चलो दिल (Dil)को यूँही बहलाया जाये पुरानी यादो को पास बुलाया जाये।
दिल (Dil)
चलो दिल (Dil) को यूँही बहलाया जाये
पुरानी यादो को पास बुलाया जाये।
गुजरा वक्त तो आ ही नही सकता
कुछ लम्हो को पास बिठाया जाये।
सफर की धूल से सराबोर होकर
खुद को फिर सजाया सँवारा जाये।
मयकदा लाख बुरा सही जगह अच्छी हैं
अगर सलीके से पिया जाये पिलाया जाये।
मुरझाये फूल खुशबू तो दे नही सकते
पर उनके माज़ी को भी कैसे भुलाया जाये।
~~डॉ दिलीप बच्चानी~~
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