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Samved parayan mahayagya: सामवेद पारायण महायज्ञ का हुआ शुभारंभ

Samved parayan mahayagya: गुरुकुल की भव्य यज्ञशाला में वेद मंत्रों से बृहद् हवन का हुआ आयोजन

रिपोर्टः किशन वासवानी

माउंट आबू, 17 अक्टूबरः Samved parayan mahayagya: आर्य समाज द्वारा संचालित आर्ष गुरुकुल महाविद्यालय देलवाड़ा के समीप गत 32 वर्षों से संचालित हो रहा हैं। वेदों के ज्ञाता महर्षि दयानन्द सरस्वती ने बड़े यज्ञों के आयोजन का निर्देश दिया हैं।

Samved parayan mahayagya: गुरुकुल के संस्थापक स्मृति शेष स्वामी धर्मानन्द सरस्वती के आबूपर्वत आगमन काल से, आर्य समाज मंदिर स्थापना व गुरुकुल के सहयोगी ट्रस्टी 94 वर्षीय गणेशमल सोनी आबूरोड़ निवासी द्वारा अपने माता-पिता स्वर्गीय जमुना बाई- मूलचंद सोनी की स्मृति में रविवार प्रातःकाल से त्रिदिवसीय सामवेद पारायण महायज्ञ का शुभारंभ हुआ।

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प्रातः कालीन सत्र में गुरुकुल के सुयोग्य स्नातक, संस्कृत शिक्षक, महामंत्री-आर्य वीर दल राजस्थान, जैसलमेर निवासी आचार्य गगेन्द्र आर्य (प्रचार मंत्री- गुरुकुल छात्र परिषद माउंट आबू) ने सभी को योग-व्यायाम, प्राणायाम का अभ्यास व सन्ध्योपासना करवाया। सभी अतिथियों का ब्रह्मचारियों द्वारा शंखनाद करके पुष्पवृष्टि द्वारा स्वागत किया गया।

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आचार्य ओंकार ने सामवेद पारायण महायज्ञ का शुभारंभ आचमन मंत्र व संकल्पपाठ द्वारा करवाया। मुख्य यजमान गणेशमल सोनी, गुरुकुल ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष रामेश्वर लाल जसमतिया, खोड़ाभाई शंखेश्वर, गजेन्द्र जैन आदि ने दैनिक यज्ञ में आहुतियां प्रदान की। तत्पश्चात् उपस्थित आगंतुकों ने ब्रह्मचारियों के समवेत सामवेद के मंत्रोच्चारण से शुद्ध घृत, औषधियुक्त सामग्री एवं उत्तम समिधा को यज्ञवेदी में समर्पित किया।

गुरुकुल के अध्यक्ष, पारायण महायज्ञ के ब्रह्मा आचार्य ओमप्रकाश आर्य ने प्रसिद्ध वेदमंत्रो के भावार्थ को सरलतम शब्दों में प्रस्तुत किया।
गुरुकुल के ब्रह्मचारियों ने संगीतमय ईश्वर भक्ति के भजनों का गायन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

गुरुकुल के अध्यापक डॉ. स्वामी महाचैतन्यमुनि व आचार्य शिवकांत के निर्देशन में महर्षि आदित्य द्वारा प्रकटिभूत सामवेद के कुल 1875 मंत्रों में से प्रथम दिवस 600 वेद मंत्रो के साथ दो सत्रों में आहुतियां प्रदान की गई। गुरुकुल के स्नातक रजनीकांत शास्त्री व योगेश शास्त्री तथा शिक्षक दशरथ आर्य ने व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान किया।

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