G 20 summit in indonesia

G-20 summit in indonesia: वैश्विक शांति के संदेश के साथ बाली शिखर सम्मेलन समाप्त, भारत को मिला अध्यक्षता का बैटन

G-20 summit in indonesia: पीएम मोदी ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को बताया युग का सबसे उल्लेखनीय परिवर्तन

बाली, 16 नवंबर: G-20 summit in indonesia: इंडोनेशिया के बाली में आज 17वें जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे एवं अंतिम दिन भारत को सांकेतिक तौर पर जी-20 की अध्यक्षता मिल गई। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने समापन समारोह में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-20 की अध्यक्षता का बैटन सौंपा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन से इतर कई वैश्विक नेताओं से द्विपक्षीय बैठक की।

जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन सत्र के अपने संबोधन में पीएम मोदी ने मातृशक्ति का गुणगान करते हुए कहा कि वैश्विक विकास महिलाओं की भागीदारी के बिना संभव नहीं है। उन्होंने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन विषय पर आयोजित शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र में अपने संबोधन के दौरान कहा कि ‘डेटा फोर डेवलपमेंट’ का सिद्धांत हमारी अध्यक्षता की थीम ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ का अभिन्न अंग रहेगा।

इससे पहले सुबह जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी ने अन्य वैश्विक नेताओं के साथ बाली के मैंग्रोव वन ‘तमन हुतान राया नगुराह राय’ का दौरा किया। इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री सहित अन्य वैश्विक नेताओं ने पौधरोपण करके स्वच्छ वातावरण और शांति का संदेश दिया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री संग मुलाकात करते हुए

विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, ‘‘मैंग्रोव की वैश्विक पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। इंडोनेशिया की जी-20 अध्यक्षता में इंडोनेशिया और यूएई की संयुक्त पहल ‘मैंग्रोव एलायंस फॉर क्लाइमेट’ (एमएसी) में भारत शामिल हो गया है।’’

जी-20 अध्यक्षता के दौरान समावेशी दृष्टिकोण अपनाएगा भारत

शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में पीएम मोदी ने एक बार फिर विश्व कल्याण की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत जी-20 का जिम्मा ऐसे समय ले रहा है, जब विश्व जियो-पॉलिटिकल तनावों, आर्थिक मंदी, खाद्यान्न और ऊर्जा की बढ़ी कीमतों और महामारी के दीर्घकालीन दुष्प्रभावों से एक साथ जूझ रहा है। ऐसे समय विश्व जी-20 की तरफ आशा की नजर से देख रहा है। आज मैं यह आश्वासन देना चाहता हूं कि भारत की जी-20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, स्पष्ट और क्रिया-प्रधान (एक्शन- ओरिएंटेड) होगी।’’

प्राकृतिक संसाधनों को अपनी जागीर समझने वाले देशों को दिया कड़ा संदेश

प्राकृतिक संसाधनों पर अनधिकृत कब्जे को लेकर पीएम मोदी मुखर दिखाई दिए। उन्होंने कहा, ‘‘प्राकृतिक संसाधनों पर ऑनरशिप का भाव आज संघर्ष को जन्म दे रहा है और पर्यावरण की दुर्दशा का मुख्य कारण बना है। प्लेनेट के सुरक्षित भविष्य के लिए, विश्वास का भाव ही समाधान है। इसमें लाइफ यानी ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ अभियान एक बड़ा योगदान दे सकता है। इसका उद्देश्य दीर्घकालिक लाइफस्टाइल्स को एक जन-आंदोलन बनाना है।

वैश्विक विकास के लिए महिलाओं की भागीदारी का किया आह्रान

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक विकास महिलाओं की भागीदारी के बिना संभव नहीं है। हमें अपने जी-20 एजेंडा में ‘महिलाओं के नेतृत्व में विकास’ पर प्राथमिकता बनाए रखनी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘आज आवश्यकता है कि विकास के लाभ सर्व-स्पर्शी और सर्व-समावेशी हों। हमें विकास के लाभों को मम-भाव और सम-भाव से मानव-मात्र तक पहुंचाना होगा।’’

भारतीय सांस्कृतिक विरासत को अनुभव करने का दिया निमंत्रण

पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं को प्राचीन भारतीय संस्कृति को अनुभव करने का निमंत्रण देते हुए कहा, ‘‘जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करना हर भारतीय के लिए गर्व का अवसर है। हम अपने देश के विभिन्न शहरों और राज्यों में जी-20 की बैठकें आयोजित करेंगे। हमारे अतिथियों को भारत की अद्भुतत विविधता, समावेशी परंपराओं और सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा। हमारी कामना है कि आप सभी ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ भारत में इस अद्वितीय उत्सव में सहभागी होंगे।’’

वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें

शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने, रक्षा सहयोग को बढ़ाने और अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी बातचीत की। दोनों नेताओं ने चर्चा की कि रक्षा संबंधों, सतत विकास और आर्थिक सहयोग को कैसे बढ़ाया जाए। पीएम मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात के दौरान देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर बधाई दी।

दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, आतंकवाद का मुकाबला और लोगों से लोगों के संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर चर्चा की। पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीस से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत दोनों देशों के बीच संबंधों की उत्कृष्ट स्थिति और भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नियमित आधार पर होने वाली उच्च स्तरीय बातचीत पर संतोष व्यक्त किया।

उन्होंने रक्षा, व्यापार, शिक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और लोगों से लोगों के संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने में हुई प्रगति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली. सियन लूंग के साथ मुलाकात की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने सितंबर 2022 में नई दिल्ली में आयोजित भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के उद्घाटन सत्र सहित भारत और सिंगापुर के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी पर विचार-विमर्श किया। इससे पहले पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ भी गर्मजोशी से मुलाकात की थी।

जी-20 के घोषणापत्र में पीएम मोदी के संदेश को मिली तवज्जो

यूक्रेन संकट से निपटने के लिए अब दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं। इसकी झलक जी-20 के घोषणापत्र में देखने को मिली। जी-20 मसौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए उस संदेश को शामिल किया गया है, जिसमें उन्होंने हाल ही में कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि बाली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में पहुंचे दुनिया के नेता पीएम मोदी की बात को दोहरा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को भी यूक्रेन विवाद सुलझाने के लिए युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया था।

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को बताया आज के दौर का सबसे उल्लेखनीय बदलाव

शिखर सम्मेलन के पहले दिन मंगलवार को खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा और स्वास्थ्य विषय पर सत्र आयोजित हुए थे, जिनमें पीएम मोदी ने बेबाकी से अपने विचार रखे थे। सम्मेलन के दूसरे दिन बुधवार को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर तीसरा सत्र आयोजित हुआ और इसमें भी प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को महज विकसित देशों तक ही सीमित न रखते हुए इसे समावेशी बनाने पर जोर दिया।

पीएम मोदी ने गरीबी के खिलाफ दशकों से चली आ रही वैश्विक लड़ाई में डिजिटल तकनीकों के उचित उपयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन हमारे दौर का सबसे उल्लेखनीय बदलाव है। डिजिटल समाधान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भी सहायक हो सकते हैं – जैसा हम सब ने कोविड के दौरान रिमोट-वर्किंग और पेपरलेस ग्रीन ऑफिस के उदाहरणों में देखा। मगर ये लाभ हमें तभी मिलेंगे, जब डिजिटल पहुंच सच्चे मायने में समावेशी हो, जब डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग सचमुच व्यापक हो।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत के पिछले कुछ साल के अनुभव ने हमें दिखाया है कि अगर हम डिजिटल आर्किटेक्चर को समावेशी बनाएं, तो इससे सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाया जा सकता है। इससे शासन में पारदर्शिता लाई जा सकती है। भारत ने ऐसे डिजिटल पब्लिक गुड्स विकसित किए हैं, जिनके मूल आर्किटेक्चर में ही लोकतांत्रिक सिद्धांत अंतर्निहित हैं।

ये समाधान ओपन सोर्स, ओपन एपीआई, ओपन स्टैंडर्ड पर आधारित हैं, जो अंतर-संचालित और सार्वजनिक हैं।’’ उन्होंने भारत में लगातार बढ़ रहे यूपीआई लेनदेन के चलन का उदाहरण देते हुए आगे कहा कि भारत में आज जो डिजिटल क्रांति चल रही है, उसका आधार हमारा यही दृष्टिकोण है।

पीएम मोदी ने गरीब देशों तक डिजिटल पहुंच पर दिया जोर

भारतीय प्रधानमंत्री ने डिजिटल क्षेत्र में न केवल भारत के बढ़ते कदमों पर चर्चा की, बल्कि उन्होंने इस दिशा में बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों से वंचित देशों की दुर्दशा का भी ख्याल रखा। उन्होंने कहा, ‘‘50 देशों के पास ही डिजिटल भुगतान प्रणाली मौजूद है। क्या हम साथ मिल कर यह प्रण ले सकते हैं कि अगले दस सालों में हम हर मनुष्य के जीवन में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन लाएंगे और डिजिटल टेक्नोलॉजी के लाभ से विश्व का कोई व्यक्ति वंचित नहीं रहेगा!

अगले साल अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान भारत सभी जी-20 पार्टनर्स के साथ इस उद्देश्य के लिए काम करेगा। ‘डेटा फोर डेवलपमेंट’ का सिद्धांत हमारे अध्यक्षता की थीम ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ का अभिन्न अंग रहेगा।’’

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