Arvind Kejariwal

Arvind kejriwal offer to central government: हर भारतवासी को अमीर बनाना चाहते हैैं अरविंद केजरीवाल, केंद्र सरकार को दिया यह ऑफर

  • देशभर में अधिकतर सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल है और इन में 17 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं, इन 17 करोड़ बच्चों का भविष्य अंधकार में है- अरविंद केजरीवाल
  • अमेरिका, इंग्लैंड, डेनमार्क अपने हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देते हैं, इसलिए अमीर हैं, अमीर हैं, इसलिए अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं देते हैं- अरविंद केजरीवाल
  • मैं केंद्र सरकार को ऑफर देना चाहता हूं कि आप हमारी सेवाओं का इस्तेमाल करिए, हम भी तो इसी देश के हैं: अरविंद केजरीवाल

Arvind kejriwal offer to central government: भारत को अमीर देश बनाने के लिए हर भारतवासी को अमीर बनाना पड़ेगा, मैं देश के हर गरीब को अमीर बनाना चाहता हूं- अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली, 16 अगस्त: Arvind kejriwal offer to central government: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि देशभर में अच्छी और फ्री शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं देने के कार्य में अब हमें युद्ध स्तर पर लग जाना चाहिए, तभी भारत दुनिया का नंबर वन देश बनेगा। भारत को अमीर देश बनाने के लिए हर भारतवासी को अमीर बनाना पड़ेगा। देशभर में अधिकतर सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल है। अगर हम सरकारी स्कूलों को दिल्ली जैसा शानदार बना दें।

सारे बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी चालू कर दें और ये बच्चे अच्छे बिजनेसमैंन, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील बनना शुरू हो जाएं, तो हर बच्चा अपने परिवार को अमीर बना देगा। इसके लिए हमें देश के सभी सरकारी स्कूलों को शानदार करने पड़ेंगे। ढेर सारे नए सरकारी स्कूल खोलने पड़ेंगे। सभी कच्चे शिक्षकों को पक्का करने के साथ बड़े पैमाने स्तर पर नए शिक्षकों की भर्ती करनी पड़ेगी और शिक्षकों की शानदार ट्रेनिंग करानी पड़ेगी।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सबके लिए अच्छा और मुफ्त इलाज का इंतजाम करने के लिए बड़े स्तर पर पूरे देश में सरकारी अस्पताल खोलने पड़ेंगे। दिल्ली में एक आदमी पर साल में औसतन दो हजार रुपए का खर्चा आता है। इस तरह पूरे देश में 130 करोड़ लोग का 2.5 लाख करोड़ रुपए में इलाज हो जाएगा। यह पांच साल में हो सकता है। हमने दिल्ली में किया, हमें करना आता है। मैं केंद्र सरकार को ऑफर देना चाहता हूं कि आप हमारी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का इस्तेमाल करिए। हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।

मेरी जिंदगी का एक ही सपना है, मैं अपने जीते-जी भारत को दुनिया का नंबर वन देश देखना चाहता हूं: अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज डिजिटल प्रेस वार्ता कर कहा कि मेरी जिंदगी का एक ही सपना है। मैं अपने जीते-जी भारत को दुनिया का नंबर वन देश देखना चाहता हूं। भारत को दुनिया का सबसे शक्तिशाली और सर्वश्रेष्ठ देश देखना चाहता हूं। हम सब लोग चाहते हैं कि भारत एक अमीर देशों में गिना जाए। भारत अमीर कैसे बनेगा? भारत अमीर तब बनेगा, जब हर भारतवासी अमीर बनेगा।

ऐसा तो नहीं हो सकता है कि भारत अमीर देश बन गया और भारत के लोग गरीब रह गए। फिर तो भारत अमीर देश नहीं हो सकता है और ऐसा भी नहीं हो सकता है कि सारे भारतवासी अमीर हो जाएं और भारत गरीब देशों में गिना जाए। यह भी नहीं हो सकता है। भारत को अमीर देश बनाने के लिए हर भारतवासी को अमीर बनाना पड़ेगा। मैं हर गरीब आदमी को अमीर बनाना चाहता हूं। मुझे अमीरों से कोई परहेज नहीं है, लेकिन मैं हर गरीब को अमीर बनाना चाहता हूं।

