Joshimath sinking

Joshimath sinking: अचानक नहीं आया जोशीमठ का खतरा, जानें बचाने के लिए क्या करना होगा

Joshimath sinking: इस खतरे को लेकर सरकारों को दशकों पहले आगाह किया गया था लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया

नई दिल्ली, 09 जनवरीः Joshimath sinking: उत्तराखंड का जोशीमठ शहर की पूरे देश में पहचान है। यह चारधाम यात्रा का गेटवे है लेकिन आजकल यह दूसरी वजह से चर्चा में है। दरअसल इस शहर की जमीन धंस रही है। घरों और सड़कों में दरारें पड़ गई है। लोग डर के मारे घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।

समस्या इतनी विकराल है कि रविवार (8 जनवरी) को प्रधानमंत्री कार्यालय ने हाईलेवल बैठक की। हालांक ये समस्या अचानक नहीं आई है। इस खतरे को लेकर सरकारों को दशकों पहले आगाह किया गया था लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया. एक्सपर्ट ने इस बारे में बताया है।

इसे ऐसे समझते हैं। सैकड़ों साल पहले पहाड़ पर कोई भूस्खलन या ऐसी कोई घटना हुई होगी जिसके बाद ऊपर से मिट्टी और पहाड़ खिसककर इस जगह जमा हुआ जहां आज जोशीमठ मौजूद है। धीरे-धीरे यह मजबूत होता गया और यहां बसावट होने लगी।

कमजोर जमीन पर बसा शहर

जोशीमठ जिस जमीन के ऊपर बसा है, वह ढीली और कमजोर है। इसके नीचे की जमीन में जो सामग्री है वह मिट्टी और मलबा है। यह भले ही मजबूत नजर आता हो लेकिन असल में दूसरे पहाड़ों की तरह इसकी पकड़ मजबूत नहीं है। यहां की मिट्टी के अध्ययन से पता चलता है इस जगह पर हजारों साल पहले कोई ग्लेशियर रहा होगा।

देहरादून स्थित वाडिया इंस्टीट्यूट के डॉ. मनीष मेहता ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा जोशीमठ को कत्यूरी राजवंश के काल में 11वीं और 12वीं शताब्दी में बसाया गया था। यह दो नालों, कंपनी नाला और सिंधधार नाला के बीच स्थित है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह भूकंप संवेदनशील क्षेत्र में 5 में है।

डॉ मेहता कहते हैं कि जब हमारे हाथ से चीजें निकल जाती हैं तो हम कारणों और समाधान की बात करते हैं जबकि शुरुआती संकेत मिलते ही हमें कार्रवाई शुरू कर देनी चाहिए। जोशीमठ में दशकों पहले संकेत मिलने के बाद उनकी अनदेखी की गई और आज नतीजा सामने दिख रहा है।

अब क्या करना चाहिए?

एक्सपर्ट की राय मानें तो सबसे पहले यहां से जो पानी लगातार रिस रहा है उसका पता लगाया जाए कि यह किस प्रकार का है। इसके लिए पानी में मौजूद रसायनों का अध्ययन किया जाए। साथ ही यहां पर भूकंप मॉनिटर स्थापित किए जाएं जो कंपन और तरंगों को रिकॉर्ड करें।

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