एमसीडी के डॉक्टरों को कई महीने से तनख्वाह नहीं मिल रही है, यह बेहद ही शर्मनाक है- सीएम अरविंद केजरीवाल

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एमसीडी के डॉक्टरों को कई महीने से तनख्वाह नहीं मिल रही है, यह बेहद ही शर्मनाक है- सीएम अरविंद केजरीवाल

  • – इस तरह के कुप्रबंधन और घोर भ्रष्टाचार से एमसीडी नहीं चल सकती, एमसीडी में भ्रष्टाचार बंद होना होगा- सीएम अरविंद केजरीवाल
  • – जिन डॉक्टरों ने हमारे और हमारे परिवारों की रक्षा, इलाज और सेवा करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाला, आज वे हड़ताल पर हैं, इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए- सीएम अरविंद केजरीवाल
  • – 2015 में हमारी सरकार बनी थी, तब से अब तक हमने पिछली सरकारों की तुलना में दो-तीन गुना ज्यादा पैसे का भुगतान किया है, वह पैसा कहां गया?- सीएम अरविंद केजरीवाल
  • – केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम को छोड़कर पूरे देश के सभी नगर निगमों को अनुदान देती है, उसे वेतन देने के लिए एमसीडी को पैसा देना चाहिए- सीएम अरविंद केजरीवाल
  • – केंद्र सरकार को अनुदान के 12000 करोड़ रुपए एमसीडी को देने हैं, अभी इसमें से कुछ पैसे दे देना चाहिए, ताकि डॉक्टरों के वेतन का भुगतान किया जा सके- सीएम अरविंद केजरीवाल

रिपोर्ट: महेश मौर्य, दिल्ली

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर, 2020: मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एमसीडी के डॉक्टरों को कई महीने से तनख्वाह नहीं मिल रही है, यह बेहद ही शर्मनाक बात है। इस तरह के कुप्रबंधन और घोर भ्रष्टाचार से एमसीडी नहीं चल सकती, एमसीडी में भ्रष्टाचार बंद होना होगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिन डॉक्टरों ने हमारे और हमारे परिवारों की रक्षा, इलाज और सेवा करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाला, आज वे हड़ताल पर हैं। इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 2015 में हमारी सरकार बनी है, तब से हमने पिछली सरकारों की तुलना में दो-तीन गुना ज्यादा पैसे का भुगतान किया है, वह पैसा कहां गया? केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम को छोड़कर पूरे देश के सभी नगर निगमों को अनुदान देती है। केंद्र सरकार को अनुदान के 12000 करोड़ रुपए एमसीडी को देने हैं, अभी इसमें से कुछ पैसे दे देना चाहिए, ताकि डॉक्टरों के वेतन का भुगतान किया जा सके।

सैलरी का मामला बहुत ही संवेदनशील है, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए- सीएम श्री अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के उद्घाटन के मौके पर एमसीडी के डाॅक्टरों द्वारा वेतन की मांग को लेकर की जा रही हड़ताल के संबंध में भी सरकार की स्थिति साफ की। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी अपने नगर निगम के कुछ डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हुए हैं। उनको कई महीने से तनख्वाह नहीं मिली है। यह हम सब लोगों के लिए बड़े शर्म से डूब मरने वाली बात है, जिन डॉक्टरों ने कोरोना के समय अपनी जान की बाजी लगाकर हमारे परिवार और हमारी रक्षा की, हमारा इलाज किया, हमारी सेवा की, उन डॉक्टरों को कई-कई महीनों तक सैलरी नहीं मिले, यह सही नहीं है। यह बहुत ही बड़ा संवेदनशील मामला है। इस मुद्दे पर बिल्कुल भी राजनीति नहीं होनी चाहिए। किसी को भी इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए। सबका प्रयास यह होना चाहिए कि उनको उनकी सैलरी कैसे दिलवाई जाए। इस पूरे मामले को मैंने समझने की कोशिश की। हम पिछले कई सालों से देख रहे हैं कि नगर निगम में बार-बार तनख्वाह देने के लाले पड़ जाते हैं। कभी सफाई कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिली, कभी शिक्षकों को तनख्वाह मिली, कभी डॉक्टरों को तनख्वाह नहीं मिली। आखिर नगर निगम के अंदर ऐसे पैसे की इतनी कमी क्यों हो रही है, यह सोचने वाली बात है। इतनी पैसे की कमी क्यों हो रही है? कुछ लोग कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने पैसा नहीं दिया? मैंने अपने वित्तमंत्री और सभी अधिकारियों से पूरा पता किया और पाया कि एक-एक पैसा, जितना एमसीडी का बनता था, दिया गया है।

