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केवड़िया में स्थित विश्‍व की सबसे उँची प्रतिमा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी को निर्बाध रेल कनेक्टिविटी प्रदान कर रचा गया इतिहास

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अहमदाबाद, 19 जनवरी: भारत के लौह पुरूष सरदार वल्‍लभभाई पटेल की विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यूऑफयूनिटीको निर्बाध रेल कनेक्टिविटी के साथ भारत के रेल मानचित्र पर लाकर रविवार 17 जनवरी, 2021 को इतिहास रच दिया गया। इस अवसर पर भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा डभोई–चांदोड गेज परिवर्तित ब्रॉड गेज रेल लाइन (18 कि.मी.), चांदोद से केवड़िया (32 कि.मी.) नई ब्रॉडगेज रेल लाइन, नव विद्युतीकृत प्रतापनगर-केवड़िया खंड (80 किलोमीटर), डभोई जंक्शन, चांदोद एवं केवड़िया के नए स्टेशन भवनों का उद्घाटन और विभिन्न स्थानों से केवड़िया के लिए 8 नई ट्रेनों को झंडी दिखाकर उनका शुभारम्‍भ वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए किया गया। इस शानदार उपलब्धि के साथ ही पवित्र नर्मदा नदी के तट पर स्थित विभिन्‍न पवित्र स्‍थलों और स्टैच्यूऑफयूनिटीके आस पास के महत्‍वपूर्ण स्‍थानों  की यात्रा के लिए देश के विभिन्‍न हिस्‍सों से आने वाले तीर्थयात्रियों, यात्रियों और पर्यटकों के लिए निर्बाध रेल कनेक्टिवि‍टी उपलब्‍ध हो गई है।

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पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारत सरकार के माननीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने हज़रत निजामुद्दीन से इस कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित किया। इसके बाद केवड़िया में मौजूद गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री श्री विजयभाई रूपाणी द्वारा समारोह को संबोधित किया गया। तत्पश्‍चात कोविड-19 महामारी और असामान्य बारिश की विभिन्न बाधाओं को पार करके निर्धारित लक्ष्य के भीतर डभोई-चांदोद-केवड़िया रेल लाइन परियोजनाओं को पूरा करके हासिल की गई महत्‍वपूर्ण उपलब्धियों को दर्शाने वाली एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरेउत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथमध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल भी इस समारोह में ऑनलाइन शामिल हुए।

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इस अवसर पर केवडि़या में गुजरात के माननीय राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, छोटा उदेपुर की माननीया सांसद श्रीमती गीताबेन वी. राठवा और पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल सहित विभिन्‍न गणमान्‍य अतिथि भी मौजूद थे। गुजरात के माननीय उप मुख्यमंत्री श्री नीतिन भाई पटेल ने अहमदाबाद से इस समारोह में सहभागिता दर्ज कराई। प्रतापनगर स्‍टेशन पर गुजरात के माननीय नर्मदा एवं शहरी आवास राज्‍य मंत्री श्री योगेश पटेल, वडोदरा की माननीया सांसद श्रीमती रंजनबेन डी. भट्ट, माननीय विधानसभा अध्‍यक्ष श्री श्री राजेन्द्र त्रिवेदी, माननीय विधायक श्रीमती मनीषा वकील एवं श्रीमती सीमाबेन मोहिले समारोह में शामिल हुए। अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर माननीय संसद डॉ. किरीट पी. सोलंकी, श्री हसमुखभाई एस. पटेल और श्री नरहरि अमीन समारोह में शामिल हुए। दादर स्‍टेशन पर माननीय सांसद श्री राहुल शेवाले, श्री गोपाल शेट्टी और श्री अरविन्द सावंत के अलावा माननीय विधायक श्री मंगल प्रभात लोढ़ा, श्री तमिल आर. सेलवन और श्री कालिदास कोलम्बकर समारोह में उपस्थित रहे। रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष एवं सीईओ श्री सुनीत शर्मा, बोर्ड के सदस्‍यों और विभिन्न वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों के साथ वेब लिंक के माध्यम से समारोह में उपस्थित रहे। कला, संगीत और खेल जगत की कई प्रसिद्ध हस्तियों ने भी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में ऑनलाइन शिरकत की। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में केवडिया, अहमदाबाद, दादर और प्रतापनगर से उद्घाटक ट्रेनों में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को स्मारिका टिकट प्रदान किये गये।