अगर हम सरकारी स्कूलों को बहुत अच्छा कर देते हैं और वहां से निकलने वाला बच्चा डॉक्टर-इंजीनियर बनता है, तो वो अपने परिवार की गरीबी दूर करेगा- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गरीब आदमी अमीर कैसे बनेंगे? आप एक कल्पना कीजिए कि एक गरीब किसान, एक गरीब मजदूर है, एक गरीब कारपेंटर, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियल है, वो अपने बच्चे को एक सरकारी स्कूल में भेजना है और सरकारी स्कूल की हालत बहुत खराब है। उसमें पढ़ाई होती नहीं है। कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। दीवारें टूटी हुई हैं, छतें टपक रही हैं। तो वह बच्चा भी कुछ पढ़ेगा तो है नहीं और बड़ा होकर उसको छोटे-मोटे काम करने पड़ेंगे। गरीब का बच्चा गरीब ही रह जाएगा।

वहीं, अगर हम सरकारी स्कूलों को बहुत अच्छा कर देते हैं, स्कूल में पढ़ाई बहुत अच्छी कर देते हैं और एक किसान, मजदूर, रिक्शेवाले, प्लंबर, कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन, लोअर मीडिल क्लास या मीडिल क्लास का बच्चा अगर उस सरकारी स्कूल में जाता है, जहां पढ़ाई बहुत अच्छी होती है तो वहां से निकलकर वो बच्चा एक डॉक्टर, इंजीनियर बनता है, अच्छा बिजनेस करता है। फिर वो अपने परिवार की गरीबी दूर करेगा। उसका परिवार अमीर बन जाएगा।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने उदाहरण देते हुए कहा कि छात्र कुशाल गर्ग के पिताजी एक प्लंबर हैं और वो 10-12 हजार रुपए महीना कमाते हैं। कुशाल का अब ऑल इंडिया मेडिकल के अंदर एडमिशन हो गया है। उसके पिताजी 10-12 हजार रुपए कमाते हैं, लेकिन अब वो पढ़ाई पूरी करने के बाद जब डॉक्टर बनेगा, तो शुरू में ही वो कम से कम तीन-चार लाख रुपए महीना कमाएगा, तो उसका परिवार अमीर हो गया।

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अगर हम सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अपने 17 करोड़ बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी शुरू कर दें, तो भारत को अमीर देश बना सकते हैं- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अपने देश में करीब 17 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। इनमें से कुछ चंद स्कूलों को छोड़ दें, जो अच्छे हैं, तो देशभर में अधिकतर सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल है। इन 17 करोड़ बच्चों का भविष्य अंधकार में है। इनके मां-पिता के पास पैसे नहीं हैं। इसलिए वे अपने बच्चों को इन सरकारी स्कूलों में भेजते हैं। माता-पिता बहुत गरीब हैं। वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं और वहां बच्चों की पढ़ाई नहीं है, तो ये बच्चे भी बड़े होकर गरीब ही रह जाएंगे।

अगर हम इन सरकारी स्कूलों को दिल्ली के जैसे बहुत शानदार बना दें, अगर इन सारे बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी चालू कर दें और अगर ये बच्चे बड़े होकर अच्छे बिजनेसमैंन, व्यापारी, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील बनना शुरू हो जाएं, तो एक-एक बच्चा अपने-अपने परिवार को अमीर बना देगा।

जब एक-एक बच्चा अपने-अपने परिवार को अमीर बनाएगा, तो मेरा भारत देश भी अमीर बन जाएगा। अपना भारत देश ऐसे अमीर बनेगा। अगर हम सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अपने इन 17 करोड़ बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी शुरू कर दें, तो भारत को अमीर देश बना सकते हैं।

