Kejriwal jal board meeting

Water Logging Problem in Delhi: दिल्ली में जल भराव की समस्या जल्द होगी दूर, हर नाली और नाले में किए जाएंगे जरूरी बदलाव- अरविंद केजरीवाल

Water Logging Problem in Delhi: सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान को लेकर जल मंत्री, डीजेबी उपाध्यक्ष और जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की

नई दिल्ली, 24 अगस्तः Water Logging Problem in Delhi: दिल्ली में भारी बारिश के दौरान होने वाले जल भराव की समस्या बहुत जल्द दूर कर दी जाएगी। इसके लिए हर नाली और नाले में जरूरी बदलाव किए जाएंगे। आईआईटी दिल्ली द्वारा दिए गए सुझावों के मुताबिक नालियों में बदलाव किए जाएंगे, ताकि भारी बारिश के दौरान भी पानी की बेहतर निकासी हो सके और जल भराव की समस्या दूर की जा सके। दिल्ली में किस नाली का स्लोप खराब है, कौन सी नाली कहां मिलती है और किस नाली को किस नाले से जोड़ना है, उसके लिए हर नाली और नाले का अलग-अलग प्रोजेक्ट बनेगा। संबंधित अधिकारियों को इसका पूरा प्लान जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

Water Logging Problem in Delhi: इसके लिए कंसल्टेंट हायर किए जाएंगे, जो प्रत्येक नाली और नाले का प्लान और प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स बनाएंगे, ताकि इसको शीघ्र लागू किया जा सके। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान को लेकर आज दिल्ली सचिवालय में संपन्न हुई समीक्षा बैठक के दौरान यह बातें कही। इस दौरान जलमंत्री सत्येंद्र जैन, डीजेबी के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा और मुख्य सचिव समेत जल बोर्ड और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

Water Logging Problem in Delhi: दिल्ली सचिवालय में दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान-2021 को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में दिल्ली जल बोर्ड और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान अधिकारियों ने भारी बारिश के दौरान होने वाले जल भराव के कारणों पर प्रकाश डाला और नाले व नालियों में जरूरी बदलाव का सुझाव दिया। जिस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रत्येक नाली और नाले में जल भराव की समस्या को दूर करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान को लेकर आईआईटी दिल्ली ने समान्य सुझाव दिए हैं और अब हमें उसको आगे ले जाने की जरूरत है। दिल्ली की हर नाली और नाले का अलग-अलग प्रोजेक्ट बनाया जाए। किस नाली का स्लोप खराब है, कौन सी नाली अंत में कहां मिलती है और किस नाली को किस नाले से जोड़ना है, यह सब एक-एक नाली और एक-एक नाले का विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि यह पूरा प्लान जल्द से जल्द बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने इसके लिए एक कंसल्टेंट हायर करने के निर्देश भी दिए और कहा कि यह कंसल्टेंट एक-एक नाली और एक-एक नाले का प्लान और प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स बनाएंगे, ताकि इसको यथा शीघ्र लागू किया जा सके।

वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने आज दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान पर एक समीक्षा बैठक की। आईआई के सुझावों के मुताबिक, नालियों में ज़रूरी बदलाव किए जाएंगे। यह बदलाव भारी बारिश में भी पानी की बेहतर निकासी को ध्यान में रखकर किए जाएंगे। इससे जलभराव की समस्या दूर होगी। समीक्षा बैठक में जलमंत्री सत्येंद्र जैन, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा एवं मुख्य सचिव समेत जल बोर्ड और अन्य विभागों के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।’’

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में छोटी-बड़ी करीब 2846 नालियां हैं और इनकी लंबाई करीब 3692 किलोमीटर है। इन नालियों का एक बड़ा हिस्सा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास है और पीडब्ल्यूडी इसका नोडल विभाग भी है। दिल्ली को तीन प्रमुख प्राकृतिक जल निकासी बेसिन में विभाजित किया गया है। यह तीन जल निकासी बेसिन ट्रांस यमुना, बारापुलाह और नजफगढ़ है। इसके अलावा, कुछ बहुत छोटे जल निकासी बेसिन अरुणा नगर और चंद्रवाल भी हैं, जो सीधे यमुना में गिरते हैं।

दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान का उद्देश्य

दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान का उद्देश्य एक निश्चित समय सीमा के अंदर दिल्ली की जल निकासी में सुधार करने के लिए दिल्ली के मास्टर प्लान-2021 के अनुसार करीब 30-35 वर्षों के लिए दिल्ली में जल निकासी के संदर्भ में एक मास्टर प्लान तैयार करना है। साथ ही, मास्टर प्लान को चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वयन के लिए कार्य योजना तैयार करना और दिल्ली मास्टर प्लान-2021 के अनुसार, दिल्ली की जरूरतों को पूरा करने के लिए आगे की योजनाओं के साथ-साथ पहले पांच साल के लिए प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के लिए उचित रिपोर्ट तैयार करना है।

दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान के लिए टेक्निकल एक्सपर्ट कमिटी का गठन

दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान-2021 को धरातल पर उतारने के लिए एक टेक्निकल एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया गया है। इस टेक्निकल एक्सपर्ट कमिटी के पास कई जिम्मेदारियां हैं। जिसमें डिजाइन पैरामीटर या तकनीकी इनपुट जैसे वर्षा की तीव्रता, रिटर्न अवधि, रनऑफ गुणांक, प्रतिधारण अवधि आदि का निर्णय करना है, जिसका उपयोग सलाहकार द्वारा दिल्ली के मास्टर प्लान तैयार करने के लिए किया जाना है।

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डिजिटल मॉडलिंग की मदद से जल निकासी प्रणाली का किया गया अध्ययन

दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था में सुधार करने के लिए पूरे दिल्ली में फिजिकल ड्रेनेज सिस्टम का डिजिटल मॉडलिंग प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए अध्ययन किया गया है। इस प्रणाली के अध्ययन के बाद दो मॉडल बनाए गए हैं-
1- हाइड्रोलॉजिकल मॉडल – नालियों में कुल ‘अपवाह’ का आंकलन करने के लिए मिट्टी और पानी का मूल्यांकन उपकरण।
2- अर्बन स्टॉर्म वॉटर मैनेजमेंट मॉडल – मौजूदा समस्याओं को हल करने के लिए जल निकासी समाधान और ड्रेन डायमेंशन प्रदान करना।

दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान में की गई सिफारिशें

  • बरसाती पानी की नालियों पर अतिक्रमण न हो।
  • बरसाती पानी की नालियों में सीवेज न जाए।
  • बरसाती पानी की नालियों में कोई ठोस अपशिष्ट या सीएंडडी अपशिष्ट जाने की अनुमति नहीं दी जाए।
  • बरसाती नालों की डी-सिल्टिंग की प्रभावशीलता व डी-सिल्टिंग कार्यक्रम का सार्वजनिक प्रदर्शन।
  • कोई बरसाती पानी सीवर सिस्टम में नहीं बहाया जाना चाहिए।
  • किसी भी बरसाती पानी की नालियों के अंदर निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एलिवेटेड रोड, मेट्रो की उपयोगिताओं और खंभों को बरसाती पानी की नालियों के अंदर अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
  • बरसाती पानी के नए नालों का डिजाइन अलग से नहीं किया जाना चाहिए।
  • जल निकायों का कायाकल्प किया जाना चाहिए।
  • कम प्रभाव विकास (एलआईडी) विकल्प, जहां भी संभव हो, जैसे नालियों के संबंधित जलग्रहण क्षेत्रों में गड्ढे, वर्षा उद्यान, जैव-प्रतिधारण तालाब, जैव-स्वाल आदि करना।
  • बाढ़ प्रबंधन में सुधार के लिए सेंसर का उपयोग कर बाढ़ की निगरानी करना।

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