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विभिन्‍न ट्रेनों की उद्घाटक यात्राओं को और भी यादगार बनाने के लिए आईआरसीटीसी द्वारा  अहमदाबाद, मुंबई, रीवा, निजामुद्दीन, चेन्नई, वाराणसी और प्रतापनगर से केवड़िया तक सभी यात्रियों के लिए लंच और डिनर की सुविधा प्रदान की गई। इन सभी यात्रियों को 3200 से अधिक पैक्ड लंच, डिनर और रेल नीर की पैकेज्‍्ड बॉटल्‍स ऑनबोर्ड वितरित की गई। आईआरसीटीसी द्वारा मुंबई, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और वाराणसी से केवडि़या आने वाली कई ट्रेनों में बिक्री के आधार पर आरटीई / पीएडी आइटम भी सुलभ कराये गये। उद्घाटक सेवा में यात्रा करने वाले यात्रियों ने ट्रेनों में प्रदान की जाने वाली उत्‍कृष्‍ट सेवाओं पर प्रसन्नता व्यक्त की और केवड़िया के सफर का आनंद लिया। कई यात्रियों ने अपना अनुभव साझा किया और कहा कि उन्हें इस मेगा इवेंट में भाग लेने पर बहुत गर्व है। राजस्थान मीटर गेज प्रवासी संघ के अध्यक्ष श्री विमल रांका, जेडआरयूसीसी सदस्य और मुंबई रेल प्रवासी संघ के महासचिव श्री कैलाश वर्मा तथा जेडआरयूसीसी सदस्य श्री योगेश मिश्रा ने भारतीय रेलवे के प्रयासों की सराहना करते हुए इन विकास परियोजनाओं के लिए रेल मंत्रालय का आभार व्यक्त किया तथा कहा कि इनके फलस्‍वरूप न केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि केवडि़या और इसके आसपास के इलाकों में पर्यटन और रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे।

इस परियोजना का विवरण देते हुए श्री ठाकुर ने बताया कि18 किमी. लंबे डभोई-चांदोद नैरो गेज खंड को ब्रॉड गेज में परिवर्तित कर तथा चांदोद से केवड़िया (32 किमी.) तक नए ब्रॉड गेज रेल लाइन का विस्‍तार करते हुए 50 किमी. लंबे डभोई-चांदोद-केवड़िया खंड को शुरू किया गया है। रेल मंत्रालय की शत-प्रतिशत रेल विद्युतीकरण नीति के अनुसार प्रतापनगर- केवड़िया (80 रूट किमी) को विद्युतीकृत किया गया है। यह अब हमारे देश की विभिन्‍न दिशाओं से निर्बाध रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इस परियोजना का विवरण नीचे दिया जा रहा है:-

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परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ

इस परियोजना को 811 करोड़ रु. की लागत पर स्‍वीकृत किया गया।

 नई लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण जुलाई, 2020 को पूर्ण किेया गया और मात्र 5 महीने में परियोजना को पूर्ण कर लिया गया।

●    इस रेल खंड पर 3 बड़े स्‍टेशनों (क्रॉसिंग) और 4 छोटे स्‍टेशनों (हॉल्‍ट) सहित कुल 7 स्‍टेशन हैं।

●    इनमें से मौजूदा 3 स्‍टेशनों डभोई जं., वडज एवं चांदोद के अतिरिक्‍त 4 नये स्‍टेशन मोरया, तिलकवाड़ा, गरुडेश्‍वर एवं केवड़िया शामिल हैं ।

