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Aankhen: ये आंखें मेरी रूठी रूठी….

Aankhen: !!आंखें!!

Raja kumar chaurasia
राजा कुमार ‘चौरसिया’
सलौना, बेगूसरा

ये आंखें मेरी रूठी रूठी
तुम्हारी ओर मुरी मुरी,
जब भी तुम्हें देखूं मैं
लाल गुलाबी भांति हो।

तेरी नजरी बड़ी निराली
तुम हमें बहुत भांति हो,
आंखों के मेरे धारों में
तुम हमेशा बसे रहते हो।

आंखों तेरी कोमल सी
क्या तुम्हारी ये सुंदर मुस्कान,
मन को उड़ा ले जाती तू
जाने तू कौन सी परी है तू।

मेरे आंखों में तेरी नजरें
देख हमेशा झिलमिलाती तू,
दिल की अंदर आत्मा में तू
ना जाने कैसे बस जाती तू ।

क्या सूरत तेरी भोली-भाली
तुम्हारी स्नेह है बड़ी प्यारी ,
सुंदर-सुंदर बातों से तू
मन खींच कर ले जाती तू।

तेरी बातें में कोमल रस
रसीले रस से भरा हुआ ,
फूलों की भांति खिला हुआ
खुशियों से तू भरा परा।

तुम हमारे नजरों की
ज्योतिषी प्रकाश है तू,
तेरे ज्योतिषी प्रकाश में
मैं फिर से ज्योतिर्मय हो जाता हूंँ।

तेरी ऐसी अनोखी यादें
हमें हमेशा मन में आती तू ,
तेरी यादों में हम भी
खोए हुए रह जाते हैं ।

तुम्हारी पलकें खींच खींच कर
इधर उधर ले जाती है ,
तेरी यादों में स्वयं को
चाह कर भी ना रह पाता हूंँ।

फिर से तेरी मुलाकातें होंगे
चाहकर नहीं गवाऊंगा
तेरी नजरें की काये में
झुक बैठ सो जाऊंगा।

तेरी आंखों से ओझल होकर
दिल कांप उठ जाता है,
मेरे दिल की धड़कनों में
तेरी यादों बहुत सताता है।

तू स्नेह की भरी प्यारी
यादें तेरी बड़ी सुहानी,
आंखें में बस तू बसे रहना
यादों को तू बनाए रहना।

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