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एमसीडी में न नई भर्तियां हुई और न कर्मचारियों की सैलरी बढ़ी, तो पैसे कहां गए- सीएम श्री  अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संविधान और कानून के अंदर साफ-साफ लिखा हुआ है। टैक्स दिल्ली की आम जनता देती है, यह पैसा जनता का है। यह पैसा मेरा नहीं है। संविधान में लिखा है कि टैक्स से कितने पैसे आएंगे और कैसे-कैसे बांटे जाएंगे? जितना पैसा संविधान में लिखा हुआ है, हमने एमसीडी को अभी तक उससे 10 रुपए अधिक ही दिया है। हमारी सरकार 2015 में आई थी। 2013 में कांग्रेस की सरकार थी। 2014 में राष्ट्रपति शासन था, बीजेपी की सरकार थी। उन दिनों में नगर निगमों को जितने पैसे देते थे, हम लोगों ने उससे दोगुना-तीन गुना पैसे देने शुरू कर दिए वो पैसे कहां गए? एमसीडी के अंदर 2013 और 2014 के बाद नई भर्तियां भी नहीं हुई है। कर्मचारियों की दोगुनी-तीन गुनी सैलरी भी नहीं बढ़ी है। अगर हमने पैसे दोगुने तीन गुने देने शुरू कर दिए, तो नगर निगम में पैसे जा कहां रहे हैं? सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह क्यों नहीं मिल पा रही है, डॉक्टरों की तनख्वाह क्यों नहीं मिल पा रही है, शिक्षकों की तनख्वाह क्यों नहीं मिल पा रही है? यह सोचने वाली बात है। दिल्ली सरकार का जितना पैसा बनता था, हमने एक-एक पैसा नगर निगम को दे दिया है।

नगर निगम पर दिल्ली सरकार का 3800 करोड़ रुपए का लोन और दिल्ली जल बोर्ड का 3000 करोड़ रुपए का बिल बकाया है- सीएम श्री अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब से यह सारा मुद्दा चल रहा है, पिछले तीन-चार दिनों में मैंने सारा पता कराया है और पता चला है कि हमने इतना ज्यादा पैसा लोन के रूप में दे रखा है कि नगर निगम को दिल्ली सरकार का 3800 करोड़ रुपए लोन का वापस करना है। हमें नगर निगमों को पैसा नहीं देना है, बल्कि नगर निगम को ही हमारे 3800 करोड़ रुपए वापस करना है। जल बोर्ड नगर निगम को पानी देता है। जल बोर्ड का 3000 करोड़ रूपए नगर निगम पर बिल बकाया पड़ा हुआ है। नगर निगम को वह पैसा वापस करना है। हमारा ही पैसा उनके पास पड़ा हुआ है। केंद्र सरकार पूरे देश में जितने नगर निगम हैं, उनको अनुदान देती है। केंद्र सरकार नगर निगम में जितने लोग रहते हैं, उसमें 485 प्रति व्यक्ति के हिसाब से अनुदान देती है। पूरे देश में सारे नगर नगर निगमों को केंद्र सरकार ने अनुदान दे रही है, लेकिन पिछले कुछ सालों से दिल्ली के तीनों नगर निगमों को अनुदान नहीं मिल रहा है। दिल्ली में सवा दो करोड़ जनसंख्या है। 485 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से लगभग 1100 से 1200 करोड़ रुपए प्रति वर्ष बनते हैं। 10 साल के 12000 करोड़ रुपए बन गए, जो केंद्र सरकार को देने हैं। यह पैसा केंद्र सरकार को देनी चाहिए। अगर केंद्र सरकार पैसा नहीं देगी, तो नगर निगम कैसे चलेंगे? केंद्र सरकार पूरे देश के अंदर नगर निगमों को पैसा देती है लेकिन दिल्ली नगर निगम को नहीं देती है, यह तो गलत बात है।

हमारी सरकार ने पिछले 6 साल में जितने भी फ्लाईओवर बनाए, उसमें पैसे बचाए- सीएम श्री  अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री  अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नगर निगम में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, वो अपने ही भाई हैं, अपने लोग हैं, उनसे हाथ जोड़कर विनती करना चाहूंगा कि थोड़ा सा सही से नगर निगम को चला लो। ऐसे इतना कुप्रबंधन और इतना भ्रष्टाचार जो नगर निगम में हो रहा है, ऐसे काम नहीं चल सकता है। मुख्यमंत्री ने सीलमपुर शास्त्री पार्क फ्लाई ओवर का उदाहरण देते हुए कहा कि अभी परसों मैने सीलमपुर शास्त्री पार्क फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। यह फ्लाईओवर 303 करोड़ रुपए में बनने थे, हमने 250 करोड़ रुपए में पूरा कर दिया। हमने 53 करोड़ रुपए एक फ्लाईओवर में बचा दिया और अभी तक 6 साल में जितने भी फ्लाईओवर बने हैं, हर एक में हमने पैसा बचाया, किसी में 100 करोड़, किसी ने सवा सौ करोड़, किसी में 75 करोड़ और 50 करोड़ रुपए बचाया है। हमने अपने फ्लाई ओवर को डेढ़ साल में पूरा कर दिया। वहीं, एमसीडी ने रानी झांसी फ्लाईओवर बनाया था।

