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PM Modi inaugurate sabar dairy plant: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया साबर डेयरी के प्लांट का शुभारंभ, जानें पूरी डिटेल…

PM Modi inaugurate sabar dairy plant: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 600 करोड़ की लागत से बनने वाली चीज प्लांट का भूमिपूजन किया

गांधीनगर, 28 जुलाईः PM Modi inaugurate sabar dairy plant: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की जनता को बड़ा तोहफा दिया हैँ। दरअसल प्रधानमंत्री ने आज साबर डेयरी में 305 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित पाउडर प्लांट, 125 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित टेट्रापैक का लोकार्पण और 600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले चीज प्लांट का भूमिपूजन किया।

गौरतलब है कि गुजरात के पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में यह सरकार का अहम कदम साबित होगा। जिससे साबरकांठा के पशुपालकों को रु. 700 करोड़ की कमाई होगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए नवीन दृष्टिकोण और नीतियों के साथ काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने साबर डेयरी में एक सड़न रोकनेवाला दूध पैकेजिंग संयंत्र का भी उद्घाटन किया। यह 3 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला एक अत्याधुनिक संयंत्र है। परियोजना की लागत लगभग रु 125 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ लागू की गया है। संयंत्र में अत्यधिक ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी के साथ नवीनतम स्वचालन प्रणाली है। यह परियोजना दुग्ध उत्पादकों को बेहतर पारिश्रमिक सुनिश्चित करने में मदद करेगी।

जानें अपने संबोधन में पीएम ने क्या कहा….

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नया पनीर प्लांट सेबर डेयरी के विस्तार में मदद करेगा। इस अवसर पर उन्होंने सभी पशुपालकों एवं संचालकों को शुभकामनाएं दीं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि साबर डेयरी की बात करते समय भूराभाई पटेल को जरूर याद किया जाना चाहिए। उन्होंने वर्षों पहले शुरुआत की थी और लाखों पशुपालकों के जीवन में सुधार किया है। साबरकांठा में देखने के लिए कुछ भी नया नहीं है क्योंकि शायद ही कोई ऐसा हिस्सा हो जहां कोई नहीं गया हो।

उन्होंने कहा कि वह आवाज आज भी कानों में गूँजती है। मैं और आप दोनों जानते हैं कि दो दशक पहले यहां क्या स्थिति थी। गुजरात ने कृषि क्षेत्र को बदल दिया है, अर्थात् डेयरी ने अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है।

पशुपालक बहनों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वृद्धि हो तो बहनों को सोना खरीदना चाहिए। गुजरात का डेयरी बाजार 1 करोड़ को पार कर गया है। मुझे खुशी है कि दुग्ध समितियों में महिलाओं को स्थान मिला है। कुछ जगहों पर महिलाएं सारे काम करती हैं। मैंने उस समय एक नियम बनाया था कि महिलाओं को दूध के रुपये नहीं बल्कि भाइयों को मिलने चाहिए। इससे महिलाओं की ताकत में इजाफा हुआ। सहयोग का अर्थ है समृद्धि।

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मालूम हो कि ‘आज 1798 दुग्ध समितियां डेयरी में काम कर रही हैं। 1964-65 में केवल 19 दुग्ध समितियों से शुरूआत की गई थी। 29 सदस्यों से शुरू हुई डेयरी में आज 3,98,986 सदस्य है। 1964-65 में 0.05 लाख लीटर दूध संपादन से साबर डेयरी की शुरुआत हुई थी। आज डेयरी में रोजाना 33.27 लाख लीटर दूध का संपादन हो रहा है।’

बता दें कि गुजरात में 24 सहकारी डेयरियों द्वारा प्रतिदिन 250 लाख लीटर दूध का प्रोसेस किया जाता है। जिसमें से 5वां भाग दूध तरल के रूप में उपयोग किया जाता है जबकि शेष दूध का उपयोग पाउडर, मक्खन, पनीर और चॉकलेट सहित उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है। सहकारी ढांचे के माध्यम से गुजरात में दूध का सालाना कारोबार करीब 60 हजार करोड़ रुपये का है।

साबरकांठा के किसानों के लिए साबर डेयरी एक जीवन डोर के समान है। साबर डेयरी न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में सबसे तेजी से बढ़ने वाली डेयरी बन गई है। साबर डेयरी की प्रतिदिन 40 लाख लीटर दूध प्रोसेसिंग करने की क्षमता है।

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