Raja Jwala Prasad Post-Doctoral Fellowship Yojana: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने शुरू की ‘राजा ज्वाला प्रसाद पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप’ योजना

Raja Jwala Prasad Post-Doctoral Fellowship Yojana: शोध परियोजनाओं के लिए बाहरी अनुदान पाने वाले संकाय सदस्य अपने साथ नियुक्त कर पाएंगे पोस्ट डॉक्टोरल अध्येता

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 02 सितंबर: Raja Jwala Prasad Post-Doctoral Fellowship Yojana: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अपनी अनुसंधान उत्पादकता को बढ़ाने तथा अंतर्विषयी सहयोग को प्रोत्साहन देने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है, तथा इस क्रम में कई नई पहल भी की गई हैं। इसी क्रम में विश्वविद्यालय द्वारा तत्काल प्रभाव से एक नई योजना लागू की गई है।

भारत सरकार की इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस- बीएचयू पहल के तहत आरंभ ‘राजा ज्वाला प्रसाद पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप’ का उद्देश्य विश्वविद्यालय के उन संकाय सदस्यों को प्रोत्साहित व सशक्त करना है, जिन्होंने शोध परियोजनाओं के लिए बाहरी इकाइयों/एजेंसियों से अनुदान हासिल किया है।

ऐसे संकाय सदस्य इस योजना के तहत युवा शोधकर्ताओं को बतौर पोस्टडॉक्टोरल अध्येता अपने साथ जोड़ पाएंगे। यह अध्येतावृत्ति एक वर्ष की अवधि के लिए होगी, जिसे अध्येता के प्रदर्शन तथा आई ओ ई में वित्त की उपलब्धता के आधार पर एक और वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। चयनित अध्येताओं को 60,000 रुपये मासिक वेतन प्राप्त होगा।

साथ ही वे 10,000 रुपये मासिक एच आर ए एवं 50,000 रुपये वार्षिक का आकस्मिक अनुदान भी प्राप्त कर पाएंगे। इस के अतिरिक्त उन्हें विश्वविद्यालय की अन्य सुविधाएं जैसे स्वास्थ्य सेवा, पुस्तकालय एवं अन्य संसाधनों का लाभ भी मिल सकेगा।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भूतपूर्व प्रो वाइस चांसलर राजा ज्वाला प्रसाद के नाम पर आरंभ यह योजना विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए महामना द्वारा आरंभ किये गए अभियान में उनके योगदान को श्रद्धांजलि है। वे उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से थे तथा राज्य के मुख्य अभियंता भी रहे।

उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर रूपरेखा तैयार की, जो वर्तमान के बीएचयू का आधार है और 100 वर्ष से भी अधिक का वक्त गुज़रने के बाद भी अपनी प्रतिष्ठा की आभा से जगमगा रहा है। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा, “यह अध्येतावृत्ति युवा व प्रतिभावान शोधकर्ताओं को आकर्षित कर विश्वविद्यालय में अनुसंधान गतिविधियों को गति प्रदान करेगी।

साथ ही साथ इन युवा अध्येताओं को एक सफल शैक्षणिक व शोध करियर बनाने में भी मदद करेगी। इस योजना के माध्यम से हम प्रख्यात इंजीनियर राजा ज्वाला प्रसाद के योगदान को नमन करना चाहते हैं, जिन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इस बेजोड़ परिसर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर के रूप में भी सेवाएं दीं।”

आई ओ ई- बीएचयू के समन्वयक प्रो. संजय कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे संकाय सदस्यों के योगदान को अत्यंत महत्व देता है, जो अनुसंधान गतिविधियों के लिए बाहरी अनुदान सुनिश्चित करते हैं। यह योजना नई उपलब्धियां हासिल करने के ऐसे शिक्षकों के प्रयासों में सहयोग उपलब्ध कराएगी।

राजा ज्वाला प्रसाद पोस्ट डॉक्टोरल अध्येतावृत्ति विभिन्न विभागों तथा शोध क्षेत्रों के बीच अंतर्विषयक सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगी। साथ ही साथ वर्तमान में जारी अनुसंधान परियोजनाओं को अतिरिक्त शोध सहयोग उपलब्ध कराते हुए उन्हें गति प्रदान करने में सहायक होगी। जिन संकाय सदस्यों के तहत राजा ज्वाला प्रसाद पोस्ट डॉक्टोरल अध्येताओं की नियुक्ति होगी, वे मार्गदर्शक की भूमिका में होंगे। उनके कार्य का SCOPUS पत्रिकाओं में प्रकाशन अपेक्षित होगा।

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