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Saurashtra Patel Seva Samaj: सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा निर्मित भूमि पूजन समारोह में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

Saurashtra Patel Seva Samaj: ‘सबका साथ, सबका विकास’ का सामर्थ्य क्या होता है, ये भी मैंने गुजरात से ही सीखा हैः पीएम मोदी

गांधीनगर, 15 अक्टूबरः Saurashtra Patel Seva Samaj: ‘सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज’ द्वारा आज विजया दशमी के अवसर पर एक पुण्य कार्य का शुभारंभ हो रहा है। मैं आप सभी को और पूरे देश को विजया दशमी की हार्दिक बधाई देता हूँ। रामचरित मानस में प्रभु श्रीराम के भक्तों के बारे में, उनके अनुयायियों के बारे में बहुत ही सटीक बात कही गई है। रामचरित मानस में कहा गया है-

प्रबल अबिद्या तम मिटि जाई।

हारहिं सकल सलभ समुदाई

अर्थात्, भगवान राम के आशीर्वाद से, उनके अनुसरण से अविद्या, अज्ञान और अंधकार मिट जाते हैं। जो भी नकारात्मक शक्तियाँ हैं, वो हार जाती हैं। और भगवान राम के अनुसरण का अर्थ है- मानवता का अनुसरण, ज्ञान का अनुसरण! इसीलिए, गुजरात की धरती से बापू ने रामराज्य के आदर्शों पर चलने वाले समाज की कल्पना की थी। मुझे खुशी है कि गुजरात के लोग उन मूल्यों को मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं, उन्हें मजबूत कर रहे हैं। ‘सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज’ द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में आज की गई ये पहल भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है। आज फेज-वन हॉस्टल का भूमि पूजन हुआ है।

Saurashtra Patel Seva Samaj:  मुझे बताया गया है कि साल 2024 तक दोनों फेज का काम पूरा कर लिया जाएगा। कितने ही युवाओं को, बेटे-बेटियों को आपके इन प्रयासों से एक नई दिशा मिलेगी, उन्हें अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलेगा। मैं इन प्रयासों के लिए सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज को, और विशेष रूप से अध्यक्ष कानजी भाई को भी और उनकी सारी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। मुझे इस बात से भी बहुत संतोष है कि सेवा के इन कार्यों में, समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की चेष्टा है, प्रयास है।

Saurashtra Patel Seva Samaj:  जब मैं अलग-अलग क्षेत्रों में सेवा के ऐसे कार्यों को देखता हूँ, तो मुझे गर्व होता है कि गुजरात किस तरह सरदार पटेल की विरासत को आगे बढ़ा रहा है। सरदार साहब ने कहा था और सरदार साहब के वाक्‍य हमने अपने जीवन में बांध्‍कर रखना है। सरदार साहब ने कहा था-जाति और पंथ को हमें रुकावट नहीं बनने देना है।

हम सभी भारत के बेटे और बेटियां हैं। हम सभी को अपने देश से प्रेम करना चाहिए, परस्पर स्नेह और सहयोग से अपना भाग्य बनाना चाहिए। हम खुद इसके साक्षी हैं कि सरदार साहब की इन भावनाओं को गुजरात ने किस तरह हमेशा मजबूती दी है। राष्ट्र प्रथम, ये सरदार साहब की संतानों का जीवन मंत्र है। आप देश दुनिया में कहीं भी चले जाइए, गुजरात के लोगों में ये जीवन मंत्र आपको हर जगह दिखेगा।

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भारत इस समय अपनी आजादी के 75वें वर्ष में है। ये अमृतकाल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तित्वों को याद करने की भी प्रेरणा देता है, जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई। आज की पीढ़ी को उनके बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है। आज गुजरात जिस ऊंचाई पर पहुंचा है, उसके पीछे ऐसे अनेकों लोगों का तप-त्याग और तपस्या रही है। विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे-ऐसे व्यक्तित्व हुए जिन्होंने गुजरात की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई।

हम सब शायद जानते होंगे, उत्‍तर गुजरात में इनका जन्म हुआ, और आज गुजरात के हर कोने में उनको याद किया जाता है। ऐसे ही एक महापुरुष थे छगनभा। उनका दृढ़ विश्वास था कि शिक्षा ही समाज के सशक्तिकरण का सबसे बड़ा माध्यम है। आप कल्पना कर सकते हैं, आज से 102 साल पहले 1919 में उन्होंने ‘कडी’ में सर्व विद्यालय केलवणी मंडल की स्थापना की थी। ये छगन भ्राता, ये दूरदृष्टि का काम था। ये उनकी दूरदृष्टि थी, उनका विजन था।

