Matru Vandana Yojana

Matru Vandana Yojana: मातृ वंदना योजना का उद्देश्य लाभार्थियों को मिले सौ फीसदी लाभ: सीएमओ

Matru Vandana Yojana: सीएमओ के निर्देश पर डीपीसी ने किया पर्यवेक्षणीय भ्रमण

  • पहली बार मां बनने वाली गर्भवती का आवेदन पत्र भरवाये जाने पर ज़ोर
  • जनपद में 51,523 लाभार्थियों को मिल चुका है लाभ

रिपोर्ट: पवन सिंह
मऊ, 07 सितम्बर:
Matru Vandana Yojana: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की विशेष निगरानी के लिये मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्याम नरायन दुबे के दिशा-निर्देश पर जिला कार्यक्रम समन्वयक विवेक कुमार सिंह द्वारा पर रानीपुर सीएचसी पर पर्यवेक्षणीय भ्रमण किया गया। सभी एएनएम, आशा संगिनी व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर पहली बार मां बनने वाली पात्र गर्भवती महिलाओं का आवेदन पत्र भरवाया जा रहा है।

शत-प्रतिशत पात्र लाभार्थियों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके इसकी समीक्षा की गई। जनपद में अब तक 51,523 लाभार्थियों के सापेक्ष 20,89,79000 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में मिल चुका है। मातृ वंदना सप्ताह के दौरान 1200 फार्म पोर्टल पर अपलोड किये जा चुके हैं, और अभी का सत्यापन और फीडिंग जारी है।

डीपीसी विवेक कुमार सिंह ने बताया कि यह योजना सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, इस भ्रमण में अधीक्षक, बीसीपीएम, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित अन्य कर्मियों से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सम्बन्धी ब्लॉक की उपलब्धि के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की गई। साथ ही कम डाटा फीडिंग व करेक्शन क्यू द्वितीय व तृतीय किस्त के लंबित मामलों को लेकर भी चर्चा की गई।

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विवेक कुमार सिंह ने बताया कि अधीक्षक को जानकारी दिया गया कि मातृ वंदना सप्ताह का उद्देश्य है कि इस योजना का लाभ शत-प्रतिशत पात्र लाभार्थियों को मिले तथा लंबित मामले करेक्शन क्यू, द्वितीय एवं तृतीय किस्त के जो भुगतान लंबित है। उन लाभार्थियों के आवेदन भरवा कर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अवश्य कर दिया जाए। जिससे की शत-प्रतिशत पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल सके।

रानीपुर चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिनेश कुमार ने बताया कि इसकी समीक्षा केंद्र व राज्य स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन की जा रही है। इस योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5,000 रुपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है। पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त में 2000 रुपये दिए जाते हैं। तीन किस्तों में 5000 रुपये की धनराशि खाते में डीबीटी के माध्यम से दी जाती है।

डॉ दिनेश कुमार ने बीसीपीएम हुमैरा खातून व कंप्यूटर ऑपरेटर अटल शर्मा को निर्देश दिए कि लंबित मामलों का निस्तारण तुरंत कर दिया जाए। जिससे केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों को आसानी से मिल सके।

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