●    इस खंड पर 8 बड़े पुल, 79 छोटे पुल, 9 सड़क ऊपरी पुल एवं 31 सड़क निचले पुल हैं।

●    प्रतापनगर-डभोई के बीच सेक्‍शनल गति को पहले चरण में सिर्फ 75 दिनों की अवधि के भीतर 75 कि.मी. प्रति घंटा से 110 कि.मी. प्रति घंटा तक बढ़ाया गया तथा डभोई- केवड़िया खंड की सेक्‍शनल गति 110 कि.मी. प्रति घंटा रखी गई है। दूसरे चरण में प्रतापनगर से केवड़िया तक पूरे खंड की गति को और आगे 130 कि.मी. प्रति घंटा तक बढ़ाया जायेगा।

●    डभोई जं., चांदोद एवं केवड़िया स्थित स्‍टेशन भवनों को स्‍थानीय विशेषताओं को शामिल कर सौंदर्यीकृत करते हुए आधुनिक यात्री सुख-सुविधाओं से डिज़ाइन किया गया है। साथ ही केवड़िया स्‍टेशन अपने निर्माण के समय से हरित भवन प्रमाणन पाने वाला भारत का पहला रेलवे स्‍टेशन है।

●    सिविल इंजीनियरिंग कार्य की गति को बढ़ाने के लिए मोबाइल फ्लैश बट वेल्डिंग मशीन, रेडी मिक्‍स कॉन्‍क्रीट (आरएमसी), हैवी अर्थ मूविंग इक्विपमेंट, हैवी ड्यूटी रोड क्रेन और ट्रैक मशीनों जैसी आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक एवं उपकरण लगाये गये।

●    पुल गर्डर निरीक्षण हेतु आरडीएसओ पर निर्भरता कम करने की दृष्टि से स्‍थानीय रूप से उपलब्‍ध आरसीसी ह्यूम पाइपों का उपयोग करते हुए छोटे पुलों के डिज़ाइन हेतु अनूठे तकनीकी समाधान को अपनाया गया। इससे न केवल निष्‍पादन समय में कमी हुई, बल्कि लगभग 27 करोड़ रु. की बचत भी हुई।

●    सिगनलिंग कार्य की गति बढ़ाने तथा समय की बर्बादी को रोकने के लिए वर्चुअल मोड के ज़रिये (कोविड-19 महामारी के दौरान) सिगनलिंग सिस्‍टम में फैक्‍टरी एक्‍सेप्‍टेंस टेस्‍ट (एफएटी) एवं साइट एक्‍सेप्‍टेंस टेस्‍ट (एसएटी) जैसी अभिनव तकनीकों का उपयोग किया गया।

●    विद्युतीकरण कार्यों को गति देने के लिए टॉवर वैगनों, ओवर हैड इक्विपमेंट (ओएचई), वायरिंग ट्रेन आदि का उपयोग किया गया।

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प्रतापनगर एवं केवड़िया रेल खंड का विद्युतीकरण

●    रेल मंत्रालय की शत-प्रतिशत विद्युतीकरण की नीति के अनुसार प्रतापनगर-केवड़िया रेल खंड (80 रूट किमी) का विद्युतीकरण सुनिश्चित किया गया।

●    यह स्‍वच्‍छ हरित, तीव्र एवं पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन उपलब्‍ध कराएगा,  जिससे कार्बन फुटप्रिंट में कमी आएगी।

परियोजना के मुख्‍य लाभ

●    विश्‍व की सबसे ऊँची प्रतिमा ”स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी” तक देश की विभिन्‍न दिशाओं से निर्बाध रेल कनेक्टिविटी उपलब्‍ध होगी।

●    ‘स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी नवनिर्मित केवड़िया रेलवे स्‍टेशन से मात्र 5 किमी. दूर स्थित है।

●    यह रेल लाइन वडज- चांदोद- मोरया- तिलकवाड़ा- गरुडेश्‍वर के आदिवासी क्षेत्रों से गुज़रती है।

