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Jharkhand development in tourism: झारखंड में जितना तेजी से पर्यटन में विकास होना चाहिए था उतना नहीं हुआः गवर्नर

Jharkhand development in tourism: पर्यटन के विकास के लिये हम सभी को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की जरूरत है: राज्यपाल रमेश बैस

रांची, 11 अक्टूबरः Jharkhand development in tourism: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा है कि राज्य में जिस तेजी से पर्यटन के क्षेत्र में विकास होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन की अपार सम्भवनाएं हैं। यह राज्य के विकास व राजस्व में अहम भूमिका का निर्वाह कर सकता है। प्रकृति ने प्रदेश को असीम खूबसूरती प्रदान की है। हमें उस पर गौर कर विकसित करने की आवश्यकता है।

Jharkhand development in tourism: उन्होंने कहा कि पर्यटन के विकास की लिये हम सभी को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की जरूरत है। हमें पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध कराना होगा ताकि राज्य के पर्यटन स्थलों की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर हो और लोग यहाँ आने के प्रति अधिक-से-अधिक आकर्षित हो। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक दृष्टिकोण से समृद्ध विभिन्न स्थलों में आधारभूत संरचनाएँ विकसित की जाएं।

Jharkhand development in tourism: उन्होंने अधिकारियों से इस दिशा में समर्पित भाव से कार्य करने का निदेश दिया तथा कहा कि इसके लिये राशि की चिंता न करें, आवश्यकता होगी तो वे केन्द्र सरकार से वार्ता कर पर्यटन के विकास हेतु राशि की माँग करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक वे झारखंड में हैं, वे इस राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्ध है ताकि विकास के क्षेत्र में इस राज्य की राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान हो। राज्यपाल आज राज भवन में पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों की जानकारी ले रहे थे।

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इस बैठक में सचिव, पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग अमिताभ कौशल सहित विभाग एवं निदेशालय और एनसीसी के अधिकारीगण मौजूद थे। राज्यपाल महोदय ने कहा कि विदेशों में कृत्रिम (आर्टिफिशियल) प्रकृति का सृजन कर अच्छे पर्यटन की सुविधा विकसित कर पर्यटकों को आकर्षित किया जाता है जबकि हमारा राज्य प्राकृतिक दृष्टिकोण से अत्यन्त समृद्ध और भाग्यशाली है। उन्होंने पर्यटन स्थलों के समीप रात्रि में पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था पर चर्चा करते हुए पर्यटकों के ठहराव हेतु सुविधाएं उपलब्ध करने का निदेश दिया।

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Jharkhand development in tourism: उन्होंने अधिकारियों को ट्यूरिस्ट सर्किट निर्माण करने हेतु कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे ट्यूरिस्ट सर्किट का निर्माण किया जाय ताकि पर्यटकों को एक पर्यटन स्थल से दूसरे पर्यटन स्थल की दूरी का विभिन्न साधनों यथा- रेल मार्ग, सड़क मार्ग, हवाई मार्ग आदि से ज्ञात हो सके। उन्होंने राज्य को धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यन्त समृद्ध बताते हुए पृथक धार्मिक ट्यूरिस्ट सर्किट बनाने का निदेश दिया। उन्होंने राजमहल में स्थापित फॉसिल्स पार्क में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु कहा ताकि अधिक से अधिक पर्यटक आ सकें और जानकारी हासिल कर सकें।

राज्यपाल महोदय ने अधिकारियों से कहा कि प्राकृतिक दृष्टिकोण से इतने समृद्ध होने के बावजूद यह राज्य राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थलों में अपना नाम स्थापित नहीं कर पाता है, यह एक विडम्बना है। वे इस स्थिति में परिवर्तन लाना चाहते हैं और राज्य को अन्य स्मृद्ध पर्यटन स्थलों के समकक्ष देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन से उनका विशेष लगाव रहा है तथा उन्होंने छत्तीसगढ़ एवं त्रिपुरा में विभिन्न पर्यटन स्थलों को विकसित करने कार्य किया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कभी भी उनके सुझाव हेतु वे उनके पास आ सकते हैं। वे उनका हरसंभव मदद करेंगे।

राज्यपाल ने बैठक में खिलाड़ियों को प्रदान की जा रही सुविधाओं की जानकारी लेते हुए कहा कि खिलाड़ियों पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने कहा कि अक्सर सुनने में आता है कि किसी अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त खिलाड़ी द्वारा अपना मेडल तक गिरवी रखकर जीवनयापन करना पड़ रहा है, यह बहुत ही भयावह है। ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने विभाग से ऐसे खिलाड़ियों की ओर विशेष ध्यान देने हेतु कहा। उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ राज्य के आर्चरी एसोसिएशन के अध्यक्ष थे तथा उन्होंने तीरंदाजी के क्षेत्र में खिलाड़ियों को काफी प्रोत्साहित करने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा कि इस राज्य में तीरंदाजी, हॉकी आदि के क्षेत्र में कई प्रतिभाएं हैं। उन्होंने हॉकी खिलाड़ियों हेतु एस्ट्रोटर्फ, उनके प्रशिक्षण तथा प्रोत्साहन संबंधी अन्य सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ी विभिन्न पारिवारिक, आर्थिक समस्याओं के चिंताओं के बीच खेलते हैं यदि वे चिंतामुक्त होकर खेलेंगे तो और अच्छा प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने एनसीसी की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा कि वे भी एनसीसी के एक अनुशासित कैडेट रहे हैं तथा उन्होंने सी सर्टिफिकेट भी अर्जित किया था।

बैठक में सचिव, पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग अमिताभ कौशल ने कहा कि विगत डेढ़ सालों से कोरोना ने पर्यटन तथा खेलकूद की गतिविधियों को पूर्णतः प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य धार्मिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक दृष्टिकोण से समृद्ध है। यहाँ वैद्यनाथ धाम, देवघर, बासुकीनाथ, दुमका, छिन्नमस्तिका, रजरप्पा, इटखोरी, लुगुबुरू जैसे कई धार्मिक स्थल हैं जहाँ श्रद्धालु आते हैं। इसके साथ ही यहां कई जलप्रपात यथा- जोन्हा, दशम, हुंडरू, सीता, लोध पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

प्राकृतिक दृष्टिकोण से समृद्ध नेतरहाट, बेतला, दलमा के साथ कई डैम पतरातू, गेतलसूद, तेनुघाट, चांडिल, तिलैया डैम, मैथन एवं मसानजोर डैम पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि मलूटी में मंदिरों का संरक्षण कार्य चल रहा है। साथ ही बिरसा मुण्डा कारागार का भी संरक्षण कार्य कर संग्राहलय में विकसित करने का कारी किया जा रहा है जहाँ झारखंड के विभिन्न जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा स्थापित कर उनकी जीवनी को दर्शाया जायेगा। इसके साथ ही होटवार में राज्य संग्रहालय भी है।

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