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Rajiv Gandhi assassination case: राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिए यह आदेश

Rajiv Gandhi assassination case: सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा करने का दिया आदेश

नई दिल्ली, 18 मईः Rajiv Gandhi assassination case: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के मामले (Rajiv Gandhi assassination case) में बड़ा फैसला लिया है। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया है। वह पिछले 31 सालों से जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल, राज्य मंत्रिमंडल की रिहाई की सिफारिश को यूं ही नहीं लटका सकते।

Rajiv Gandhi assassination case: पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था कि तमिलनाडु सरकार ने उसे रिहा करने का फैसला लिया था, लेकिन राज्यपाल ने फाइल को काफी समय तक अपने पास रखने के बाद राष्ट्रपति को भेज दिया था। यह संविधान के खिलाफ है। 11 मई को हुई सुनवाई में केंद्र ने पेरारिवलन की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजने के तमिलनाडु के राज्यपाल के फैसले का बचाव किया था।

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जानकारों की मानें तो पेरारिवलन पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने बाद अब नलिनी श्रीहरन, मरुगन, एक श्रीलंकाई नागरिक सहित मामले में अन्य 6 दोषियों की रिहाई की उम्मीद भी जग गई है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ को बताया था कि केंद्रीय कानून के तहत दोषी ठहराए गए शख्स की सजा में छूट, माफी और दया याचिका के संबंध में याचिका पर केवल राष्ट्रपति ही फैसला कर सकते हैं।

Rajiv Gandhi assassination case: उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया गया था। सभी को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया।

Rajiv Gandhi assassination case: 2016 और 2018 में जे जयललिता और एके पलानीसामी की सरकार ने दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी। मगर बाद के राज्यपालों ने इसका पालन नहीं किया और अंत में इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया। लंबे समय तक दया याचिका पर फैसला नहीं होने की वजह से दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

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