मुझे लिखना है ज़रा ज़रा तुम्हे, हर किस्से में:दीपा (Deepa)

मुझे लिखना है ज़रा ज़रा तुम्हे,हर किस्से में।और बचाकर रख भी लेना है ज़ेहन में,ज्यों का त्यों।पर ये मुमकिन न होगा,शायद।क्योंकि तुम तोख़ुशी हो मेरी,बढ़ते ही रहोगे,हर क़िस्से के साथ।तब … Read More

शोर सा हुआ है दिल मे, जब से देखी है यह तस्वीर (Tasvir) तुम्हारी…

शोर सा हुआ है दिल मे,जब से देखी है यह तस्वीर (Tasvir) तुम्हारी…ये आंखे और आंखों में लगा काजल…जगा दी है दिल मे अजब सी खुमारी ।। जैसे है कोई … Read More

Childhood and old age: मेरी जुबानी मेरे अनुभव जहां हमने देखा “बचपने और बुढ़ापे का दौर “

“बचपना और बुढ़ापा” (Childhood and old age) बचपना और बुढ़ापा एक साबस फर्क है इक उम्र का,इच्छाए दोंनो का एक सालालसा दोनों का एक सा,जतन दोंनो का एक सानादान बचपन … Read More

चलो दिल (Dil)को यूँही बहलाया जाये पुरानी यादो को पास बुलाया जाये।

दिल (Dil) चलो दिल (Dil) को यूँही बहलाया जायेपुरानी यादो को पास बुलाया जाये। गुजरा वक्त तो आ ही नही सकताकुछ लम्हो को पास बिठाया जाये। सफर की धूल से … Read More

एक नये सफर पर जाना है जहाँ खुद को भूल जाना है।

एक नये सफर पर जाना हैजहाँ खुद को भूल जाना है| बस उसी मे दिल लगाना हैबस उसी मे डूब जाना है | तेरी रहमत से है जहाँ रोशनतेरी बारीश … Read More

એ થપ્પો,ગિલ્લી ડંડો બધું ક્યાં છે, એ બાળપણ,તું ક્યાં છે…

મોબાઇલની ભીડભાડમાં ખોવાઈ ગયા,એ થપ્પો,ગિલ્લી ડંડો બધું ક્યાં છે,એ બાળપણ,તું ક્યાં છે… નથી ખબર મને બીજી કોઈ રમતો,ક્યારેક ખાધી,ખોટી માં ની કસમો,મળે તને પ્રથમ પેરવા જીન્સ પેન્ટ,એ ફાટેલ થીગળાવાળી ચડ્ડી … Read More

क्या उसे हक नहीं खुले आसमान में उड़ाने का

नारी ही क्यों ? क्यो? नारी ही सहे अत्याचार |क्यों ? नारी ही रहे सिर झुकाएक्या नारी को हक नहीं जीने काअपने सपनों के साथ , क्या उसे हक नहींखुले … Read More

आओ मनाये संग त्योहार- ममता कुशवाहा

जश्न त्योहारों का आया महीना माघ कालाया जश्न त्योहारों काछाया खुशी है चारों ओरकट आयी है फसलें घर, आओ मनाये संग त्योहारपोंगल,मकर संक्राति,बिहु ,लोहरी का जश्न धूम-धामउत्सव ए त्योहारों का … Read More

हिंदी भाषी कहलाने का करो गर्व इस बात पर, हिंदी भाषी है हम: ममता कुशवाहा

~~~~विश्व हिन्दी दिवस~~~~ हिंदी है हमारी मातृभाषा हिंदी है हमारी मातृभाषाकरो सम्मान इसका सदैवना कतराओ इसे बोलने मेंना कतराओ इसे लिखने में,हिंदी है हमारी मातृभाषाजिसने दिया हमे पहचानहिंदी भाषी कहलाने … Read More

जो दिखाई देते हैं संकीर्णता के पक्ष में, ऐसे लोगों से नहीं मैं मित्रता के पक्ष में।

जो दिखाई देते हैं संकीर्णता के पक्ष में।ऐसे लोगों से नहीं मैं मित्रता के पक्ष में। ज़हर था बातों में उनकी जानते थे सब मगरआ गए कुछ लोग उनकी धृष्टता … Read More