शोर सा हुआ है दिल मे, जब से देखी है यह तस्वीर (Tasvir) तुम्हारी…
शोर सा हुआ है दिल मे,
जब से देखी है यह तस्वीर (Tasvir) तुम्हारी…
ये आंखे और आंखों में लगा काजल…
जगा दी है दिल मे अजब सी खुमारी ।।
जैसे है कोई नशा इनमे,
देखते ही उतर गयी दिल मे..
दिल अब तक मदहोश है
तेरी आँखों का ही ये जोर है
उठी जिधर यह झुकी सी नज़र…
बताती है इन आँखों का मंज़र ।।
कितने ही मौसम बदले हैं इसने
कितनी ही शामो को रोशन किया
तुम्हारी ही आँखों में डूबे रहें,
दिल कह रहा कि,
आज सजदे में झुक जाऊँ…
तुम सामने बैठी रहो…
और मैं कोई गजल सुनाऊँ ।।
यह आंखे तुम्हारी,
जिनके इशारो पर…
चाँद चले आसमानो में…
कभी है यह चंचल….
कभी है यह प्यारी ।।
कभी मदहोश करदे आंखों में लगी यह काजल की धारी,
जैसे सागर का कोई किनारा
तुम्हारी पलकों पर
ठहरा ये पानी
देखते ही कह दिया…
यह अनकही है कहानी तुम्हारी …
जब से देखी है यह तस्वीर (Tasvir) तुम्हारी
सारी चाहतें हो गई है तस्वीर तुम्हारी,,,,,,
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