Khijadia wildlife sanctuary: जामनगर जिले के खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य को नए रामसर स्थल के रूप में मान्यता
Khijadia wildlife sanctuary: खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य को विश्व आर्द्रभूमि दिवस (वर्ल्ड वेटलैंड डे) के अवसर पर नया रामसर स्थल घोषित किया गया
नई दिल्ली, 02 फरवरी: Khijadia wildlife sanctuary: गुजरात के जामनगर जिले के खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य (Khijadia wildlife sanctuary) को विश्व आर्द्रभूमि दिवस (वर्ल्ड वेटलैंड डे) के अवसर पर नया रामसर स्थल घोषित किया गया है। यह दिन हर साल 2 फरवरी को दुनिया भर में मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1971 में ईरान के शहर रामसर में कैस्पियन सागर के तट पर आर्द्रभूमि पर एक कन्वेंशन (Convention on Wetlands) को अपनाया गया था जिसका उद्देश्य लोगों और हमारे ग्रह के लिए आर्द्रभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है।
हरियाणा के गुरुग्राम के सुल्तानपुर नेशनल पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम में गुजरात सरकार की रेजिडेंट कमिश्नर आरती कंवर ने गुजरात सरकार की ओर से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य का पदनाम प्रमाण पत्र प्राप्त किया।
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खिजड़िया पक्षी अभयारण्य (Khijadia wildlife sanctuary) ताजे पानी की झीलों, नमक और मीठे पानी की दलदली भूमि, दोनों के लिए जाना जाना है। यह 6.05 किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। भारत की आजादी से पहले, रुपारेल नदी पर एक चेकडैम बनाया गया था जहां समुद्र में जाने से पहले नदी के पानी का भंडारण होता था। बरसों बाद बारिश के ताज़े पानी, एक तरफ नदी और दूसरी तरफ समुद्र के खारे पानी से इस अनोखे इकोसिस्टम का निर्माण हुआ।
प्रख्यात भारतीय पक्षी विज्ञानी, सलीम अली ने जब 1984 में अभयारण्य का दौरा किया तो उन्होंने यहां एक ही दिन में 104 प्रजातियों को देखने का दावा किया। खिजड़िया वन्य जीवन अभयारण्य के अलावा, उत्तर प्रदेश के बखिरा वन्यजीव अभयारण्य को भी रामसर साइट घोषित किया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान भारत की आर्द्रभूमि (भौतिक रूप से) पर स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (एसएसी) एटलस भी जारी किया गया।