समूची सृष्टि पर……… प्रकृति (Nature) से और इस पर्यावरण से प्यार तो करते।
समूची सृष्टि पर इतना सा हम उपकार तो करते।
प्रकृति (Nature) से और इस पर्यावरण से प्यार तो करते।
लगे हम उनकी हाँ में हाँ मिलाने, डर ये कैसा था
अगर सहमत नहीं थे उनसे तो प्रतिकार तो करते।
मुरव्वत हद से ज़्यादा भी कभी अच्छी नहीं होती
ग़लत था काम तो करने से तुम इन्कार तो करते।
सचाई की डगर पर चलना मुश्किल भी न था इतना
मगर ख़ुद को हम इसके वास्ते तैयार तो करते।
तुम्हें भी इक न इक दिन कुछ न कुछ ईनाम मिल जाता
नहीं कुछ और करते, उनकी जय जयकार तो करते।
प्रगति के स्वप्न देखे हमने,अच्छी बात है ये तो
मगर उनमें से कुछ को ही सही, साकार तो करते।
परीक्षा भी तुम्हारे हौसलों की आज हो जाती
चुनौती सामने थी तो उसे स्वीकार तो करते।
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