Banner DKA 600x337 1

Ghazal: विष जो दिल में घुला नहीं होता….

Ghazal: !!गजल!!

Wajid Hussain
वाजिद हुसैन “साहिल” सेंधवा ज़िला बड़वानी (मध्य प्रदेश)

विष जो दिल में घुला नहीं होता
इस क़दर फा़सला नहीं होता

गर तेरा दर खुला नहीं होता
फिर कोई आसरा नहीं होता

तब भी कश्ती खु़दा चलाता है
जब कोई नाखु़दा नहीं होता

बीच का कोई रास्ता ही नहीं
प्यार होता है या नहीं होता

दिल से कहता हूं मैं, मेरा हो जा
पर वो कहता है जा, नहीं होता

इश्क़ होता है पहला ही आखि़र
दूसरा, तीसरा, नहीं होता

अक़्ल ये बार-बार कहती है
दिल किसी का सगा नहीं होता

अब कहां ढूंढता है खु़शहा़ली
मां के क़दमों में क्या नहीं होता

आओ उल्फ़त जहान में बांटें
नफ़रतों से भला नहीं होता

मर के भी मुल्क की वफा़ओं का
कर्ज़ हमसे अदा नहीं होता

नर्म लहजे में बात करने से
काम दुनिया में क्या नहीं होता

बस वो पत्थर ना मोम हो पाया
“वरना दुनिया में क्या नहीं होता”

फिर नवाफ़िल का ज़िक्र क्या “साहिल”
फर्ज़ हमसे अदा नहीं होता

क्या आपने यह पढ़ा…. Important news for Passengrs: आज ओखा-जयपुर एक्सप्रेस से जाने वाले यात्री घर से निकलने से पहले यह खबर जरूर पढ़ें।