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puppet: कौन चाहता कठपुतली बनना

!! कौन चाहता कठपुतली बनना !! (puppet)

puppet, Utsav Kumar
उत्सव कुमार, बेगूसराय, बिहार

puppet: जीवन एक अमुल्य रत्न है,
जो न मिलती कभी दोबारा है,
इस जीवन को जीने दो,
स्वतंत्रता की दुनिया में,
मत बनाओ कठपुतली किसी को।

कौन चाहता कठपुतली बनना,
कठपुतली तो परतंत्रता का प्रतीक है,
इस धरा के सभी प्राणी,
उनमुक्त रहना चाहते है।

मत बनाओ कठपुतली,
किसी भी प्राणवान को,
सभी को स्वामित्व है ,
स्वतंत्र जीवन जीने का।

एक बार तू सोच के देख,
जब हुआ करते थे,
अंग्रेजों के कठपुतली हम,
तब हमें कितना यातना झेलकर भी,
न मिलती स्वतंत्रता थी,
वो खौफनाक दिन याद आते ही,
कापने लगती है आत्मा हमारी।

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