Vasanta College for Women

Vasanta College for Women: वसंता कॉलेज फॉर वूमेन में शुरू होगा मैनेजमेंट कोर्स

Vasanta College for Women: छात्राओं को मिलेगी आत्मविश्वास से आगे बढ़ने की नई ताकत

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 12 सितंबरः Vasanta College for Women: देश की प्रतिष्ठित महिला कॉलेज वसंता महिला महाविद्यालय राजघाट ने महिला शिक्षा में मैनेजमेंट कोर्स के रूप में एक नई पहल की हैं। इस संबंध में कॉलेज की उर्जावान प्राचार्या प्रोफेसर अलका सिंह ने बताया कि वसंता कॉलेज फॉर वूमेन के मैनेजमेंट की दूरदर्शिता का ही प्रभाव है की नई शिक्षा नीति के अनुसार मैनेजमेंट सर्टिफिकेट कोर्स को डिग्री के साथ जोड़कर छात्राओं को रोजगार के लायक बनाने की शुरुआत कर रहा हैं।

Vasanta College for Women: वसंता कॉलेज फॉर वूमेन ने एडटेक कंपनी यंग स्किल्ड इंडिया (वाईएसआईआईडी सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप, डीआईपीपी 1656) के साथ मैनेजमेंट सर्टिफिकेट कोर्स (https://neat.aicte-india.org/course-detalis/NEAT2020622_PROD_2) के लिए एक एमओयू साइन किया हैं।

Vasanta College for Women: इस कोर्स के बारे में कॉलेज की प्राचार्या प्रो. अलका सिंह ने बताया की यह 90 प्रतिशत प्रैक्टिकल, केस स्टडि बेस्ड, उच्च गुणवत्ता युक्त किफायती और उन्नत तकनीकी से युक्त सजीव ऑनलाइन कक्षाएँ हैं, जिन्हें मैनेजमेंट प्रोफेसर्स और इंडस्ट्री विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जायेगा। जिनमें सेल्स, मार्केटिंग, एचआर, फाइनेंस इत्यादि में महिलाओं और युवाओं को रोजगार देने के लिए स्पेशलाइजेशन है।

इन स्किल्स के कारण उन्हें कोर्स के तुरंत बाद नौकरी पर्याप्त करने या आवेदन करने में मदद मिलेगी। ये नयी पीढ़ी का निर्माण करेगी जो रोजगार के लिए जरूरी तेजी और जरूरी मानसिकता के साथ तैयार रहेगी। यह कोर्स अत्यधिक सस्ता और किफायती है। कोर्स की अवधि छः माह की होगी।

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वसंता कॉलेज फॉर वूमेन (Vasanta College for Women), एडटेक कंपनी यंग स्किल्ड इंडिया के प्रोग्राम मैनेजमेंट सर्टिफिकेट कोर्स को अपने सभी विभागों में आगे बढ़ाने का प्रयास वर्कशॉप/वेबिनार/सोशल मीडिया कैमपेनिंग द्वारा राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए करेगा। प्रबंधन कौशल सीखने के बाद युवाओं और महिलाओं में नए आत्मविश्वास का संचार होगा और वो स्वयं को रोजगार पाने और स्टार्टअप के माध्यम से दूसरों को रोजगार देने में सहायता कर पाएंगे।

इस कोर्स को सनातक और परासनातक कोर्स में जोड़ने से शिक्षा की गुणवक्ता बढ़ जाएगी और एनएएसी और यूजीसी की अपेक्षा के अनुसार 75 प्रतिशत युवाओं को रोजगार के लिए तैयार किया जा सकता हैं। भारत सरकार ने एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के रूप में राष्ट्रीय शैक्षिक गठबंधन द्वारा सरकारी एआईसीटीई और देश की दूसरी शिक्षा प्रौद्योगिकी संगठनों की सहायता से 21 वीं सदी की अत्यधिक रोजगारपरक कौशल प्रदान करने के लिए एक नए मंच www.neat.aicte-India.org की शुरूआत की हैं।

