Regional Science Center in Gujarat: पर्यटकों की पहली पसंद बना गुजरात स्थित क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र, इतने लाख लोगों ने ली मुलाकात
Regional Science Center in Gujarat: 1 वर्ष में 11 लाख से अधिक पर्यटकों ने गुजरात स्थित क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्रों (RSC) की मुलाकात ली
- 100 करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए ये रीजनल साइंस सेंटर्स आज विज्ञान विषय तथा वैज्ञानिक गतिविधियों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए आकर्षण के केन्द्र बने हैं
गांधीनगर, 17 नवंबर: Regional Science Center in Gujarat: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन तथा नेतृत्व में गुजरात राज्य में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रचार और विद्यार्थियों को इनोवेशन करने के लिए एक आदर्श प्लेटफॉर्म प्रदान करने के उद्देश्य से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के नेतृत्व में कार्यरत गुजरात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा राज्य के पाटण, भावनगर, भुज तथा राजकोट में चार क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र का निर्माण किया गया है।
100 करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए ये रीजनल साइंस सेंटर्स आज विज्ञान विषय तथा वैज्ञानिक गतिविधियों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए आकर्षण के केन्द्र बने हैं। इन केन्द्रों के लोकार्पण से अब तक 11 लाख से अधिक मुलाकाती इन रीजनल साइंस सेंटर्स की मुलाक़ात ले चुके हैं, जिसमें सर्वाधिक 7.50 लाख लोगों ने पाटण में स्थित रीजनल साइंस सेंटर की मुलाकात ली है।
RSC विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियाँ चलाते हैं इन चार रीजनल साइंस सेंटर्स के उद्घाटन से राज्य में अत्यंत व्यवस्थित तथा विचारप्रेरक वैज्ञानिक पर्यटन स्थलों की रचना हुई है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रति अधिक से अधिक लोगों को आकर्षित करने के उद्देश्य से इन केन्द्रों में अनेक ज्ञानवर्द्धक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। गुजरात के सभी जिलों, भारत के विभिन्न राज्यों तथा विदेशों से भी लोग वैज्ञानिक अनुसंधान के इन केन्द्रों की ओर आकर्षित हुए हैं।
इंटरेक्टिव गैलरियों के अलावा ये सेंटर्स विभिन्न आउटरीच गतिविधियाँ चलाते हैं। इन गतिविधियों में जिला स्तरीय चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस, जिला स्तरीय गुजरात STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथेमैटिक्स) क्विज, वर्ल्ड स्पेस वीक, स्काइ ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम्स, नेशनल मैथेमैटिक्स डे, नेशनल साइंस डे, मिशन LiFE पर अवेयरनेस प्रोग्राम, जनभागीदारी द्वारा इवेंट तथा वर्कशॉप जैसी कई मेगा इवेंट्स शामिल हैं।
ये क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र “लोगों को विज्ञान तक और विज्ञान को लोगों तक ले जाना” की थीम का अनुकरण करते हैं। इन केन्द्रों ने उल्लेखनीय संख्या में विद्यार्थियों को वैज्ञानिक प्रयोगों में जुड़ने तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में रुचि एवं जिज्ञासा जगाने के लिए प्रोत्साहित किया है। आगामी समय में GUJCOST द्वारा स्थापित किए जाएंगे और चार रीजनल साइंस सेंटर GUJCOST आगामी समय में वडोदरा, सूरत, जामनगर तथा जूनागढ में और चार रीजनल साइंस सेंटरों की स्थापना कर रहा है।
ये सेंटर वैज्ञानिक शिक्षा, इंटरेक्टिव प्रदर्शनियों, वर्कशॉप एवं शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए हब के रूप में कार्यरत होंगे। ये केन्द्र आगामी पीढ़ी के लर्नर्स व लीडर्स में वैज्ञानिक जिज्ञासा तथा पूछताछ की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, GUJCOST ने राज्य के 23 जिलों में जिला विज्ञान केन्द्रों का कार्य शुरू किया है और राज्य के बच्चों व नागरिकों को स्थानीय स्तर पर एक मंच प्रदान करने का प्रयास किया है, जिससे हर व्यक्ति को वैज्ञानिक अनुभव और शैक्षणिक संसाधन सरलता से उपलब्ध कराना सुनिश्चित हो सके।
डिस्ट्रिक्ट साइंस सेंटर्स, रीजनल साइंस सेंटर्स तथा गुजरात साइंस सिटी; ये तीनों साथ मिल कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन के अनुसार देश में विज्ञान के प्रचार व विज्ञान की लोकप्रियता बढ़ाने का एक रोल मॉडल बनाते हैं। बुनियादी स्तर पर साइंस एंड टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने से राज्य के आर्थिक एवं तकनीकी विकास को प्रोत्साहन मिलता है।
गुजरात वैज्ञानिक रूप से साक्षर तथा इनोवेटिव समाज का निर्माण कर कृषि एवं उद्योग से लेकर स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरणीय टिकाऊपन तक के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रगति को आगे बढ़ा सकता है।
रीजनल साइंस सेंटर्स राज्य के ज्ञान केन्द्रों तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुसंधान के लिए वैज्ञानिक पर्यटन को प्रोत्साहन देने का श्रेष्ठ स्थल बनने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
ये सेंटर्स समग्र गुजरात राज्य में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रचार, प्रसार तथा शिक्षा के अनन्य केन्द्रों के रूप में उभर रहे हैं और राज्य के सभी लोगों के लिए वैज्ञानिक शिक्षा को सुलभ एवं आनंदप्रद बना रहे हैं।
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