●    यह रेल लाइन पवित्र नर्मदा नदी के तट पर मौजूद करनाली, पोइचा और गरुडेश्‍वर जैसे महत्‍वपूर्ण धार्मिक एवं प्राचीन तीर्थ स्‍थानों के लिए रेल कनेक्टिविटी उपलब्‍ध करायेगी। 

●    घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

●    इस क्षेत्र में समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास को बल मिलेगा।

●    रोज़गार एवं व्‍यापार के नये अवसर सुलभ होंगे।

केवड़िया स्‍टेशन की प्रमुख विशेषताएँ

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●    केवड़िया रेलवे स्‍टेशन को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) में भारत के ऐसे पहले रेलवे स्‍टेशन के रूप में पंजीकृत किया गया है, जिसे इसके आरम्भ से ही ग्रीन बिल्डिंग के रूप में प्रमाणीकरण मिला है।

●    इस स्‍टेशन पर लगी एलईडी लाइटों और उच्‍च स्‍टार रेटिंग के ब्रां‍डेड इलेक्ट्रिकल उपकरणों से बिजली की उल्‍लेखनीय बचत होगी।

●    रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट, इको-वॉटरलेस यूरिनल एवं ड्रिप इरिगेशन से बेहतर जल-प्रबंधन सुनिश्चित होगा।

●    मूल रूप से अलग किये जाने वाले ग्रीन वेस्‍ट को उपयोगी उर्वरक बनाने में इस्‍तेमाल किया जाएगा।

●    स्‍टेशन भवन के पहले दो तलों पर 8 एसी प्रतीक्षालय, वीवीआईपी लाउंज जैसी सुविधाएँ होंगी।

●    तीसरे तल पर एक ट्राइबल आर्ट गैलरी एवं एक व्‍यूइंग गैलरी का निर्माण किया जा रहा है, जिसके ज़रिये पर्यटक स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी का दीदार बेहतर तरीके से कर पायेंगे।

●    ”स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी” की एक 12 फीट ऊँची प्रतिकृति स्‍टेशन के परिसर में लगाई गई है, इसे भी वास्‍तुकार श्री राम वी. सुतार ने ही डिज़ाइन किया है, जिन्‍होंने मूल ”स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी” की डिज़ाइन एवं रचना सुनिश्चित की है।

●    इस स्‍टेशन के आसपास के क्षेत्र में विशाल आकार का पार्किंग क्षेत्र, लैंडस्‍केपिंग, थीमेटिक पार्क, सोलर लाइट पोल, चौड़ा ट्रैफिक मार्ग, हॉर्टिकल्‍चर प्‍लांट होगा, जिसके अलावा सेल्‍फी ज़ोन, फूड कोर्ट और बच्‍चों के लिए क्रीडा स्‍थल के साथ एक अन्‍य थीमेटिक पार्क भी होगा।

बाधाओं को पार करते हुए कीर्तिमानों की स्‍थापना

●    भूमि अधिग्रहण

भूमि अधिग्रहण कार्य 14 अगस्‍त, 2018 को शुरु हुआ। इस कार्य में जनवरी से जुलाई, 2020 के दौरान उल्‍लेखनीय तेजी लाई गई तथा कोविड-19 महामारी की अवधि सहित सात महीनों के दौरान भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया।

अधिग्रहित कुल भूमि        : 222.00 हैक्‍टेयर

सरकारी भूमि             : 46.60 हैक्‍टेयर

निजी भूमि                : 175.40 हैक्‍टेयर

§  गैर कृषि भूमि का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किये गये। 

§  राज्‍य सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन एवं सहयोग के फलस्‍वरूप भूमि का अधिग्रहण आसानी से किया जा सका।

§  ट्रैकों के अलाइनमेंट में प्रमुख बाधा उत्‍पन्‍न करने वाले अतिक्रमणों जैसे ओवरहैड इलेक्ट्रिकल (ईएचटी) क्रॉसिंग्‍स एवं  ऐसी ही अन्‍य सार्वजनिक सुविधाओं को स्‍थानीय एवं राज्‍य प्राधिकारियों के समन्‍वय से फास्‍ट ट्रैक आधार पर स्‍थानांतरित कर दिया गया अथवा हटा दिया गया।