यह फ्लाई ओवर 2006 में बनना चालू हुआ था, इसे 2010 बन कर तैयार होना था। वो फ्लाईओवर 2010 की बजाय 2018 में बनकर तैयार हो पाया। एमसीडी ने एक फ्लाईओवर बनाने में 14 साल लगा दिए और हमने डेढ़ साल में बना दिया और उनसे दो गुना बड़ा बनाया। नगर निगम का रानी झांसी फ्लाईओवर 178 करोड़ रुपए में बनना था, लेकिन वह 178 करोड़ रुपए की बजाय 750 करोड़ रुपए में फ्लाईओवर बन कर तैयार हुआ। एक फ्लाईओवर बनाने में 550 करोड़ रुपए ज्यादा लगा दिए, यह पैसे कहा गए? सबको पता है कि पैसे कहा गए? जनता यही कहती है कि हम कब तक टैक्स दें, कितना टैक्स दें, ऐसे में तो नगर निगम घाटे में ही चलेगा, फायदे में कैसे चलेगा? ऐसे तो नगर निगम नहीं सकते हैं? अब समय आ गया है, आपको भ्रष्टाचार खत्म करना पड़ेगा? यह नहीं चलेगा कि जब मर्जी आप पहुंच जाओ और पैसे मांगने लगो। दिल्ली की जनता यह पूछना चाहती है कि आखिर यह पैसे जा कहां रहे है?ं डॉक्टरों को सैलरी क्यों नहीं मिल रही है?सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नगर निगम का कुल बजट 12 हजार करोड़ रुपए का है। इसमें से 6 हजार करोड़ रुपए सैलरी का बजट है तो सैलरी दे सकते हैं। डॉक्टरों की सैलरी क्यों नहीं है? उनको सैलरी मिलनी चाहिए। डॉक्टर क्यों हड़ताल पर बैठे हुए हैं, उनको हड़ताल पर नहीं बैठना चाहिए, उनको हड़ताल के बजाय अस्पतालों के अंदर बच्चों का इलाज करना चाहिए, हमारे परिवार के लोगों का इलाज करना चाहिए। मुझे बहुत दुख हो रहा है कि आज डॉक्टरों को इस तरह से हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है।

केंद्र सरकार से अपनी है कि नगर निगम को कुछ पैसे दे दे, ताकि डाॅक्टरों को सैलरी दी जा सके- सीएम श्री अरविंद केजरीवाल
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार भी इस समय काफी घाटे में चल रही है, क्योंकि कोराना का समय है। कोरोना के समय में नहीं आ रहा है। सरकार का टैक्स बिल्कुल नहीं आ रहा है। हमारे पास पैसा ही नहीं आ रहा है। इसके बावजूद हम लोग पैसे का अच्छे से प्रबंधन करके काम चला रहे हैं। अभी तक हमने दिल्ली सरकार के अंदर किसी को तनख्वाह की किल्लत नहीं होने दी। सभी को समय पर सैलरी दे रहे हैं, डॉक्टरों, शिक्षकों, कर्मचारियों और अफसरों को, सबको समय सैलरी दे रहे हैं। हम लोग अच्छे से प्रबंधन कर रहे हैं। हम लोग रो नहीं रहे हैं कि पैसे नहीं दिए। जो जनता का पैसा आ रहा है, उसका हम ठीक से प्रबंधन कर रहे हैं। लेकिन अगर दिल्ली सरकार के पास पैसा होता, तो मैं आज ही जाकर के डॉक्टरों को तनख्वाह देकर आता। चाहे संविधान में लिखा हो या नहीं लिखा होता, लेकिन हमारे पास अभी पैसा नहीं है। इसीलिए मैं केंद्र सरकार से अपील करना चाहूंगा कि बिचारे डॉक्टर बहुत ज्यादा तकलीफ में है, उनकी कई महीनों से सैलरी नहीं मिली है, उनके घरवाले उनका इंतजार कर रहे हैं। वे कोरोना ड्यूटी पर थे, हमें ऐसे समय में इनको मेडल देने चाहिए, इनको मेडल देने के बजाय हमने इनको दुखी कर रखा है। केंद्र सरकार को जो नगर निगम को 12 हजार करोड़ रुपए देना है, उन्हें उसमें से थोड़ा सा पैसा दे दें, ताकि डॉक्टरों की तनख्वाह दी जा सके और इस मुसीबत से हम डॉक्टरों को निकाल सकें। नगर निगमों को भी मैं कहना चाहूंगा कि थोड़ा सा ठीक से प्रबंधन कर लो, इतना भ्रष्टाचार ठीक नहीं है।

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