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No need to panic with omicron variants: कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं, दिल्ली सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार- अरविंद केजरीवाल

No need to panic with omicron variants: आप चिंता न करें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और घर से बाहर निकलें, तो मास्क अवश्य पहनें- अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली, 06 दिसंबरः No need to panic with omicron variants: केजरीवाल सरकार कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि ओमिक्रॉन बेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं है। मैं इस पर लगातार नजर बनाए हुए हूं। मैंने पिछले हफ्ते समीक्षा बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया था। हमने पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, बेड्स, दवाइयों और उपकरण का इंतजाम कर रखा है। आप चिंता न करें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और घर से बाहर निकलें, तो मास्क अवश्य पहनें।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कोराना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन देश में प्रवेश कर चुका है। कई जगह से खबर आ रही हैं कि वहां ओमिक्रॉन के मरीज पाए गए। दिल्ली के अंदर भी मरीज पाए गए। लेकिन मैं आप सबको कहना चहता हूं कि पैनिक करने की कोई जरूरत नहीं है, घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मैं इस पर लगातार नजर रखे हुए हूं।

मैंने पिछले हफ्ते भी हर चीज की समीक्षा बैठक की थी। ऑक्सीजन है, बेड्स हैं, दवाइयां हैं, उपकरण हैं, जिस भी चीज की जरूरत हैं, उसे हम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराएंगे। आप चिंता न करें, बस आप अपना काम करते रहें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क पहनना बिल्कुल न भूलें। मास्क सबसे जरूरी है। घर से बाहर निकलें, तो अवश्य मास्क पहनें।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने पिछले हफ्ते बैठक कर तैयारियों का लिया था जायजा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते हफ्ते कोरोना की संभावित लहर से निपटने के लिए संबंधित विभागों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया था। दिल्ली सरकार की तैयारी 64-65 हजार बेड्स तैयार करने की है। मौजूदा समय में दिल्ली सरकार ने 30 हजार ऑक्सीजन बेड्स पहले ही तैयार कर लिया है, जिसमें 10 हजार आईसीयू बेड हैं। इसके अलावा, दिल्ली सरकार फरवरी तक और 6800 आईसीयू बेड तैयार कर लेगी।

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साथ ही, इस तरह की व्यवस्था की गई है कि जरूरत पड़ने पर दो हफ्ते की नोटिस पर दिल्ली के हर वार्ड में 100-100 ऑक्सीजन बेड तैयार कर लिए जाएंगे। इसके अलावा, 32 किस्म की दवाइयों को दो महीने का बफर स्टॉक ऑर्डर दिया जा चुका है, ताकि दवाइयों की कमी न पड़े। दिल्ली सरकार ने 442 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भंडारण की अतिरिक्त क्षमता बना ली है और दिल्ली में 121 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भी बननी चालू हो गई है।

ऑक्सीजन के प्रबंधन के लिए सभी टैंक में टेलीमेट्री डिवाइस लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि रियल टाइम पर उपलब्ध ऑक्सीजन की जानकारी मिलती रहे। साथ ही, केजरीवाल सरकार ने दो बॉटलिंग प्लांट्स लगाया है। इसकी मदद से दिल्ली में अब प्रतिदिन 2900 सिलेंडर भरे जा सकेंगे।

विशेषज्ञ डॉक्टरों, नर्सों व मेडिकल छात्रों को दिया गया है विशेष प्रशिक्षण

कोरोना की संभावित लहर के मद्देनजर मैन पावर की कमी न हो, इसके लिए केजरीवाल सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ मेडिकल स्टूडेंट्स, नर्सेज और पैरामेडिकल स्टॉफ को कोविड प्रबंधन का विशेष प्रशिक्षण दिया है। केजरीवाल सरकार ने कुल 15370 डॉक्टर, नर्सेज, मेडिकल स्टूडेंट्स और पैरामेडिक्स को प्रशिक्षण दिया है, जिसमें 4673 डॉक्टर, 1707 मेडिकल छात्र, 6265 नर्स और 2726 पैरामेडिक्स शामिल हैं। इन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, कोविड प्रबंधन, पीडियाट्रिक वार्ड कोविड प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया है।

