40 हजार बेड्स की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए हमें पहले से ही तैयार रहना होगा। इन 40 हजार बेड्स में से करीब 10 हजार आईसीयू बेड्स होने चाहिए।
- अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो उससे लड़ने के लिए हमें पहले से ही तैयार रहना होगा- अरविंद केजरीवाल
- तीसरी लहर से बच्चों को बचाने और उन पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने आदि के लिए विशेष टास्क फोर्स (Special task force) का गठन किया जाएगा- अरविंद केजरीवाल
- अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन और दवाओं का पहले से ही प्रबंध करना होगा, इसके लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाई जाएगी- अरविंद केजरीवाल
- मुख्यमंत्री ने डिप्टी सीएम, मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए
रिपोर्ट: महेश मौर्य, दिल्ली
नई दिल्ली, 19 मई:Special task force: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर अपनी तैयारियां तेज कर दी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली सचिवालय में इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक की और तैयारियों को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो उससे लड़ने के लिए हमें पहले से ही तैयार रहना होगा। तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन और दवाओं का पहले से ही प्रबंध करना होगा, इसके लिए अधिकारियों की एक कमेटी (Special task force) बनाई जाएगी। अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति और उसकी उपलब्धता को लेकर प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाएगा। सीएम ने निर्देश दिए कि दिल्ली में लगाए जा रहे सभी ऑक्सीजन के प्लांट्स को समय से पूरा किया जाए और भंडारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। बैठक में उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव समेत स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
दरअसल, दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना की मौजूदा दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर के भी आने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि तीसरी लहर का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ सकता है। इसी के मद्देनजर सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। इसको लेकर आज दिल्ली सचिवालय में सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
बैठक में विचार-विमर्श किया गया कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो उसका मुकाबला कैसे किया जाएगा? तीसरी लहर का बच्चों पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को देखते हुए बहुत सी तैयारियां करनी होगी। इसके लिए अस्पतालों में बेड्स का प्रबंधन महत्वपूर्ण है। इस बात पर विचार किया गया कि तीसरी लहर के दौरान दिल्ली में अधिकतम कितने केस आने की संभावना है और उसके लिए कितने बेड की आवश्यकता पड़ेगी? अधिकारियों ने एक अनुमानित आंकलन के अनुसार बताया कि तीसरी लहर के दौरान करीब 40 हजार बेड्स की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए हमें पहले से ही तैयार रहना होगा। इन 40 हजार बेड्स में से करीब 10 हजार आईसीयू बेड्स होने चाहिए।
बैठक में निर्णय लिया गया कि संभावित तीसरी लहर को लेकर एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस टास्क फोर्स (Special task force) में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। यह टास्क फोर्स बच्चों के उपर कोरोना का क्या असर होगा, उस प्रभाव को कैसे कम किया जा सकेगा और बच्चों को इससे कैसे बचाया जा सकेगा, समेत अन्य पहलुओं पर गौर करेगी और उसके मुताबिक उचित निर्णय लेगी।
बैठक में ऑक्सीजन और दवाओं के प्रबंधन पर भी विस्तार से चर्चा हुई। जिसमें तय किया गया कि ऑक्सीजन और दवाओं का पहले से ही प्रबंध करना होगा। ऑक्सीजन की आपूर्ति और उसकी उपलब्धता को लेकर प्राथमिकता के आधार पर काम करना होगा। (Special task force) इस बात पर बल दिया गया कि किसी भी हालत में ऑक्सीजन की कालाबाजारी न होने पाए। कालाबाजारी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे, ताकि जरूरतमंद लोगों को आसानी से उपलब्ध हो सके। इस पर निगरानी रखने के लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाई जाएगी।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर हम बड़े पैमाने पर बेड्स बढ़ाएंगे, तो उसके लिए हमें बड़े मात्रा में ऑक्सीजन की भी जरूरत पड़ेगी। इसके लिए भी हमें तैयार रहना होगा, ताकि एकाएक ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है, तो उसको पूरा किया जा सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि इसके लिए दिल्ली सरकार पहले से ही ऑक्सीजन के टैंकर खरीद कर रखेगी और बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर भी खरीदे जाएंगे, ताकि अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाने में कोई समस्या न आए।
सीएम ने यह भी निर्देश दिए कि विभिन्न अस्पतालों में जो ऑक्सीजन के प्लांट लगाए जा रहे हैं, उनको भी समय पर पूरा किया जाए और ऑक्सीजन के भंडारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए, ताकि अगर ऑक्सीजन की जरूरत पड़े, तो उस दौरान भगदड़ की स्थिति न पैदा हो।
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