कार और बाइक के बाद अब जानिए ट्रेन (Train) में कितने होते हैं गियर
कार और बाइक के बाद अब जानिए ट्रेन (Train) में कितने होते हैं गियर
नई दिल्ली, 16 मार्चः भारतीय जनजीवन में ट्रेन का बहुत अहम हिस्सा होता है। यह गाँव से कस्बों को जोड़ती है। अक्सर देखा गया है कि बाइक में चार और कार में पाँच गियर होते हैं। आज हम जानेंगे ट्रेन में कितने गियर होते हैं। यह एक ऐसा सवाल है कि फुल स्पीड पर दौड़ती होगी तो उसका टॉप गियर क्या होगा। आइए जान लेते हैं इससे जुड़े अहम सवालों के जवाब।
गौरतलब है कि ट्रेन के इंजन में गियर तो होते ही हैं। यदि नहीं होते तो ड्राइवर ट्रेन की स्पीड को नियंत्रित कैसे करता। डीजल लोकोमोटिव इंजन और इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन की बनावट अलग-अलग होती है। डीजल लोकोमोटिव इंजन में कुल 8 नोच होते हैं। किसी भी ट्रेन की रफ्तार इंजन की पावर के साथ-साथ सेक्शन पर निर्भर करता है।
सेक्शन मतलब कि ट्रेन जिस रूट पर चल रही है उस पटरी की क्षमता कितनी है। लोको पायलट के अनुसार जिस ट्रेन इंजन को ऑपरेट करते हैं वह पूरे नोच यानी 8वें नोच पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है। एक बार नोच को फिक्स कर दिया जाता है तो उसे बार-बार बदलने की जरूरत नहीं पड़ती। जब गति को कम करना हो तो नोच को डाउन कर दिया जाता है।
लोकोपायलट ने बताया कि किसी भी लोकोमोटिव इंजन की फुल स्पीड का ट्रायल नहीं किया जाता है। जिस गति के हिसाब से इंजन को तैयार किया जाता है उसके अतिरिक्त स्पीड पर गाड़ी कभी नहीं दौड़ायी जाती है। हालांकि सरकार अब धीरे-धीरे डीजल इंजन को हटाकर इलेक्ट्रिक में तब्दील कर रही है।
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