Indian Railways Campaign: भारतीय रेल ने ट्रेनों में ज्वलनशील वस्तुओं को ले जाने के खिलाफ चलाया गहन अभियान
Indian Railways Campaign: ट्रेन में यात्रा करते समय सावधान रहें तथा ज्वलनशील वस्तुएं लेकर यात्रा न करें और न ही अपने सह-यात्रियों को ज्वलनशील वस्तुएं ले जाने दें।
वडोदरा, 17 नवंबर: Indian Railways Campaign: मौजूदा त्योहारी सीज़न के दौरान नई दिल्ली, आनंद विहार, जबलपुर, विजयवाड़ा आदि जैसे विभिन्न स्टेशनों पर ट्रेनों में पटाखों का पता चलने के बाद रेल मंत्रालय ने रेलवे नेटवर्क में ज्वलनशील वस्तुओं को ले जाने के खिलाफ अभियान के लिए जोनल रेलवे को निर्देश जारी किए हैं। ट्रेन यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे ने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे ट्रेन में यात्रा करते समय सावधान रहें तथा ज्वलनशील वस्तुएं लेकर यात्रा न करें और न ही अपने सह-यात्रियों को ज्वलनशील वस्तुएं ले जाने दें।
सभी जोनल रेलवे ने यात्रियों के लिए गहन जागरूकता अभियान शुरू किया है। रेलवे स्टेशनों पर नियमित रूप से उद्घोषणाएं की जा रही हैं, जिसमें ट्रेन यात्रा के दौरान यात्रियों को ट्रेनों में पटाखे, गैस सिलेंडर, एसिड, पेट्रोल, केरोसिन आदि जैसी ज्वलनशील और विस्फोटक वस्तुएं न ले जाने की अपील की जा रही है। जोनल रेलवे ने संबंधित अधिकारियों को ट्रेन से यात्रा करते समय यात्रियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है। रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) और शासकीय रेल पुलिस (जीआरपी) के जवानों को सतर्क किया गया है। सामान और पार्सल वस्तुओं को लोड करने से पहले अच्छी तरह से स्कैन किया जा रहा है।
आग की घटनाओं को रोकने के लिए रेल यात्रियों को निवारक उपाय करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु जन जागरूकता अभियान:
● वितरित किये गये लीफलेट की संख्या : 36,852
● स्टिकर/पोस्टर की संख्या : 12,401
● प्रदर्शित किये गए नुक्कड़ नाटकों की संख्या: 638
● स्टेशनों की संख्या, जहां जनउद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से उद्घोषणाएं की जाती है: 14,362
● प्रिंट मीडिया में प्रकाशित विज्ञापन : 171
● टीवी चैनलों/आरडीएन में प्रदर्शित वीडियो: 1,320
● सोशल मीडिया पर बैनर पोस्ट करना : 928
एक जन जागरूकता बैठक आयोजित की गई
● पार्सल पोर्टर के साथ आयोजित जागरूकता बैठक की संख्या : 3,887
● लीज धारकों और उनके कर्मचारियों के साथ आयोजित जागरूकता बैठक की संख्या: 2,145
● पार्सल स्टाफ के साथ आयोजित जागरूकता बैठक की संख्या: 4,694
● पेंट्री कार स्टाफ के साथ आयोजित जागरूकता बैठक की संख्या: 9,386
● स्टेशनों के कैटरिंग स्टाफ के साथ आयोजित जागरूकता बैठक की संख्या: 5,120
● कुली के साथ आयोजित जागरूकता बैठक की संख्या: 5,094
● ओबीएचएस स्टाफ के साथ आयोजित जागरूकता बैठक की संख्या: 4,510
● अन्य आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ आयोजित जागरूकता बैठक की संख्या: 4,977
● यात्रियों के साथ आयोजित जागरूकता बैठक की संख्या: 79,060
की गई कानूनी कार्रवाई
● ट्रेनों में की गई जांच की संख्या: 37,311
● स्टेशनों पर की गई जांच की संख्या: 22,110
● यार्डों/वॉशिंग लाइनों/पिट लाइनों/ईंधन बिंदुओं पर की गई जांचों की संख्या: 7,656
उल्लंघनकर्ताओं पर मामला दर्ज किया गया
● ज्वलनशील वस्तुएं अर्थात पटाखे और गैस सिलेंडर ले जाने के लिए रेल अधिनियम की धारा 153/164 के तहत जेल भेजे गए उल्लंघनकर्ताओं की संख्या: 155
● सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) के तहत सिगरेट/बीड़ी ले जाने के लिए उल्लंघनकर्ताओं पर दर्ज किए गए मामलों की संख्या: 3,284
भारतीय रेल द्वारा रेल यात्रियों से अपील की जाती है कि वे किसी भी प्रकार का ज्वलनशील पदार्थ जैसे गैस सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल और केरोसिन, स्टोव, माचिस, सिगरेट लाइटर और पटाखों सहित किसी भी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ लेकर यात्रा न करें।
रेल अधिनियम 1989 की धारा 67, 164 और 165 के अनुसार रेलवे पर ज्वलनशील और विस्फोटक सामग्री ले जाना एक दंडनीय अपराध है, जिसमें किसी भी प्रकार हानि, चोट या क्षति के लिए जिम्मेदार होने के अलावा ₹1,000 तक का जुर्माना या तीन साल तक की कैद या दोनों सजा हो सकता है।
ट्रेनों और रेल परिसरों में ज्वलनशील वस्तुएं न ले जाने के लिए जागरूकता पैदा करने हेतु पश्चिम रेलवे पर विशेष अभियान चलाए गए। 13 आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी और 1.63 लाख रुपये की ज्वलनशील वस्तुओं की जब्ती के साथ कुल 13 मामले दर्ज किए गए। पश्चिम रेलवे द्वारा एक एसएमएस अभियान (1 करोड़) चलाया गया जो 35 लाख मोबाइल उपयोगकर्ताओं को भेजा गया। इसके अलावा एक्स, फेसबुक, कू और इंस्टाग्राम जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सूचनात्मक वेबकार्ड पोस्ट किए गए। पेंट्री कार स्टाफ, कैटरिंग स्टाफ, पार्सल स्टाफ आदि के साथ जन जागरूकता बैठकें आयोजित की गईं। ट्रेनों और स्टेशनों पर ज्वलनशील वस्तुओं का पता लगाने के लिए गहन जांच की गई। रेल यात्रियों के बीच ट्रेनों या रेल परिसरों में ज्वलनशील वस्तुएं न ले जाने के लिए जागरूकता पैदा करने हेतु पत्रक/पर्चे वितरित किए गए। स्टेशनों पर जनउद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से भी उद्घोषणाएं की गईं।