स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा सैनिक भाइयों एवं बहनों से सम्बोधन

14 AUG 2020 by PIB Delhi मेरे प्यारे सैनिक भाइयों एवं बहनों, आज मध्य रात्रि से भारतवर्ष 74वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। इस पावन अवसर पर मैं सशत्र सेनाओं में कार्यरत आप सभी सैनिकों एवं सैन्य अधिकारियों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं सभी सेवारत कार्मिकों के साथ-साथ थल सेना, नौसेना, वायु सेना एवं तटरक्षक बल के पूर्व सैनिकों को भी शुभकामनाएं देता हूं। मैं उन परिवारजनों को भी बधाई देता हूँ जिनके प्रियजन उनसे बहुत दूर कठिन एवं दुर्गम क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि गहरे समुद्र में भी तैनात हैं।  स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या के इस अवसर पर मेरी संवेदना एवं कृतज्ञता राष्ट्र की रक्षा में अपना जीवन न्योछावर करने वाले उन रणबांकुरों के प्रियजनों के साथ भी है। आज मैं गलवान में बलिदान देने वाले सैनिकों को विशेष रूप से स्मरण करते हुए अपनी श्रद्धांजलि देता हूं। यह देश उनकी बहादुरी और उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी भुला नही सकता। मैं उन वीर नायकों के परिवारों को ये भरोसा देना चाहता हूँ कि आप लोग अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा देश आपके और आपके पूरे परिवार के साथ खड़ा है। हमारी सेनाएं राष्ट्र की रक्षा में अग्रणी हैं, अत: मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार आपका मनोबल ऊंचा बनाये रखने और आपकी Operational Requirement को पूरा करने के लिए वह सब कर रही है जो जरूरी है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत ने दूसरे देश की जमीन पर कब्जा करने के लिए आज तक कहीं भी और कभी भी हमला नहीं किया है। भारतवर्ष जमीन नहीं दिल जीतने में विश्वास रखता है। परंतु इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि हम अपने स्वाभिमान के ऊपर आंच आने देंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में हम जो कुछ भी करते हैं, वह हमेशा आत्मरक्षा के लिए करते हैं, दूसरों पर हमला करने के लिए नहीं। अगर दुश्मन देश ने कभी हमारे ऊपर आक्रमण किया, तो हर बार की तरह उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे। साथियों, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कई दशकों से लंबित रक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में सुधार की मांग को स्वीकार करते हुए पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस को लालकिला की प्राचीर से ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा की जिसके द्वारा चीफ आफ   डिफेन्स स्टाफ के पद का गठन हुआ। इस निर्णय से सशस्त्र बलों के बीच और बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया गया है। इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। आपको याद होगा लम्बे समय से भारतीय वायुसेना में नए आधुनिक लडाकू विमानों की कमी महसूस की जा रही थी। हमारी सरकार आते ही आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के साथ गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट अग्रीमेंट कर 36 राफेल यथाशीघ्र मंगाने का काम शुरू किया। खुशी की बात यह है कि राफेल के खेप आने शुरू हो गए हैं। दो सप्ताह पहले 29 जुलाई 2020 को पांच राफेल विमान अम्बाला एयर बेस पर पहुंचे। बाकी के भी शीघ्र ही आने वाले हैं। भारत में राफेल लड़ाकू विमान का टच डाउन हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। ये मल्टीरोल विमान भारतीय वायु सेना की क्षमताओं में क्रांति लाएंगे। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु के तंजावुर में सुखोई  MKI का 222 स्क्वाड्रन खड़ा किया गया है जो ब्रह्मोस मिसाइल से सुसज्जित है। जिससे हिन्द महासागर में हमें Strategical Depth मिलती है। मई  2020 को वायु सेना स्टेशन सलूर के 18वें स्क्वाड्रन को ऐल सी ए तेजस के दूसरे खेंप के माध्यम से Revive किया गया है। यह आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया एक बड़ा कदम है। साथ ही वायु सेना की क्षमता को और प्रबल बनाने के लिए 21 मिग 29 विमान खरीदने की भी मंजूरी दी गई  है। सशस्त्र बलों ने हमेशा समय-समय पर देश में किसी भी तरह की आपदा के समय निर्णायक भूमिका निभायी है। वर्ष 2020 इतिहास के पन्नों में कोविड-19 वर्ष के रूप में जाना जायेगा। इस महामारी से पूरा विश्व जैसे थम सा गया है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा हैं। रक्षा मंत्रालय एवं इसके विभिन्न अंगों अर्थात सशस्त्र बलों, Armed Forces Medical Services, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (DPSU), Ordinance Factory Board, छावनी परिषद, भूतपूर्व सैनिक कल्याण, राष्ट्रीय कैडेट कोर तथा रक्षा मंत्रालय की अन्य स्वायत्त इकाइयां कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए प्रारम्भ से ही सक्रिय रहे हैं। ऐसे संकट काल में हमारे सशस्त्र बलों ने जो सेवा कार्य किया है वह हमें गर्व से भर देता है। डीआरडीओ ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सशस्त्र बलों, टाटा संस और अन्य उद्योग समूहों के साथ मिलकर नई  दिल्ली … Read More