Saurashtra Patel Seva Samaj: उनका जीवन मंत्र था- कर भला, होगा भला और इसी प्रेरणा से वो आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को संवारते रहे। जब 1929 में गांधी जी, छगनभा जी के मंडल में आए थे तो उन्होंने कहा था कि- छगनभा बहुत बड़ा सेवाकार्य कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपने बच्चे, छगनभा के ट्रस्ट में पढ़ने के लिए भेजने को कहा था।

Saurashtra Patel Seva Samaj: जो लोग गुजरात के बारे में कम जानते हैं, उन्हें मैं आज वल्लभ विद्यानगर के बारे में भी बताना चाहता हूं। आप में से काफी लोगों को पता होगा, ये स्थान, करमसद-बाकरोल और आनंद के बीच में पड़ता है। इस स्थान को इसलिए विकसित किया गया था ताकि शिक्षा का प्रसार किया जा सके, गांव के विकास से जुड़े कामों में तेजी लाई जा सके। वल्लभ विद्यानगर के साथ सिविल सेवा के दिग्गज अधिकारी एच एम पटेल जी भी जुड़े थे। सरदार साहब जब देश के गृह मंत्री थे, तो एच एम पटेल जी उनके काफी करीबी लोगों में गिने जाते थे। बाद में वो जनता पार्टी की सरकार में वित्त मंत्री भी बने।

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‘सबका साथ, सबका विकास’ का सामर्थ्य क्या होता है, ये भी मैंने गुजरात से ही सीखा है। एक समय गुजरात में अच्छे स्कूलों की कमी थी, अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षकों की कमी थी। उमिया माता का आशीर्वाद लेकर, खोड़ल धाम के दर्शन करके, मैंने इस समस्या के समाधान के लिए लोगों का साथ मांगा, लोगों को अपने साथ जोड़ा। आपको याद होगा, गुजरात ने इस परिस्थिति को बदलने के लिए प्रवेशोत्सव की शुरुआत की थी। स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़े, इसके लिए साक्षरदीप और गुणोत्सव शुरू किया गया था।

मुझे खुशी है कि आज बेटियों की पढ़ाई के लिए, उनके भविष्य के लिए प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं। मुझे याद है, ये आप ही लोग थे जिन्होंने सूरत से पूरे गुजरात में बेटी बचाओ अभियान चलाया था, और मुझे याद है उस समय मैं आपके समाज के लोगों के बीच में आता था तो ये कड़वी बात बताए बिना कभी चूकता नहीं था। आप राजी हो जाएं, नाराज हो जाएं, इसका ख्‍याल किए बिना मैंने हमेशा कड़वी बात बताई थी बेटियों को बचाने की। और मुझे आज संतोष से कहना है कि आप सबने मेरी बात को उठा लिया। और आपने सूरत से जो यात्रा निकाली थी, पूरे गुजरात में जा करके, समाज के हर कोने में जा करके, गुजरात के हर कोने में जा करके बेटी बचाने के लिए लोगों को शपथ दिलाई थी। और मुझे भी आपके उस महाप्रयास में आपके साथ जुड़ने का मौका मिला था। बहुत बड़ा प्रयास किया था आप लोगों ने।

गुजरात ने, रक्षाशक्ति यूनिवर्सिटी, अभी हमारे भूपेन्द्र भाई बड़ा विस्‍तार से यूनिवर्सिटी का वर्णन कर रहे थे लेकिन मैं भी इसको दोहराना चाहता हूं, ताकि आज हमारे देश के लोग इस कार्यक्रम को देख रहे हैं तो उनको भी पता चले। गुजरात ने इतने कम समय में रक्षाशक्ति यूनिवर्सिटी, दुनिया की पहली फ़ॉरेन्सिक साइन्स यूनिवर्सिटी, लॉ यूनिवर्सिटी, और दीन दयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी, इसके साथ ही दुनिया की पहली चिल्ड्रेन्स यूनिवर्सिटी, टीचर्स ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, कामधेनु यूनिवर्सिटी, जैसी अनेकों innovative शुरुआत करके देश को नया मार्ग दिखाया है।

