लॉकडाउन के दौरान पश्चिम रेलवे पर मालगाड़ियों के 22 हज़ार से अधिक रेकों में लदान की अहम उपलब्धि
अहमदाबाद, 24 नवम्बर: कोरोनावायरस के कारण घोषित लॉकडाउन और वर्तमान परिदृश्य के दौरान परिवहन और श्रम की सबसे कठिन चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने अत्यावश्यक सामग्री की आपूर्ति श्रृंखला को चालू रखने के लिए अपनी पार्सल विशेष ट्रेनों और मालगाड़ियों के परिचालन को लगातार जारी रखा है और इस दिशा में बेहतरीन नतीजे हासिल करने में पश्चिम रेलवे ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि लॉकडाउन के दौरान कठिनतम चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने मालगाड़ियों के 22 हज़ार से अधिक रेकों में माल परिवहन के बड़े ऑंकड़े को पार कर लिया है। यह अहम उपलब्धि पश्चिम रेलवे के कर्मठ अधिकारियों और निष्ठावान कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों की बदौलत ही सम्भव हो पाई है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 22 मार्च, 2020 से लागू पूर्ण लॉकडाउन और वर्तमान आंशिक लॉकडाउन के दौरान कठिनतम परिस्थितियों और विकट चुनौतियों के बावजूद, पश्चिम रेलवे ने ने 22 नवम्बर, 2020 तक मालगाड़ियों के 22,192 रेक लोड करके काफी सराहनीय कार्य किया है। विभिन्न स्टेशनों पर श्रमशक्ति की कमी के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी मालवाहक ट्रेनों के ज़रिये देश भर में अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन बखूबी सुनिश्चित किया जा रहा है। इनमें पीओएल के 2332, उर्वरकों के 4447, नमक के 1151, खाद्यान्नों के 218, सीमेंट के 1994, कोयले के 860, कंटेनरों के 9781 और सामान्य माल के 101 रेकों सहित कुल 48.49 मिलियन टन भार वाली विभिन्न मालगाड़ियों को उत्तर पूर्वी क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न राज्यों में भेजा गया। इनके अलावा मिलेनियम पार्सल वैन और मिल्क टैंक वैगनों के विभिन्न रेक दवाइयों, चिकित्सा किट, जमे हुए भोजन, दूध पाउडर और तरल दूध जैसी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए उत्तरी और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में भेजे गये। कुल 44,174 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 22,081 ट्रेनें सौंपी गईं और 22,093 ट्रेनों को पश्चिम रेलवे के विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इस अवधि के दौरान जम्बो के 2829 रेक, BOXN के 1832 रेक और BTPN के 1222 रेकों सहित विभिन्न महत्वपूर्ण आवक रेकों की अनलोडिंग पश्चिम रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर मजदूरों की कमी के बावजूद सुनिश्चित की गई। श्री ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च, 2020 से 22 नवम्बर, 2020 तक लगभग 1.81 लाख टन वजन वाली अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 695 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से किया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।
इस परिवहन के माध्यम से हासिल होने वाला राजस्व 61 करोड़ रुपये से अधिक रहा है। इस अवधि के दौरान 123 मिल्क स्पेशल गाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें 94 हजार टन से अधिक का भार था और वैगनों का 100 % उपयोग सुनिश्चित हुआ। इसी प्रकार, 57,000 टन से अधिक भार वाली 503 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं। इनके अलावा, 31 हज़ार टन भार वाले 69 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये। पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में समयबद्ध पार्सल विशेष रेलगाड़ियों को चलाने का सिलसिला लगातार जारी रखा है। इनमें से एक पार्सल स्पेशल ट्रेन पश्चिम रेलवे के बांद्रा टर्मिनस स्टेशन से 23 नवम्बर, 2020 को जम्मू तवी के लिए रवाना हुई, जबकि एक मिल्क स्पेशल ट्रेन पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए परिचालित की गई।
लॉकडाउन के कारण नुक़सान और रिफंड अदायगी
कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुकसान लगभग 3321 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 522 करोड़ रुपये और गैर- उपनगरीय के लिए 2799 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद,1 मार्च, 2020 से 22 नवम्बर, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 509 करोड़ रुपये के रिफंड की अदायगी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने 250 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 79 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है।