प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) पर
आप सभी को सातवें ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
नई दिल्ली, 20 जून: international yoga day: आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है, तो योग उम्मीद की एक किरण भी बना हुआ है। दो वर्ष से दुनिया भर के देशो में और भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ हों लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह ज़रा भी कम नहीं हुआ है. कोरोना के बावजूद , इस बार की योग दिवस की थीम “Yoga for wellness” ने करोड़ों लोगों में योग के प्रति उत्साह को और भी बढाया है .मैं आज योग दिवस पर ये कामना करता हूं की हर देश, हर समाज और हर व्यक्ति स्वस्थ हो, सब एक साथ मिलकर एक दूसरे की ताकत बनें.
हमारे ऋषियों-मुनियों ने योग के लिए “समत्वम् योग उच्यते” ये परिभाषा दी थी। उन्होंने सुख-दुःख में समान रहने, संयम को एक तरह से योग का पैरामीटर बनाया था। आज इस वैश्विक त्रासदी में योग ने इसे साबित करके दिखाया है। कोरोना के इन डेढ़ वर्षों में भारत समेत कितने ही देशों ने बड़े संकट का सामना किया है।
दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस (international yoga day) कोई उनका सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है। इस मुश्किल समय में, इतनी परेशानी में लोग इसे आसानी से भूल सकते थे, इसकी उपेक्षा कर सकते थे। लेकिन इसके विपरीत, लोगों में योग का उत्साह और बढ़ा है, योग से प्रेम बढ़ा है। पिछले डेढ़ सालों में दुनिया के कोने कोने में लाखों नए योग साधक बने हैं। योग का जो पहला पर्याय, संयम और अनुशासन को कहा गया है, सब उसे अपने जीवन में उतारने का प्रयास भी कर रहे हैं।
जब कोरोना के अदृष्य वायरस ने दुनिया में जब दस्तक दी थी, तब कोई भी देश, साधनों से, सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से, इसके लिए तैयार नहीं था। हम सभी ने देखा है कि ऐसे कठिन समय में, योग आत्मबल का एक बड़ा माध्यम बना। योग ने लोगों में ये भरोसा बढ़ाया कि हम इस बीमारी से लड़ सकते हैं।
मैं जब फ्रंटलाइन वारीयर्स से, डॉक्टर्स से बात करता हूँ, तो वो मुझे बताते हैं कि, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उन्होंने योग को भी अपना सुरक्षा-कवच बनाया। डॉक्टरों ने योग से खुद को भी मजबूत किया, और अपने मरीजों को जल्दी स्वस्थ करने में इसका उपयोग भी किया। आज अस्पतालों से ऐसी कितनी ही तस्वीरें आती हैं जहां डॉक्टर्स, नर्सेस, मरीजों को योग सिखा रहे हैं, तो कहीं मरीज अपना अनुभव साझा कर रहे हैं। प्राणायाम, अनुलोम-विलोम जैसी breathing exercises से हमारे respiratory system को कितनी ताकत मिलती है, ये भी दुनिया के विशेषज्ञ खुद बता रहे हैं।