अमेरिका इसलिए अमीर देश बना, क्योंकि वो अपने हर बच्चे को फ्री में अच्छी शिक्षा देता है, अगर अमेरिका अच्छी शिक्षा देना बंद कर दे, तो वो गरीब देश बन जाएगा- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अमेरिका अपने हर बच्चे को फ्री में अच्छी शिक्षा देता है। क्यों देता है? अमेरिका अमीर देश है, इसलिए अपने हर बच्चे को फ्री में अच्छी शिक्षा नहीं देता है, बल्कि अमेरिका इसलिए अमीर देश बना, क्योंकि वो अपने हर बच्चे को फ्री में अच्छी शिक्षा देता है। अगर आज अमेरिका अपने हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देना बंद कर दे, तो अमेरिका गरीब देश बन जाएगा।

इंग्लैंड और डेनमार्क भी अपने हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देता है। ये देश अपने हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देते हैं, इसलिए अमीर हैं, अमीर हैं, इसलिए अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं देते हैं। अगर भारत को भी अमीर बनना है, तो हर भारतीय को अमीर बनना पड़ेगा। अगर हर भारतीय को अमीर बनना है, तो हमें चार काम करने पड़ेंगे।

पहला, देश के अंदर जितने भी सरकारी स्कूल हैं, सबको शानदार बनाना पड़ेगा। दूसरा, ढेर सारे नए सरकारी स्कूल खोलने पड़ेंगे। तीसरा, पूरे देश के अंदर जितने कच्चे टीचर हैं, उनको पक्का करना पड़ेगा और बहुत बड़े स्तर पर नए शिक्षकों की भर्ती करनी पड़ेगी। चौथा, शिक्षकों की शानदार ट्रेनिंग करानी पड़ेगी और अगर जरूरत पड़ेगी, तो विदेशों में ट्रेनिंग करानी पड़ेगी।

हम लोगों ने दिल्ली में अपने शिक्षकों की विदेशों में ट्रेनिंग कराई है। ये चार काम हम कर देंगे, तो भारत अमीर देश बन जाएगा। भारत का एक-एक आदमी अमीर बन जाएगा। यह काम पांच साल में हो सकता है। दिल्ली में हमने पांच साल में सरकारी स्कूल शानदार कर दिए। पूरे देश में भी पांच साल में हो सकता है। हमको करना आता है।

मैं केंद्र सरकार को ऑफर देना चाहता हूं कि आप हमारी सेवाओं का इस्तेमाल करिए, हम भी तो इसी देश के हैं, राजनीति को अलग कर देते हैं- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज मैं केंद्र सरकार को यह ऑफर देना चाहता हूं कि आप हमारी सेवाओं का इस्तेमाल करिए, हम भी तो इसी देश के हैं, राजनीति को अलग रख देते हैं। आप हमारी सेवाओं का इस्तेमाल करो, हम-आप और देश के 130 करोड़ भारतीय मिलकर सारे सरकारी स्कूलों को ठीक करेंगे।

सारी सरकारें मिलकर सरकारी स्कूलों को ठीक करेंगी। यह हो सकता है और इसको फ्री-बी कहना बंद करो। अच्छी शिक्षा देना फ्री-बी नहीं है। एक टाइम कम भी खाना पड़े, तो देश के 130 करोड़ लोग उसके लिए भी तैयार हैं, लेकिन अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे।

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जानबूझकर सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरी का कबाड़ा किया जा रहा है, ताकि प्राइवेट अस्पताल फलें-फूलें- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके अलावा देश में सबके लिए अच्छा और मुफ्त इलाज का इंतजाम करना पड़ेगा। हमने दिल्ली में किया है। हमने पांच साल में दिल्ली के अंदर ऐसी व्यवस्था कर दी कि दिल्ली में ढाई करोड़ लोग हैं और हर व्यक्ति का सारा इलाज मुफ्त है। अगर दिल्ली सरकार कर सकती है, तो पूरे देश में भी हो सकता है। इसके लिए सरकारी सिस्टम को दुरूस्त करने की लगन होनी चाहिए। आज हम सारे सरकारी सिस्टम का कबाड़ा करने में लगे हुए हैं।

