Lord Shiva

Mahashivratri 2022: भगवान शिव की पूजा में इन चीजों की होती है मनाही, जाननें के लिए पढ़ें पूरी खबर

Mahashivratri 2022: भगवान शिव की पूजा में शंख का प्रयोग भूलकर ना करें, वरना होना होगा क्रोध का शिकार

धर्म डेस्क, 21 फरवरीः Mahashivratri 2022: हर साल देश देवों के देव महादेव की साधना-आराधना के लिए महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) का महापर्व मनाता हैं। इस बार यह पर्व 1 मार्च को पड़ने जा रहा हैं। कहा जाता है कि शिव को समर्पित इस पावन रात्रि में श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शंकर की साधना करने पर जल्द ही शिव कृपा बरसती है और जीवन संबंधी सभी दुःख, रोग, शोक दूर होते हैं।

ऐसे में जब आप महाशिवरात्रि के पावन व्रत में शिव पूजा करें तो उसमें कई चीजों का प्रयोग भूलकर भी ना करें, अन्यथा भगवान शिव की कृपा की जगह आपको उनके क्रोध को झेलना पड़ सकता हैं। उन चीजों में से एक हैं शंख। आइए जानें आखिर भगवान शिव की साधना में शंख का प्रयोग क्यों नहीं होता हैं।  

भगवान शिव और शंख से जुड़ी पैराणिक कथा

हिंदू धर्म में जिस शंख को कई देवी-देवताओं ने अपने हाथ में धारण कर रखा है। जिस शंख के बगैर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अधूरी हैं, उसी शंख का प्रयोग भगवान शिव की पूजा में क्यों नहीं किया जाता। ब्रह्मवैवर्त पुराण की कथा के मुताबिक एक बार राधा रानी किसी कारणवश गोलोक से कहीं बाहर चली गई थी। उसके बाद जब भगवान श्रीकृष्ण विरजा नाम की सखी के साथ विहार कर रहे थे, तभी उनकी वापसी होती है और राधारानी भगवान श्रीकृष्ण को विरजा के साथ पाती है तो वे कृष्ण एवं विरजा को भला-बुरा कहने लगी। स्वयं को अपमानित महसूस करने के बाद विरजा विरजा नदी बनकर बहने लगीं।

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शिव ने किया शंखचूर का वध

राधा रानी के कठोर वचन को सुनकर उनके सुदामा ने अपने मित्र भगवान कृष्ण का पक्ष लेते हुए राधारानी से आवेशपूर्ण शब्दों में बात की। सुदामा के इस व्यवहार से क्रोधित होकर राधा रानी ने उन्हें दानव रूप में जन्म लेने का श्राप दे दिया। जिसके बाद सुदामा शंखचूर नाम का दानव बना। यह अपने बल के मद में तीनों लोकों का स्वामी बन बैठा।

साधु-संतों को सताने लगा। जिससे नाराज होकर भगवान शिव ने शंखचूर का वध कर दिया। शंखचूर विष्णु और देवी लक्ष्मी का भक्त था। भगवान विष्णु ने इसकी हड्डियों से शंख का निर्माण किया। जिससे विष्णु और अन्य देवी-देवताओं को शंख से जल अर्पित किया जाता हैं। किंतु भगवान शिव ने शंखचूर का वध किया था इसलिए शंख उनकी पूजा में वर्जित माना जाता हैं।

भगवान शिव के पूजा में इन चीजों की होती है मनाही

  • भगवान शिव की पूजा में कुमकुम, रोली और हल्दी का प्रयोग नहीं किया जाता
  • भगवान शिव की पूजा में तुलसी का पत्र न चढ़ाएं
  • भगवान शिव का नारियल से अभिषेक ना करें
  • भगवान शिव की पूजा में केतकी, कनेर, कमल या केवड़ा के फूल का प्रयोग ना करें
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