पांच हजार हेल्थ असिस्टेंट भी जरूरत पड़ने पर करेंगे मदद

केजरीवाल सरकार ने कोरोना की संभावित लहर को ध्यान में रखते हुए पांच हजार हेल्थ असिस्टेंट तैयार किए हैं। जरूरत पड़ने पर सरकार इन हेल्थ असिस्टेंट की भी मदद ले सकेगी। हेल्थ असिस्टेंट को नर्सिंग, पैरामेडिक्स, होम केयर, ब्लड प्रेशर मापने, वैक्सीन लगाने समेत अन्य बेसिक ट्रेनिंग दी गई है। आवश्यकता पड़ने पर हेल्थ असिस्टेंट, डॉक्टर और नर्स के असिस्टेंट के रूप में काम करेंगे और खुद से कोई निर्णय नहीं लेंगे। इनकी मदद लेकर डॉक्टर अधिक कुशलता पूर्वक काम कर पाएंगे और मरीजों की देखभाल भी काफी अच्छे से हो सकेगी।

होम आइसोलेशन को और मजबूत कर रही केजरीवाल सरकार

केजरीवाल सरकार को कोरोना की बीती लहरों के दौरान मरीजों की अच्छी देखभाल करने में होम आइसोलेशन प्रणाली से काफी मदद मिली है। इसलिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर होम आइसोलेशन प्रणाली को और मजबूत किया जा रहा है। जिससे कि कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही बेहतर इलाज दिया जा सके। इसके लिए केजरीवाल सरकार ने एक मजबूत सिस्टम बनाया हुआ है।

इसके तहत होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे मरीजों को सरकार की तरफ से बनाई गई डॉक्टरों की टीम मरीज को प्रतिदिन सुबह-शाम कॉल कर स्वास्थ्य संबंधित जानकारी लेती है। इस दौरान मरीजों को और देखभाल कर्ता को क्या-क्या सुरक्षा उपायों को अपनाना है, इसकी जानकारी दी जाती है। अगर मरीज की तबीयत गंभीर होती है, तो फिर उसे डॉक्टर किसी अस्पताल में शिफ्ट करा देते हैं।

कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031 की ले सकते हैं मदद

केजरीवाल सरकार ने कोविड मरीजों को किसी भी दिक्कत के दौरान मदद के लिए कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031 जारी किया है। यह हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे काम करता है। इसमें तीन शिफ्टों में 25 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, जो 600 से 700 कॉल अटेंड कर सकते हैं। अगर कॉल संख्या में वृद्धि होती है, तो इसे बढ़ा दिया जाएगा। कोई भी हेल्पलाइन नंबर पर काल कर ऑक्सीजन सिलेंडर, टेली परामर्श, पल्स ऑक्सीमीटर, मेडिसिन किट, वैक्सीनेशन, अस्पताल में बेड की उपलब्धता, होम आइसोलेशन, एंबुलेंस सेवा, टेस्ट समेत अन्य जानकारी प्राप्त कर सकता है।

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मेडिकल ऑक्सीजन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही सरकार

केजरीवाल सरकार दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक मजबूत करने पर काम कर रही है। जिससे कि ऑक्सीजन की अधिक मांग बढ़ने पर उसकी आपूर्ति की जा सके। इसके लिए मेडिकल ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जा रहा है। आपातकालीन उपयोग के लिए 6,000 ‘डी’ टाइप के सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं। दिल्ली में पहले ऑक्सीजन रिफिलिंग क्षमता एक दिन में 1,500 सिलेंडर थी। अब इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए 12.5 मीट्रिक टन की क्षमता के दो क्रॉयोजेनिक प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिससे प्रतिदिन अतिरिक्त 1,400 जंबो सिलेंडर भरे जा सकेंगे।

ऑक्सीजन टैंक में लगाया जा रहा टेलीमेट्री डिवाइस

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर सभी छोटे-बड़े ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री उपकरण स्थापित किया जा रहा है। ताकि ऑक्सीजन की उपलब्धता का वास्तवित डेटा मिलता रहे। इस उपकरण के लगाने से डैशबोर्ड पर ऑक्सीजन की रीयल टाइम डेटा उपलब्ध होगा। इसकी मदद से अधिकारियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के साथ-साथ ऑक्सीजन की स्थिति को ट्रैक करने में मदद मिलेगी।

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