Uddhav vs Shinde

SC verdict on shiv sena controversy: उद्धव ठाकरे की गलती पड़ी उनपर भारी, अगर ऐसा नहीं किया होता तो फिर से होती ताजपोशी…

SC verdict on shiv sena controversy: अगर उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा न दिया होता तो वह पुरानी स्थित बहाल कर सकते थे: सुप्रीम कोर्ट

मुंबई, 11 मईः SC verdict on shiv sena controversy: शिवसेना (उद्धव गुट) बनाम शिवसेना (शिंदे गुट) विवाद में आज सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने अहम निर्णय सुनाया हैं। दरअसल अदालत ने कहा है कि, अगर उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा न दिया होता तो वह पुरानी स्थित बहाल कर सकते थे। साथ ही साथ कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए बड़ी बेंच के पास भेज दिया हैं।

जानकारी के मुताबिक, अदालत ने कहा कि तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने जो निर्णय लिया वो पूरी तरह गलत था। अगर उद्धव ठाकरे उस समय इस्तीफा नहीं देते तो शायद आज महाराष्ट्र में तख्तापलट हो सकता था। अब कोर्ट ने साफ किया है शिंदे गुट की नियुक्ति सही नहीं थी।

तो अयोग्य हो जाते शिंदे गुट के विधायक

बता दें कि अगर उद्धव ठाकरे उस समय इस्तीफा नहीं देते तो आज स्थितियां कुछ अलग होती। आज शिंदे गुट के विधायक अयोग्य साबित हो सकते थे और उनकी सरकार पर खतरा पैदा हो सकता था, यहां तक की उद्धव सरकार की फिर से ताजपोशी हो सकती थी।

भले ही इस फैसले से शिंदे सरकार को कोई खतरा पैदा नहीं हुआ है लेकिन कोर्ट ने एक लकीर खींच दी है कि आने वाले दिनों में इस तरह की परिस्थितियों में राजनीतिक दल मनमानी नहीं कर सकते हैं। अब सात जजों की पीठ नबाम रेबिया, राज्यपाल तथा स्पीकर की भूमिकाओं पर फैसला लेगी, जिस पर कितना समय लगेगा यह तय नहीं है।

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