●    मानसून की विस्‍तारित अवधि

§  वर्ष 2020 में भारी वर्षा और मानसून के अक्‍टूबर माह तक रहने के कारण परियोजना के निष्‍पादन में देरी हुई।

§  इस क्षेत्र में औसत वर्षा 600 मिमी. से 835 मिमी. के बीच दर्ज की गई।

§  जून से नवम्‍बर, 2020 तक की अवधि के दौरान भारी वर्षा के कारण 29,500 से अधिक बहुमूल्‍य श्रम दिवसों की हानि हुई।

§  भारी वर्षा के कारण लगभग 40 कार्य दिवस ऐसे रहे, जब फील्‍ड पर कोई भी काम नहीं हो पाया। 

●    कोविड-19 की कठिनतम चुनौतियाँ

यह समय वास्‍तव में हमारे चारों ओर फैले हुए कोविड-19 महामारी के खतरे के साथ सबसे चुनौतीपूर्ण समय था। इन बाधाओं के बावजूद हमारे रेल कर्मचारियों ने बहादुरी और ईमानदारी के साथ बिना किसी विराम के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चरल कार्य और विकास कार्य को जारी रखा। निर्धारित लक्ष्‍य तारीख के भीतर परियोजना को पूरा करने के उद्देश्‍य से हमारे इंजीनियरों तथा ठेकेदारों सहित संपूर्ण श्रमशक्ति को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परियोजना का कार्य तेज गति से करने हेतु प्रेरित किया गया।

समय की सीमाओं को पार करने और कोविड-19 महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए नई-नई प्रौद्योगिकी अपनाई गई। इस प्रकार रेलवे की टीमों ने कार्य के प्रति संपूर्ण समर्पण, निष्‍ठा और दृढ़ संकल्‍प के साथ विषम परिस्थितियों में जीत हासिल करने का शानदार उदाहरण पेश किया है।

भारत को एकता के सूत्र में पिरोती रेल सम्‍बद्धता

भारत के पूर्वी, पश्चिमी, उत्‍तरी, मध्‍य एवं दक्षिणी भागों से केवड़िया के लिए चलने वाली  नई ट्रेनों का विवरण नीचे दिया जा रहा है :-

क्रम सं.ट्रेन संख्‍याप्रारम्भिक स्‍टेशनगंतव्‍य स्‍टेशनट्रेन का नाम एवं बारम्‍बारता
109103/04केवड़ियावाराणसीमहामना एक्‍सप्रेस (साप्‍ताहिक)
202927/28दादरकेवड़ियादादर-केवड़िया एक्‍सप्रेस (दैनिक)
309247/48अहमदाबादकेवड़ियाजनशताब्‍दी एक्‍सप्रेस (दैनिक)
409145/46केवड़ियाहज़रत निज़ामुद्दीननिज़ामुद्दीन-केवड़िया संपर्क क्रांति एक्‍सप्रेस  (द्विसाप्‍ताहिक) 
509105/06केवड़ियारीवाकेवड़िया-रीवा एक्‍सप्रेस (साप्‍ताहिक)
609119/20चेन्‍नईकेवड़ियाचेन्‍नई- केवड़िया एक्‍सप्रेस (साप्‍ताहिक)
709107/08प्रतापनगरकेवड़ियामेमू ट्रेन (दैनिक)
809110/09केवड़ियाप्रतापनगरमेमू ट्रेन (दैनिक)

·         हरी झंडी दिखाकर शुभारम्‍भ होने वाली उपरोक्‍त आठ ट्रेनों के अलावा नीचे दी गई अन्‍य दो ट्रेनों का परिचालन भी शुरू करने का निर्णय लिया गया है:- 

