Welcome For 13 Countries Students In Hindi University

Welcome For 13 Countries Students In Hindi University: हिंदी विश्‍वविद्यालय में 13 देशों के 31 विद्यार्थियों का हुआ भव्य स्वागत

Welcome For 13 Countries Students In Hindi University: 20 से 29 मई तक ‘भारतीय सांस्‍कृतिक संबंध परिषद का हिंदी विश्व यात्रा’ कार्यक्रम आयोजित किया गया

वर्धा, 27 मई: Welcome For 13 Countries Students In Hindi University: महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में विभिन्‍न 13 देशों के 31 विद्यार्थियों का आगमन हुआ। उनके आगमन पर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल एवं प्रो. चंद्रकांत रागीट तथा कुलसचिव क़ादर नवाज़ खान की ओर से गुलाब पुष्प देकर भव्य स्वागत किया गया।

विश्‍व स्‍तर पर हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से ‘भारतीय सांस्‍कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्‍ली द्वारा 20 से 29 मई तक ‘भारतीय सांस्‍कृतिक संबंध परिषद का हिंदी विश्व यात्रा’ कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसी कड़ी में 31 विद्यार्थी विश्वविद्यालय में पधारे हैं।

इनमें ऑस्‍ट्रेलिया, डेनमार्क, दक्षिण,अफ्रीका, इटली, जापान, पोलैंड, मॉरीशस, कजाकिस्‍तान, कोरिया, गणराज्‍य, फिजी, श्रीलंका, रूस, तंजानिया और तजाकिस्‍तान आदि देशों के मेधावी हिंदी के छात्र शामिल हैं। उनके साथ भारतीय सांस्‍कृतिक संबंध परिषद के वरिष्ठ कार्यक्रम निदेशक कमल जीत सिंह और महेश कुमार भी आएं हुए हैं। विद्यार्थियों ने शनिवार की सुबह सेवाग्राम आश्रम में बापू कुटी को भेंट दी।

आश्रम के सीबी जोसेफ ने महात्मा गांधी के वर्धा आगमन से लेकर आश्रम से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी दी। नामदेव ढोले ने आ‌श्रम की गतिविधियों से परिचित कराया। आश्रम को देखकर सभी विद्यार्थियों ने खुशी और प्रसन्नता का इजहार करते हुए कहा कि पूरी दुनिया को शांति और अहिंसा का संदेश देने वाले गांधी का विचार हम जैसे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, उनके विचारों को हम अपने देश में प्रसारित करने का काम करेंगे।

बापू कुटी के भ्रमण के बाद विश्वविद्यालय के महादेवी वर्मा सभागार में परिचय एवं स्वागत का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर सभी ने भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषा के प्रति आकर्षण पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हिंदी के कारण ही हमें हिंदी विश्वविद्यालय और वर्धा आने का मौका मिला है। इस यात्रा को लेकर कमल जीत सिंह ने कहा कि यह भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद का पहला ऐसा कार्यक्रम है जिसमें इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न देशों 15 से 25 वर्ष की आयु के हिंदी के मेधावी विद्यार्थी शामिल हुए हैं।

उन्होंने ‘जन नेक्स्ट डेमोक्रेसी प्रोग्राम’ की भी जानकारी दी। बता दें कि सन् 1950 में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की स्थापना की गई थी और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद इसके प्रथम अध्यक्ष थे। वर्तमान में विनय सहस्रबुद्धे इसके अध्यक्ष हैं। प्रति कुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल ने सभी का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय में विदेशी विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध पाठ्यक्रमों की जानकारी दी और सुविधा से सम्पन्न पारिवारिक वातावरण में विश्वविद्यालय में पढाई के लिए आने का आह्वान भी किया।

विद्यार्थियों को जनसंचार विभाग में विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपा शंकर चौबे ने ‘विश्व पत्रकारिता के इतिहास’ पर पीपीटी के माध्यम से संवाद किया। जनसंचार के स्टुडियो में विद्यार्थियों ने हिंदी में कविता, गीत सुनाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।

इस अवसर पर डॉ. राजीव रंजन राय, डॉ. राजेश्वर सिंह, डॉ. सूर्य प्रकाश पाण्डेय, डॉ. योगेन्द्र बाबू, डॉ. वरुण उपाध्याय, डॉ. सुरजीत कुमार सिंह, राजेश अरोडा, परिमल प्रियदर्शी, बी. एस. मिरगे, राजेश यादव, अंजनी कुमार राय, डॉ. अमित विश्वास, डॉ. रणंजय सिंह आदि प्रमुखता से उपस्थित रहे।

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