आज इन सारे प्रयासों का लाभ गुजरात की युवा पीढ़ी को मिल रहा है। मैं जानता हूं, आप में से अधिकतर को इनके बारे में पता है और अभी भूपेन्‍द्र भाई ने बताया भी है, लेकिन आज मैं ये बातें आपके सामने इसलिए दोहरा रहा हूं क्योंकि जिन प्रयासों में आपने मेरा साथ दिया, आप मेरे साथ कंधे से कंधा मिला करके चले, आपने कभी पीछे मुड़ करके देखा नहीं। उससे मिले अनुभव आज देश में बड़े बदलाव ला रहे हैं।

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Saurashtra Patel Seva Samaj: आज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए देश की शिक्षा व्यवस्था को भी आधुनिक बनाया जा रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रोफेशनल कोर्सेस की पढ़ाई स्थानीय भाषा में मातृभाषा में कराए जाने का विकल्प भी दिया गया है। बहुत कम लोगों को समझ आ रहा है कि इसका कितना बड़ा प्रभाव पैदा होने वाला है। गांव का, गरीब का बच्‍चा भी अब अपने सपने साकार कर सकता है। भाषा के कारण उसकी जिंदगी में अब रुकावट नहीं आने वाली। अब पढ़ाई का मतलब डिग्री तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पढ़ाई को स्किल के साथ जोड़ा जा रहा है। देश अपने पारंपरिक स्किल्स को भी अब आधुनिक संभावनाओं से जोड़ रहा है।

Saurashtra Patel Seva Samaj: भूपेंद्र भाई के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद आज पहली बार मुझे इतने विस्तार से गुजरात के लोगों को संबोधित करने का अवसर मिला है। एक साथी कार्यकर्ता के रूप में भूपेंद्र भाई से मेरा परिचय, 25 वर्ष से भी ज्यादा का है। ये हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है कि भूपेंद्र भाई, एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो टेक्नोलॉजी के भी जानकार हैं और जमीन से भी उतना ही जुड़े हुए हैं। अलग-अलग स्तर पर काम करने का उनका अनुभव, गुजरात के विकास में बहुत काम आने वाला है।

कभी एक छोटी सी नगरपालिका के सदस्य, फिर नगरपालिका के अध्यक्ष, फिर अहमदाबाद महानगर के कॉरपोरेटर, फिर अहमदाबाद महानगर पालिका की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन, फिर AUDA- औडा जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के चेयरमैन, करीब-करीब 25 वर्षों तक अखंड रूप से उन्होंने ग्रास रूट शासन-प्रशासन को देखा है, परखा है, उस का नेतृत्व किया है। मुझे खुशी है कि आज ऐसे अनुभवी व्यक्ति गुजरात की विकास यात्रा को, तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए गुजरात का नेतृत्व कर रहे हैं।

मेरा एक आग्रह आप सभी से आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर भी है। इस अमृत महोत्सव में आप सभी को भी कुछ संकल्प लेना चाहिए, देश को कुछ देने वाला मिशन शुरू करना चाहिए। ये मिशन ऐसा हो, जिसका प्रभाव गुजरात के कोने-कोने में नजर आना चाहिए। जितना सामर्थ्य आप में है, मैं जानता हूं आप सब मिल करके ये कर सकते हैं।

हमारी नई पीढ़ी, देश के लिए, समाज के लिए जीना सीखे, इसकी प्रेरणा भी आपके प्रयासों का अहम हिस्सा होनी चाहिए। ‘सेवा से सिद्धि’ के मंत्र पर चलते हुए हम गुजरात को, देश को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे। आप सबके बीच लंबे अर्से के बाद आने का सौभाग्‍य मिला। यहां वर्चुअली मैं सबके दर्शन कर रहा हूं। सारे पुराने चेहरे मेरे सामने हैं। इसी शुभकामना के साथ, आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद !

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इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुखभाई मांडविया, केंद्रीय रेल एवं कपड़ा राज्य मंत्री दर्शनबेन जरदोश, केंद्रीय कृषि मंत्री पुरुषोत्तमभाई रूपाला, शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघानी, सड़क एवं आवास मंत्री पूर्णेशभाई मोदी, कृषि मंत्री राघवजीभाई पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, कृषि, ऊर्जा और पेट्रोरसायन राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल, परिवहन राज्य मंत्री अरविंदभाई रैयानी, सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल, मेयर डॉ. हेमालीबेन बोघावाला, मुख्य दानदाता हंसराजभाई गोंडालिया, सरदारधाम के मुख्यमंत्री गग्जीभाई सुतारिया, पाटीदार उद्योगपति, अग्रणी और अन्य दानदाताओं सहित विधायक मौजूद थे।

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