Daughter’s day: बेटियों से घर की रौनक बेटियों से बहार…
Daughter’s day: !!बेटियों से घर की रौनक बेटियों से बहार!!
Daughter’s day: छवि अनोखी उसकी चंचल रूप निखार
बेटी है जिस घर में तो है देवी का अवतार
मन प्रफुल्ल हो जाता आ जाता है करार
जब-जब देखूं नन्हीं, कलियां कहीं दो चार
बेटियों से घर की रौनक बेटियों से बहार
बेटियों से मिलता है सब को सच्चा प्यार
बेटी के समर्थन में तत्पर रहता हूं हर बार
बेटियों से ही तो चलता है ये सारा संसार
उठाओ वीणा रक्षा का बन जाओ खुद्दार
हैवान और बिटिया के बीच बनो दीवार
करूं गुहार तुझसे सुन ‘ओजस’ की पुकार
एक बेटी दे देना मुझको करना ये उपकार
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