Today society…वो लड़की हंसते -हंसते रो जाती होगी

Today society: जाने कैसे गम के किससे सुनाती होगी ! Today society: जाने कैसे गम के किससे सुनाती होगीवो लड़की हंसते -हंसते रो जाती होगी हर्फ हलक में आकर अटक … Read More

Festival of Holi: सबके अपने जिगरी यार है आज होली का त्यौहार है…!

!! होली का त्यौहार है !!(Festival of Holi) Festival of Holi: बीते एक साल बाद है आयाखुशियों का उपहार है लायाकिसी के हाथ है नीला पीलाकोई बनकर घूम रहा रंगीलामिलने … Read More

Holi festival of colors: रंगों का पर्व यह है, मर्म इसका गुलाल है,

!! होली !!(Holi festival of colors) Holi festival of colors: रंगों का पर्व यह है,मर्म इसका गुलाल है,जब तक ना गुलाल हो गालों पेतब तक ना शोभेगा मर्म इसका,यह पर्व … Read More

Holika dahan…बुराई का नाम लेकर होलिका जलाने लगे

होलिका दहन (Holika dahan) Holika dahan: कितना बहम लोग दिलों में जगाने लगेबुराई का नाम लेकर होलिका जलाने लगे दिलों की नफरतें इनसे जलाई नहीं जातीखामखा के नाटक जमाने को … Read More

Holi aai re: होली आई होली आई……

!! होली आई !! (Holi aai re) Holi aai re: होली आई होली आईढ़ेर सारी खुशियाँ लायीरंगो का त्योहार हैबच्चों का भी हुड़दंगकहीं पिचकारी की रंग तोकहीं कीचड़ों की दंगजहाँ … Read More

puppet: कौन चाहता कठपुतली बनना

!! कौन चाहता कठपुतली बनना !! (puppet) puppet: जीवन एक अमुल्य रत्न है,जो न मिलती कभी दोबारा है,इस जीवन को जीने दो,स्वतंत्रता की दुनिया में,मत बनाओ कठपुतली किसी को। कौन … Read More

Khidkiya khul chuki: खिड़कियाँ खुल चुकी घर के, फाटक के भी…

 !! काफिरे नहीं उसकी !!(Khidkiya khul chuki) खिड़कियाँ खुल चुकी (Khidkiya khul chuki)घर के, फाटक के भीइतिहास पलटा बीती काल केकबीर देखा, तुलसी भीयथार्थ के पीछे छूटे तस्वीरइति रचा, स्वं … Read More

Ghunghat: घूँघट में अरमानों को छुपाए, बड़ों के आगे सर झुकाए..

!! घूँघट !!( Ghunghat) घूँघट (Ghunghat) में अरमानों को छुपाए, बड़ों के आगे सर झुकाएतुम हर दिन कल्पना से परे ना जाने कितना सहती होंपर मजाल है जो उफ़ भी … Read More

Dosti: इस ज़माने में ऐसी दोस्ती मिलती कहाँ है …

Dosti: जो हँसो आप तो ठहाकों की गूंज उसकी होगी, ख्वाहिशें आपकी और उसे पूरा करने की जिद्द उसकी होगी Dosti: इस ज़माने में ऐसी दोस्ती मिलती कहाँ है …जो … Read More

Kavya: मैं ढूंढ़ा उसे गर्दिशों में, ठहर गया मानो कोई

!! मैं ढूंढा !! (Kavya) Kavya: मैं ढूंढ़ा उसे गर्दिशों मेंठहर गया मानो कोईसाथ नहीं सहारा नहींजिस कदर में जातालोग ठुकरा जाते मुझेकिस तन्हा से कहूँ मैंकिस ओर जाने वोजिस … Read More