दिल्ली सरकार नवाचार को कर रही है प्रोत्साहित, शिक्षा संस्थानों को हम कर रहे हैं प्रोत्साहित- मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia)
- हमें ऐसे नौजवान तैयार करने हैं जो लोगों को नौकरी दें ना कि खुद ढूँढे- सिसोदिया
- शिक्षा संस्थानों में छात्रों का सतत असेसमेंट होते रहना चाहिए, सिर्फ़ तीन घंटे की एक परीक्षा से नहीं बनेगी बात- उपमुख्यमंत्री
- आने वाले समय में हमारा मुकाबला रोबोट से होने वाला है, छात्रों को होना होगा उसके लिए तैयार- मनीष सिसोदिया
रिपोर्ट: महेश मौर्य
दिल्ली सरकार नवाचार को कर रही है प्रोत्साहित, शिक्षा संस्थानों को हम कर रहे हैं प्रोत्साहित- मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia)
नई दिल्ली, 20 मार्चः उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा की भारत में अब विश्वविद्यालयों को देश की दशा और दिशा तय करने की जरूरत है। हमारे यहां इंस्टिट्यूशन में रिसर्च में ज्यादा समय नहीं दिया जाता जबकि “रिसर्च नीड इन्वेस्टमेंट, टाइम एंड मनी। हमें अपने वर्तमान अप्रोच को बदलने की जरूरत है। हमारे लीडरशिप को अपना अप्रोच बदलना होगा। रिसर्च के लिए संसाधन उपलब्ध कराने होंगे। उन्हें समय देना होगा। कोई भी नवाचार एक दिन में सामने नहीं आता है। साथ ही हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों को भी इसकी ज़िम्मेदारी लेनी होगी। हमें अपने छात्रों को कॉन्फिडेंट और क्रिटिकल थिंकिंग वाला बनाने की ज़रूरत है। यूनिवर्सिटी एजुकेशन को लेकर एक नई अप्रोच लेकर चले तो देश में बहुत कुछ बदल जायेगा।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने उच्च शिक्षा में नवाचार और अनुसंधान के संबंध में सुधार की सबसे ज्यादा आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि “हमारे इंस्टीट्यूट कही न कही सरकारों की गाइड लाइन से बंधे हुए हैं उसकी वजह से कई समस्या आती है। हमें उन्हें अपने क़ायदे बनाने के लिए मुक्त करना होगा तभी आउट ऑफ बॉक्स सोच आ पाएगी। जिस दिन हम खुल जाएंगे हम ज़बरदस्त काम करने लगेंगे”
मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि “फ्यूचर ऑफ एजुकेशन का रास्ता प्रोफेसर्स के बीच से ही होकर गुजरता है। पोस्ट पैंडेमिक, टेक्नोलॉजी का टोन चेंज हुआ है। आने वाले समय में जो भी चैलेंज है उसके लिए युवाओं को खड़े होने की ज़रूरत है। क्विक रेस्पॉन्स की ज़रूरत है। दुनिया में टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से विकसित और अपग्रेड हो रही है कि आने वाले समय मे हमारा मुकाबला रोबोट से होने वाला है। हमारी उच्च शिक्षा व्यवस्था को आज से ऐसा डिज़ाइन करना होगा कि आने वाले 50 सालों में कंप्यूटर उसे बदल नहीं पाए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को ये हमेशा ध्यान रखना चाहिए की संस्थान से जो भी मिले उसे सर पर रखकर नहीं ले कर चलना है। नहीं तो सारा ज्ञान बोझ बन जाएगा। उसे पैरों के नीचे रखिए और अपना क़द बढ़ाइए। हर रोज नई तकनीक सीखिए, नई स्किल हासिल कीजिए। संस्थान से मिले अपने सारे ज्ञान और अनुभवों से आगे बढ़कर कुछ करने की हिम्मत करने वाले युवा आज नौकरी मांगने का नहीं, देने का काम कर रहें हैं।
सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि हमारे पूरे एजुकेशन सिस्टम में असेसमेंट के तरीके में बदलाव करने की ज़रूरत है। तीन घंटे में बच्चों का आकलन नहीं किया जा सकता है। इसके लिए उनके लगातार असेसमेंट की ज़रूरत है। दिल्ली में जो शिक्षा बोर्ड बना रहे हैं उसमें हम यही करने जा रहे हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शुक्रवार को कोविड महामारी के दौरान नई तकनीकी के इस्तेमाल से उच्च शिक्षा में बेहतरीन योगदान देने वाले प्रोफेसरों को ‘न्यू कोड एजुकेशन अवार्ड 2021’ से सम्मानित किया।