सुनने में आता है कि कई सरकारों द्वारा जानबूझ कर सरकारी स्कूलों को कबाड़ा किया जा रहा है, ताकि माता-पिता अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजना चालू कर दें। जानबूझ कर अस्पतालों का कबाड़ा किया जा रहा है। सरकारी डिस्पेंसरी का कबाड़ा किया जा रहा है, ताकि प्राइवेट अस्पताल फलें-फूलें। इंश्योरेंस स्कीम निकाली हुई है। कहते हैं कि पांच-पांच लाख रुपए का इंश्योरेंस है।

अगर आप अस्पताल में भर्ती हो गए, तो पांच लाख का इंश्योरेंस ले लेना। मान लीजिए कि मेरे को बुखार या कोई बीमारी हो गई और मैं अस्पताल में भर्ती नहीं हूं और इतनी दवाइयां लेनी पड़ रही है, तो मैं कहा से दवा लूंगा। दवा के लिए पैसा कहां से लाउंगा। देश के कई इलाके ऐसे हैं, जहां अस्पताल है ही नहीं, तो उस इंश्योरेंस का कार्ड लेकर मैं क्या करूंगा। मेरे को इलाज चाहिए, इंश्योरेंस का कार्ड नहीं चाहिए। इसका मतलब वो अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। इसका मतलब है कि वो सरकारी अस्पताल ठीक नहीं करना चाहते हैं।

स्वास्थ्य सुविधाओं को फ्री-बी कहना बंद करो, 130 करोड़ लोगों का अपना परिवार है, इसमें कोई बीमार हो, तो अपनी जिम्मेदारी है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर दिल्ली के अंदर हर व्यक्ति को यह सुरक्षा चक्र मिल सकता है कि उसका सारा इलाज मुफ्त है। छोटी से छोटी क्रोसीन से लेकर 20 लाख या 50 लाख का भी ऑपरेशन होगा, तो वो भी मुफ्त होगा, तो यह पूरे देश में भी हो सकता है। इसके लिए हमें बड़े स्तर के उपर पूरे देश में सरकारी अस्पताल खोलने पड़ेंगे। सरकारी मोहल्ला क्लीनिक और डिस्पेंसरी खोलनी पड़ेगी।

अस्पतालों के अंदर एक्सरे, एमआरआई की मशीन लगानी पड़ेगी। टेस्ट का इंतजाम करना पडेगा। यह हो सकता है और सरकार के पास पैसा है। अगर दिल्ली में हो सकता है, तो पूरे देश में हो सकता है। इसके लिए सिस्टम बनाना पड़ेगा। दिल्ली में हमने देखा। एक बार अस्पताल बनाने और सारी मशीनें खरीदने के बाद दिल्ली में एक आदमी पर साल में औसतन दो हजार रुपए का खर्चा आता है।

पूरे देश में 130 करोड़ लोग हैं, 2.5 लाख करोड़ रुपए में पूरे देश के लोगों का इलाज हो जाएगा। यह कितनी बड़ी बात हो जाएगी। यह जितने अमीर देश हैं, इन्होंने अपने नागरिकों के इलाज का इंतजाम कर लिया है। इंग्लैंड में सबका इलाज मुफ्त है। सबका इलाज सरकारी कराती है। डेनमार्क, नार्वे, स्वीडन में सबका इलाज मुफ्त है।

हम भी कर सकते हैं और हमें भी करना चाहिए। यह पांच साल में हो सकता है। हमने दिल्ली में किया, हमें करना आता है। मैं केंद्र सरकार को पुन‘ ऑफर देना चाहता हूं कि आप हमारी सेवाओं का इस्तेमाल करो, हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। इसको भी फ्री-बी कहना बंद करो। 130 करोड़ लोगों का अपना परिवार है। इस परिवार में कोई बीमार हो, तो अपनी जिम्मेदारी है। हम ये नहीं कह सकते हैं कि तू जाने, तेरा काम जानें।

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