Inauguration of acharya ramchandra shukla auditorium

Inauguration of acharya ramchandra shukla auditorium: बीएचयू के हिंदी विभाग में आचार्य रामचंद्र शुक्ल सभागार का लोकार्पण

Inauguration of acharya ramchandra shukla auditorium: साहित्य अकादमी से सम्मानित मराठी लेखक विश्वास पाटिल की साहित्यिक कृतियों पर परिचर्चा

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 21 दिसंबर: Inauguration of acharya ramchandra shukla auditorium: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में आचार्य रामचंद्र शुक्ल सभागार का लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. वी.के. शुक्ला ने की। सभा को संबोधित करते हुए प्रो. वी. के. शुक्ल ने हिंदी भाषा के शिखर पुरुष आचार्य रामचंद्र शुक्ल का स्मरण किया। प्रो. शुक्ल ने कहा कि- हिंदी का अधिकाधिक व्यवहार किया जाना चाहिए। हिंदी में तकनीकी एवं चिकित्सा विज्ञान की शिक्षा देनी आवश्यक है।

सारस्वत अतिथि के रूप में हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. महेंद्रनाथ दुबे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. राधेश्याम दुबे उपस्थित रहे। प्रो. महेन्द्र नाथ दुबे ने काशी के महत्व को रेखांकित करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के समृद्ध अतीत से परिचित कराया। आपने वैदिक ग्रन्थों से उद्धरण देते हुए साहित्यिक वैभव मानवीयता आदि विषयों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि काशी में मानवीय ज्ञान एवं प्रतिभा का मूल्य सर्वाधिक है।

कार्यक्रम में प्रो. त्रिभुवन सिंह द्वारा लिखित हिंदी उपन्यास एवं यथार्थवाद पुस्तक के छठे संस्करण का विमोचन किया गया। हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. सत्यप्रकाश सिंह ने किताब के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह , वर्ष 1955 में लघु शोध प्रबंध के रुप में प्रकाशित होने से लेकर वर्ष 1997 तक अलग-अलग संस्करणों में प्रकाशित होता रहा। हिंदी के विद्वत पाठकों की मांग पर वाणी प्रकाशन से यह किताब पुनः प्रकाशित हो रही है।

अग्रिम क्रम में विभागीय शिक्षक प्रो. कृष्ण मोहन ने स्त्रियों पर केन्द्रित डॉ0 अभय कुमार ठाकुर की पुस्तक ‘स्त्रियों का अमृत महोत्सव कब होगा? पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने पुस्तक से अनेक महत्वपूर्ण तथ्यों से परिचित कराया। पुस्तक की सामाजिक उपादेयता को भी आपने उद्घाटित किया। उन्होंने कहा कि किताब में साहित्यिक अंशों के माध्यम से एक समाज शास्त्रीय विवेचन किया गया है। डॉ. अभय कुमार ठाकुर ने कहा कि तीन कालखण्डों को सम्मुख रखकर लिखी यह किताब स्त्रियों के कामकाजी एवं निजी जीवन के संघर्षों को उद्घाटित करती है।

कार्यक्रम में हिंदी विभाग के शताब्दी वर्ष पर आधारित काशिका पत्रिका के शताब्दी विशेषांक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। काशिका हिंदी विभाग की अतिप्रसिद्ध पत्रिका है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. राधेश्याम दुबे ने काशिका पत्रिका के इतिहास के संबंध में बताते हुए इसके नवीन विशेषांक के विमोचन पर हर्ष व्यक्त किया।

Inauguration of acharya ramchandra shukla auditorium: उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी के हिन्दी के विभागाध्यक्ष डॉ0 राम सुधार सिंह ने काशिका के सन्दर्भ में अनेक महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराया। आपने विमोचित पुस्तक ‘हिन्दी उपन्यास ओर यथार्थवाद’ के विषय में अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध मराठी लेखक विश्वास पाटील के लेखकीय जीवन पर समृद्ध परिचर्चा हुई। साहित्य अकादमी से सम्मानित पाटील ने कहा कि सृजन धर्म है। शोध एवं अनुभूति दोनों ही लेखक के लिए अनिवार्य है। पाटिल ने श्रोताओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिए।

समारोह में स्वागत वक्तव्य हिंदी विभाग के अध्यक्ष एवं कला संकाय के संकाय प्रमुख प्रो. विजयबहादुर सिंह ने दिया। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के आचार्य डॉ. सत्यपाल शर्मा ने किया। संयुक्त कुलसचिव सुनीता चन्द्रा ने भी अपना उद्बोधन दिया। आभार प्रदर्शन वाणी प्रकाशन के निदेशक अरुण माहेश्वरी ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कला संकाय एवं हिंदी विभाग के प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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