RJT Electronic Interlocking System: राजकोट रेल मंडल ने 50 स्टेशनों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से किया सुसज्जित
RJT Electronic Interlocking System: राजकोट मंडल रेल प्रबंधक अश्वनी कुमार के अनुसार शेष 6 स्टेशन भी निकट भविष्य में एडवांस इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (EI) प्रणाली से लैस होंगे।
राजकोट, 22 अगस्त: RJT Electronic Interlocking System: पश्चिम रेलवे का राजकोट मंडल हमेशा से ही अपने सम्माननीय यात्रियों के लिए विशेष रूप से सुरक्षा और संरक्षा उपायों से संबंधित विभिन्न सुविधाएँ प्रदान करने में अग्रणी रहा है। इसी क्रम में, राजकोट मंडल ने 50 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम शुरू किया है जो ट्रेन की आवाजाही पर सटीक नियंत्रण सुनिश्चित करता है और मानवीय त्रुटि की संभावना को समाप्त करता है।
राजकोट मंडल क्रमिक रूप से सभी विद्युत सिग्नलिंग प्रतिष्ठानों को नए कंप्यूटर आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से बदल रहा है। अब तक 56 इंटरलॉक्ड स्टेशनों में से 50 स्टेशनों को यूनिवर्सल फेल सेफ ब्लॉक इंस्ट्रूमेंट के साथ कंप्यूटर आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली प्रदान की गई है।
राजकोट मंडल रेल प्रबंधक अश्वनी कुमार के अनुसार शेष 6 स्टेशन भी निकट भविष्य में एडवांस इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (EI) प्रणाली से लैस होंगे। EI सिग्नल, पॉइंट और लेवल-क्रॉसिंग गेटों को नियंत्रित करने के लिए कंप्यूटर-आधारित सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करता है।
पारंपरिक विद्युत रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम के विपरीत जहां असंख्य तारों और रिले का उपयोग किया जाता है, EI इंटरलॉकिंग लॉजिक का प्रबंधन करने के लिए सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक घटकों का उपयोग करता है। यह यार्ड में सिग्नलिंग गियर से प्राप्त इनपुट को पढ़ता है और ऑपरेशनल कंसोल (VDU) से प्राप्त आदेशों को फेल-सेफ तरीके से संसाधित करता है।
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इस तकनीक से कई लाभ हुए हैं, जिसका सुरक्षा पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है और साथ ही ट्रेनों की गति बढ़ाने में भी मदद मिली है। यह प्रणाली परस्पर विरोधी मार्गों, गलत सिग्नल या मानवीय चूक के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करती है।
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