Varanasi

Varanasi Metro Rail Service: मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने वाराणसी में मेट्रो रेल सेवा हेतु स्थानीय एजेंसी से सर्वे कराने पर जोर दिया

Varanasi Metro Rail Service: काशी में कार्य करना धार्मिक यात्रा के समान है- रविन्द्र जायसवाल

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 20 जुलाई: Varanasi Metro Rail Service: उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने काशीवासियों को जाम से निजात दिलाने के साथ ही हर घर तक पेयजल व सीवर लाइन पहुंचाकर जनसमान्य को बुनियादी सुविधाएं प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराये जाने हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया।

उन्होंने नगर सीमा अंतर्गत सभी सड़कों को पक्का किये जाने हेतु भी निर्देशित किया। उन्होंने शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए शहर की पटरियों को खाली कराने व उसे अतिक्रमण मुक्त रखे जाने पर विशेष जोर दिया। उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।

उन्होंने अधिकारियों से शहर के विकास में बाधक बने समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किए जाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि, काशी में कार्य करना धार्मिक यात्रा के समान है। उन्होंने शहर में लगने वाली जाम के स्थाई समाधान के लिए रिंग रोड पर सड़क की दोनों तरफ 200-200 मीटर जमीन अधिग्रहण कर उस पर ग्रीनलैंड बनाने, सर्विस रोड बनाने के साथ ही शहर के मध्य गल्ला एवं जेवर मंडी, सब्जी मंडी जैसे बड़े-बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानो के लिये जोनवार व्यापारिक प्रतिष्ठान डेवेलपमेंट करने का सुझाव दिया।

इससे शहर की यातायात व्यवस्था का स्थाई समाधान हो सकेगा। उन्होंने शहर के मध्य बेइंतहा बन रहे बहुमंजिली भवनों से काशी की बिगड़ रही पहचान पर विशेष जोर देते हुए कहा कि रिंग रोड मार्ग पर ऐसी बहुमंजिली भवन बनाये जाने पर विचार किया जाए।

मंत्री रविंद्र जायसवाल ने शहर की मेट्रो रेल लाइन पर चर्चा के दौरान पूर्व में किए गए सर्वे के आधार पर कतिपय लोगों द्वारा वाराणसी में मेट्रो रेल सेवा सम्भव न हो पाने की सुझाव को नकारते हुए इसे वाराणसी में 110 फीसदी सफल बताया और इसके लिए स्थानीय किसी एजेंसी से सर्वे कराकर डीपीआर बनवाए जाने पर विशेष जोर दिया। बताया गया कि पूर्व में मेट्रो रेल के लिए बनाए गए डीपीआर में 4000 करोड़ रुपए से भूमि अधिग्रहण किए जाने का प्रस्ताव किया गया था।

उन्होंने कहा कि विगत 9 वर्षों में 38 हजार करोड़ से अधिक धनराशि से काशी का विकास कराया गया है। पेयजल योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने वरुणापार क्षेत्र में अमृत योजना अंतर्गत पेयजल पाइपलाइन से 56000 मकानों को जोड़ने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पाइपलाइन ही नहीं पहुंचा तो ऐसा ही डीपीआर क्यों बनाया गया।

बैठक में जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने कहा कि अतिक्रमण पर प्रभावी कार्यवाही किया जाएगा। इसके लिए एसडीएम सदर, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम सहित अन्य विभागों की संयुक्त टीम बनाई गई है। अपर जिला अधिकारी (नगर) को अतिक्रमण पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया।

बताया गया कि शहर में पेयजलापूर्ति के लिये 1120 करोड़ की धनराशि के कुल 9 प्रोजेक्ट अमृत2 योजना अंतर्गत बनाए गए हैं। जिसमें से 444.70 करोड़ रुपए की 5 प्रोजेक्ट की सैद्धांतिक स्वीकृति भी शासन से मिल चुकी है। इसी प्रकार सीवरेज हेतु 5055.36 करोड़ रुपए की 11 योजना तैयार कर शासन को भेजी गई है।

इन परियोजनाओं को पूर्ण होने से शहर की पेयजल एवं सीवरेज की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा। मंत्री रविंद्र जायसवाल ने पेयजल के लिये पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 444.70 करोड़ रुपए की 5 प्रोजेक्ट की मिल चुके सैद्धांतिक स्वीकृति से संबंधित योजनाओं को पूरी ईमानदारी एवं तत्परता से क्रियान्वित कराए जाने पर विशेष जोर देते हुए हिदायत दी कि किसी प्राइवेट कॉलोनी को इससे जोड़कर कॉलोनाइजर को लाभ न पहुंचाया जाए।

एलएनटी द्वारा अपने गहरे सीवर लाइन का सफाई नहीं करने से सड़कों पर हो रही जलजमाव की शिकायत पर मंत्री ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यदि कंपनी द्वारा अपने नालो का सफाई नही कराया जाता, तो एलएनटी कंपनी की धरोहर धनराशि जब्त किया जाय।

बैठक में पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, वीसी वीडीए अभिषेक गोयल, नगर आयुक्त शिपु गिरी सहित अन्य विभागीय अधिकारी, कार्यदायी संस्था के अभियंता सहित पार्षदगण प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

तत्पश्चात मंत्री रविंद्र जायसवाल ने पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन व जिलाधिकारी एस. राजलिंगम के साथ पीडब्ल्यूडी द्वारा पांडेपुर- दौलतपुर मार्ग पर लगभग ढाई फीट ऊँचा निर्माण कराए जाने का स्थलीय निरीक्षण किया। जिससे आसपास की लगभग 35 कालोनियां मुख्य मार्ग से नीचे हो जाने के कारण उनमें जलभराव की समस्या हो गयी हैं।

पुलिस कमिश्नर एवं जिलाधिकारी ढाई फीट ऊंचा हो रहे सड़क निर्माण को देखकर खुद भौचक रहे और जांच हेतु कमेटी बनाते हुए रिपोर्ट तलब किया।

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