क्रम सं.ट्रेन संख्‍याप्रारम्भिक स्‍टेशनगंतव्‍य स्‍टेशनट्रेन का नाम एवं बारम्‍बारता
909249/50अहमदाबादकेवड़ियाजनशताब्‍दी एक्‍सप्रेस (दैनिक)
1009113/14प्रतापनगरकेवड़ियामेमू ट्रेन (दैनिक)

·         एक्‍सप्रेस ट्रेनों को एलएचबी डिब्‍बों के साथ चलाया जा रहा है।  जनशताब्‍दी एक्‍सप्रेस को नवीनतम विस्‍टा-डोम टूरिस्‍ट कोचउपलब्‍ध कराया गया है जो भारतीय रेलवे पर पहली बार हुआ है।  यह कोच स्‍काइलाइन का पैनोरेमिक दृश्‍य उपलब्‍ध कराएगा।

·  आईआरसीटीसी द्वारा स्टैच्यूऑफयूनिटी के दर्शन तथा वाइब्रेंट गुजरात के विभिन्‍न आश्‍चर्यों के अनुभव करने के लिए आनेवाले पर्यटकों हेतु सस्‍ते टूर पैकेज उपलब्‍ध कराया जा रहा है। 

·  पर्यटकों की सुविधा हेतु केवड़िया स्‍टेशन के नजदीक आईआरसीटीसी द्वारा 500 कमरों की क्षमता वाला एक बजेट होटल का भी निर्माण किया जा रहा है।

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यह भी उल्‍लेखनीय है कि 31 अक्टूबर, 2013 को सरदार पटेल जी के जन्म दिवस के मौके पर गुजरात के तत्‍कालीन मुख्यमंत्री के रूप में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी ने स्‍टैचू ऑफ यूनिटी के निर्माण के लिए अधारशिला रखी थी।  182 मी. ऊँची इस विशालकाय प्रतिमा को सरदार पटेल के 143वें जन्‍म दिवस के अवसर पर 31 अक्‍टूबर, 2018 को इसके द्वार जनता के लिए खोल दिए गए।  यह अनूठी संकल्‍पना भारत के एकता के सूत्रधार एवं लौह पुरूष सरदार वल्‍लभभाई पटेल को श्रद्धंजलि के तौर पर समर्पित है। सरदार वल्‍लभभाई पटेल ने सशक्‍त एवं समृद्ध भारत की नींव रखने के लिए विभिन्‍न रियासतों का एकीकरण करते हुए भारत संघ का निर्माण किया। इस महान विभूति को श्रद्धांजलि के तौर पर भारतीय रेलवे प्रत्‍येक भारतीय को भारत माता के इस महान सपूत के करीब लाने में सफल हुई है। केवड़िया रेलवे स्‍टेशन का भूमि पूजन 15 दिसंबर, 2018 को एक भव्‍य समारोह में भारत के महामहिम राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा किया गया था। डभोई-चांदोद-केवड़िया रेल लाइन को शुरू करने के साथ-साथ केवड़िया रेलवे स्टेशन के उद्घाटन के फलस्‍वरूप अब अभी हाल ही शुरू किये गये जंगल सफारी पार्क, एकता मॉल, चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क और आरोग्य वन और आकर्षण के ऐसे अनेक स्‍थानों के अलावा स्‍टैचू ऑफ यूनिटी के आस-पास के क्षेत्रों के अन्‍य पर्यटन स्‍थलों के साथ-साथ इस क्षेत्र के कई तीर्थस्‍थलों और इस विशालकाय प्रतिमा स्‍टैचू ऑफ यूनिटी के दर्शन के लिए देश के विभिन्‍न हिस्‍सों से आने वाले लोगों को यहाँ पहुँचने में सहुलियत होगी। यह भी उल्‍लेखनीय है कि केवड़िया एवं प्रतापनगर (वड़ोदरा) के बीच मौजूदा सड़क परिवहन की तुलना में रेल परिवहन का किराया भी सस्‍ता होगा और समय की भी बचत होगी।