Ram Mandir Pran Pratishtha

Ram Mandir Pran Pratishtha: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के पावन मौके पर काशी भी पूरी तरह हुआ राममय

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

Ram Mandir Pran Pratishtha: शंख ध्वनि और डमरू की गड़गड़ाहट से पूरा धाम गूंज उठा

वाराणसी, 22 जनवरी: Ram Mandir Pran Pratishtha: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) के पावन मौके पर शिव की नगरी काशी भी पूरी तरह राममय हुई। काशी विश्वनाथ मंदिर में उत्तर प्रदेश के आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, पूर्व धर्मार्थ कार्य मंत्री एवं शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, महापौर अशोक तिवारी, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, कमिश्नर कौशल राज शर्मा, काशी प्रांत रमेश जी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा, मंदिर न्यास के ट्रस्टी प्रो ब्रज भूषण ओझा, मंदिर के डिप्टी कलेक्टर शंभू शरण, आयुष मंत्री के पीआरओ गौरव राठी तथा कमिश्नर कौशल राज शर्मा के सुपुत्र अथर्व सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत भगवान राम की आरती उतारी सहित अन्य लोगो ने बाबा विश्वनाथ के साथ ही राम दरबार का विधिवत दर्शन पूजन किया तथा अयोध्या में हुए रामलला के प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखा।

बताते चलें कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामलला की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा हो रहा था, उस दौरान श्री काशी विश्वनाथ धाम भी कुछ समय के लिए अयोध्या नगरी बन गई थी। एक तरफ जहां श्री काशी विश्वनाथ धाम में वेद परायण का आयोजन किया गया था, जिसमें 21 ब्राह्मण और 51 बटुक द्वारा वेद पाठ किया जा रहा था, उसी दौरान राम दरबार की झांकी सजाकर संगीतमय सुंदरकांड का पाठ भी परिसर में चल रहा था।

इस पूरे आयोजन के पश्चात परिसर में लगने वाले हर हर महादेव और जय श्री राम के नारे से पूरा परिसर अयोध्या नगरी बन गई थी। यही नहीं अयोध्या में चल रहे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी एलईडी टीवी पर किया जा रहा था, जिसे देख दर्शनार्थियों द्वारा हर हर महादेव के नारे लगाए जा रहे थे। इस प्रसारण के बाद शंख ध्वनि और डमरू की गड़गड़ाहट से पूरा धाम गूंज उठा। परिसर में चल रहे विविध आयोजनों को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त भी पहुंचे थे।

इस पूरे आयोजन के पश्चात परिसर में प्रसाद स्वरूप 3 लाख लड्डुओं का वितरण किया गया। संध्या काल में राष्ट्रीय संगीत अकादमी की ओर से नृत्य संगीत का आयोजन हुआ, जिसमें कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। अकादमी की तरफ से कथक गीत संगीत आदि की विभिन्न प्रस्तुतियां दी गई।

कार्यक्रम का समापन पूरे धाम परिसर में दीप उत्सव से हुआ, जिसमें मंदिर के कर्मचारियों द्वारा लगभग 25000 दीपक जलाकर पूरे धाम को जगमगा दिया गया। इन दीपों के जगमगाहट से पूरे धाम में दिवाली जैसे उत्सव का अनुभव हो रहा था।

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