Corona epidemic: कोरोना की भयावह स्थिति में “जान है तो जहान है” यह बात सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी गयी: ममता कुशवाहा
Corona epidemic: वेक्सीन लेने की व्यवस्था हुई है परंतु अभी पर्याप्त मात्रा में वेक्सीन की उपलब्ध नहीं है और लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है कुछ लोग तो डर कर ही जान गंवा रहे हैं
Corona epidemic: कोरोना महामारी के वजह से एक साल से भी अधिक समय बीत गया परन्तु स्थिति कोई सुधार देखने को मिल नहीं रहा, बीच में जरा सा राहत क्या मिली थी लोग कोरोना महामारी को हल्के में लेने लग गया और परिणामस्वरूप कोविड- 19 का दूसरा स्तर हमे देखने को मिल रहा है जिसके वजह से प्रत्येक रोज लाखों लोगों की जान जा रही है तो बहुत ही संख्या में इस बिमारी से संक्रमित हो गये , पूरा देश में हाहाकार मचा हुआ है ऐसा नहीं है कि लोग जागरूक नहीं है जागरूक होते हुए भी लोग लापरवाह हो गये हैं, वक्त रहते साफ -सफाई और मास्क,सेनेटाइजर आदि का उपयोग नहीं करते हैं, जबकि हमें समय समय पर गरम पानी, काढ़ा आदि का सेवन करते रहना चाहिए |
कोरोना काल में सबसे अधिक नुकसान या यूँ कहिए सबसे प्रभाव (Corona epidemic) विद्यार्थीयों पर पड़ा है, 2020 के मार्च महीने में लॉकडाउन लग गया था और जिसके इसके साथ सब कुछ बंद जिंदगी ठप पड़ गई थी तो सरकार ने बच्चों के भविष्य के बारे में सोच कर ऑनलाइन क्लास करने की व्यवस्था शुरू की प्राइमरी स्कूल से लेकर उच्च स्तरीय पढ़ाई के लिए घर पर रहकर ही व्यवस्था की जिसके माध्यम से शिक्षक शिक्षिका बच्चों को ऑनलाइन, लैपटॉप, मोबाइल ,कंप्यूटर आदि डिजिटल माध्यम से पढ़ाने लगे जिसके माध्यम से पढाई में रूकावट तो नहीं आयी परंतु सिर्फ सिलेबस पूरा करने से बच्चों में वो ज्ञान और अनुभव नहीं मिल पाता था
जो कक्षा के भीतर समूह में सीखने को मिलता ,कोरोना की भयावह स्थिति में “जान है तो जहान है” यह बात सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी गयी उसके बाद दिसंबर में कुछ हालत हालात सुधार देखते हुए आखिरी सप्ताह में कहीं-कहीं स्कूल कॉलेज खुलने लगी और दूरी बनाकर पूरे साफ सफाई की व्यवस्था बनाते हुए आते हुएहुए, पाठदान की व्यवस्था हुई और पहले की तरह विद्यार्थी स्कूल कालेज जाने लगे थे और भी सब कुछ बड़े दूकान, बाजार, ट्रेन, यातायात व्यवस्था सामान्य (Corona epidemic) होने लगी थी, और सरकार भी जगह जगह मतदान के लिए रैली करने लगी और तो सामूहिक तौर पर पार्टी ये सब होने लगा l
और इस तरह लोगों को लगने लगा कि कोरोना महामारी (Corona epidemic) खत्म हो गया और शादी ,भोज -भंडार आदि का आयोजन कोरोना के कोविड -19 की रफ्तार दुगुने कर दिया परिणामस्वरूप 2021 के अप्रैल में लॉकडाउन लगने का शुरू हो गया है और स्कूल कॉलेज पहले की तरह बंद और भी संस्थान सभी व्यवस्था बंद हो गई और कोरोना महामारी से लोग अधिक से अधिक संक्रमित होने लगे हैं जहां-तहां आए दिन लोगों की मरने की खबरें आ रही है वेक्सीन लेने की व्यवस्था हुई है परंतु अभी पर्याप्त मात्रा में वेक्सीन की उपलब्ध नहीं है और लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है कुछ लोग तो डर कर ही जान गंवा रहे हैं
अथार्त मेरा मानना है कोरोना महामारी से लड़ने के लिए लोगों के बीच सकारात्मक सोच के साथ – साथ काढा, गरम पानी आदि का सेवन करना चाहिए तथा साफ सफाई पर ध्यान देना चाहिए और बिना किसी अत्यंत आवश्यक काम के बाहर जाना नहीं चाहिए l (डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं.)
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