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सरकार का लक्ष्य राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में औद्योगीकरण करना हैः हेमंत सोरेन (Hemant Soren)

(Hemant Soren)

रामकिशोर शर्मा

सरकार का लक्ष्य राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में औद्योगीकरण करना हैः हेमंत सोरेन (Hemant Soren)

  • झारखण्ड को विकास के पथ पर ले जाने के लिए आईये हम मिलकर भूमिका तय करेंः हेमंत सोरेन
  • आप सभी को झारखण्ड में निवेश करने हेतु आमंत्रित करता हूँः हेमंत सोरेन

रांची, 06 मार्चः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा है झारखंड में किसी भी चीज की कमी नहीं है। अगर कुछ कमी है तो उसे तराशने की है उनमें वैल्यू एडीशन करने की अगर हम अपने राज्य में मौजूद संसाधनों का वैल्यू एडीशन कर पायें तो झारखंड देश का अग्रणी राज्य बनेगा। इसमें उद्योगजगत के लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मौजूद खनिज संपदा से झारखण्ड की अलग पहचान तो है ही साथ ही यहां स्थापित उद्योगों ने भी झारखण्ड को देश सहित विश्व में भी एक अलग पहचान दिलायी है। कई उद्योगों का उदय झारखण्ड से ही हुआ है। एशिया का सबसे बड़ा स्टील उद्योग झारखण्ड में ही लगा।

एच.ई.सी., टाटा स्टील, बोकारो स्टील प्लांट सहित कई उद्योगो की स्थापना झारखण्ड में ही हुई। पहली बार खाद फर्टिलाईजर फैक्ट्री भी झारखण्ड में ही लगी। सरकार आपको आश्वस्त करती है कि आप झारखण्ड में आयें और उद्योगों की स्थापना करें। सरकार आपके साथ खड़े होकर उद्योगों की स्थापना करने में आपकी मदद करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड में आने वाले समय में कुछ ऐसी व्यवस्थायें स्थापित की जायेंगी, जिससे झारखण्ड के विकास को एक नई दिशा मिलेगी। समाज के हर तबके को इससे लाभ होगा। माईन्स एवं मिनरल्स सेक्टर तो उद्योगों की स्थापना के लिये तो है ही साथ ही अन्य क्षेत्रों की ओर भी सरकार काम कर रही है। चाहे वो एग्रीकल्चर के क्षेत्र में हो, मोटरवेहिक्ल्स, इलेक्ट्रॉनिक मैनूफैक्चरिंग के क्षेत्र हों या फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में संभावनाएं अपार है। आवश्यकता है, इन्हें बढ़ावा देने की।

पर्यटन के क्षेत्र में भी हो रहा है विकास

मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि झारखण्ड प्राकृतिक संसाधनों में ही अग्रणी नहीं है, बल्कि झारखण्ड में प्राकृतिक सुंदरता भी है, और राज्य पर्यटन के क्षेत्र में भी तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। पर्यटन के क्षेत्र में तमाम संभावनाओं पर काम किया जा रहा है, इसमें भी रोजगार के अवसर तलाशे जा रहें हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि मै नई-नई चीजों पर काम करने पर ज्यादा फोकस करता हूं। हमारे राज्य के युवाओं में कुशलता की कमी नहीं हैं। खेल के क्षेत्र में झारखण्ड के युवा देश-विदेश में परचम लहरा रहें है। झारखण्ड में हॉकी और फुटबॉल के क्षेत्र में भी निवेश किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जलमार्ग भी सुगम है। बंगाल में हल्दिया पोर्ट भी है जो रांची से मात्र 250 किमी की दूरी पर है। पारादीप है जो 400 किमी और साहेबगंज में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पोर्ट है, जो जल्द ही शुरू हो जायेगा। यह रांची से मात्र 350 किमी की दूरी पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में एयर कार्गो के लिए भी जगह चिन्हित किया गया है। राज्य में एयर कार्गो के लिये भी संभावनाएं तलाश की जा रही है और हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किसी चीज की कमी नहीं है। बस थोड़ी इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। मैंने जो बंडी पहनी है। यह किसी डिजाइनर ने तैयार नहीं की है, बल्कि हमारे राज्य की महिलाओं ने बनाया है। लेकिन किसी माहिर डिजाईनर की तरह नहीं है। इसे थोड़ा सा और तराशा जाये तो और भी बेहतर हो सकता है। बस हमें इसी इच्छाशक्ति की जरुरत है।

मुख्य सचिव ने कहा कि हमारा राज्य एक मिनरल रिच स्टेट है। कोयला, लोहा, यूरेनियम, सोना ये सब हमारे राज्य की संपदा हैं। किंबरलाइट जैसे पत्थर जिनमें हीरा निकलने की संभावना होती है वो गुमला और लोहरदग्गा में पाए गए हैं। ये हमारी ताकत है। आपको भरोसा नहीं होगा कि देश का 36% कोयला संपदा झारखण्ड में है, 90% कोकिंग कोल झारखण्ड में मिलता है। अगर आप लौह अयस्क की बात करेंगे तो मुझे लगता है हम इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य झारखण्ड है। आज झारखण्ड में टाटा, बोकारो स्टील, हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन जैसी इंडस्ट्री चल रही है। कोई भी इन्वेस्टर अगर मिनरल बेस्ड इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं तो हम उनका तहे दिल से स्वागत करते हैं।

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मुख्य सचिव ने बताया कि झारखण्ड में प्रचूर मात्रा में ऊर्जा संसाधन उपलब्ध है। कोयला उत्पादन के क्षेत्र मंं अग्रणी राज्य होने की वजह से हमारे राज्य में विद्युत उत्पादन प्रचूर मात्रा में हो रहा है। कई विद्युत उत्पादन प्लांट हमारे राज्य में कार्यरत हैं। बहुत जल्द चतरा के टंडवा में 1000 मेगावाट पावर उत्पादन प्लांट शुरू किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त पतरातू में 4000 मेगावाट पावर प्लांट भी शुरू होने वाला है। जल संसाधन के मामले में भी झारखण्ड अग्रणी है। हमारे राज्य में गंगा, दामोदर, महानदी जैसी बड़ी नदियां सहित कई सहायक नदियां बहती हैं। इसलिए जल संसाधन किसी भी तरह से इंडस्ट्रीयल यूनिट के लिए कोई समस्या नहीं होगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, उद्योग सचिव श्रीमती पूजा सिंघल, रेजिडेंट कमिश्नर झारखण्ड भवन दिल्ली श्री मस्तराम मीणा, निदेशक उद्योग श्री जितेंद्र सिंह व देश के विभिन्न हिस्सों से आये उद्योगपति उपस्थित थे।

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