वैश्विक बेरोजगारी के पीछे मूल कारण उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं और महिलाओं के बीच उनकी नियमित डिग्री के अलावा प्रबंधन कौशल की कमी हैं। यह एक बुनियादी आवश्यकता है जो सभी नौकरियों के लिए अनिवार्य हैं। स्टार्टअप या छोटे व्यवसायों को शुरू करने और उनकी सफलता के लिए जरूरी, मैनेजमेंट की शिक्षा भारत समेत पूरे विश्व में बहुत महंगी है इस कारण ये अधिकतर लोगों के लिए कठिन हो जाता हैं।

अनेक कंपनियां उन्हीं स्नातक और परास्नातक को नौकरी ऑफर करना पसंद करते हैं जो मैनेजमेंट स्किल्स में पारंगत हैं क्योंकि यह उनकी व्यावसायिक जरूरतों के लिए फायदेमंद होता है। मैनेजमेंट स्किल्स की जरूरत हर कहीं होती है, चाहे वो व्यवसायिक क्षेत्र में हो या साधारण जीवन में क्षेत्र चाहे छोटे व्यवसाय का हो या बड़े व्यवसाय का मैनेजमेंट स्किल्स की आवश्यकता हर कहीं होती हैं। ये वास्तव में व्यवसाय के हित में सुधार लाता है और देश के आर्थिक विकास में मानव पूंजी का योगदान देता हैं।

सभी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय यंग स्किल्ड इंडिया के साथ एमीयु लेकर इस कोर्स को अपने छात्रों को उपलब्ध करा सकते हैं और अपने विद्यार्थियों को एनएएसी के अनुसार उन्हें तैयार कर सकते हैं। इस प्रोग्राम का असर देश के 993 विश्वविद्यालय, 39931 महाविद्यालय और 10,725 स्वतंत्र संस्थाओं के 37.4 मिलियन छात्रों पर पड़ेगा। इन सभी संस्थाओं में मैनेजमेंट सर्टिफिकेट कोर्स के माध्यम से एआईसीटीई के अनुसार रोजगार के लिए आवश्यक स्किल्स सिखाई जाएगी।

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अनुमानतः अंडर ग्रेजुएट लेवेल पर आर्टस/ह्यूमैनिटीज/सोशल साइंस के सबसे ज्यादा (35.9 प्रतिशत) विद्यार्थी नामांकन करते हैं, जिसके बाद साइंस (16.5 प्रतिशत), कॉमरस के (14.1) और फिर इंजीनियरिंग के (13.5) ने नामांकन करते हैं। इस कोर्स का लाभ वैश्विक स्तर पर भी ऑनलाइन लाइव क्लासेस द्वारा उठाया जा सकता हैं।

नई शिक्षा नीति के अनुसार विद्यार्थी अंडर ग्रेजुएट के प्रथम वर्ष में ही ड्रॉप आउट कर सकता है, उनके रोजगार के प्रश्न के समाधान के रूप में यह कोर्स निकल कर आता है। इसके माध्यम से वे अच्छी कंपनियों में जॉब के लिए आवेदन कर सकते हैं।महिला सशक्तिकरण में भी इसके माध्यम से नई उम्मीद मिलेगी क्योंकि आंकड़ों के अनुसार 19.2 मिलियन पुरूष और 18.2 मिलियन महिलायें उच्च शिक्षा के लिया आवेदन करती हैं। इस तरह महिलाओं का योगदान 48.6 प्रतिशत हो जाता हैं।

आजादी के 72 सालों बाद भी कुछ पिछड़े इलाकों में महिलाओं को उच्च शिक्षा की अनुमति नहीं है, इस कोर्स के माध्यम से वे ऑनलाइन एजुकेशन के जरिए अपने घरों में ही प्रोफेशनल स्किल्स सीख पायेंगी। इससे स्वतः व स्थानीय रोजगार के अवसर और बढ़ेगे।

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दिव्यांगों के लिए भी इस कोर्स के माध्यम से सफलता के नए द्वार खुलेंगे। वो अपने घरों से ही इस कोर्स को कर सकेंगे और मुख्यधारा में अपना स्थान बना सकेंगे। आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए भारत सरकार 25 प्रतिशत मुफ्त सीट मुहैया करेगी जिससे वे भी इस प्रोग्राम का लाभ उठा सकें।

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