Immunity booster: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु शुद्ध व सात्विक आहार का सेवन अतिआवश्यक: डॉ संतोष
Immunity booster: किशोरावस्था में होने वाली समस्या जैसे खून की कमी (एनीमिया), मासिक अनियमितता का सम्बंध सीधे पौष्टिक आहार से : डॉ अभिलाषा
रिपोर्ट: पवन सिंह
मऊ, 06 सितम्बर: Immunity booster: कोरोना काल में आयुर्वेद औषधियों का प्रचलन काफी बढ़ा है। जिले में संचालित कुल 35 आयुर्वेदिक एवम् यूनानी चिकित्सालयों को एक विशेष निर्देश दिया है। इसके तहत इस पोषण माह में सभी जगहों पर आयुर्वेद से जुड़े पौधों को लगाने के निर्देश दिए गए हैं तथा उसके उपयोग व उससे लाभ के बारे में लोगों को अवगत कराने के लिए भी कहा गया है।
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवम् यूनानी अधिकारी डॉ संतोष कुमार चौरसिया ने बताया कि नवजात शिशु हों या किशोर हों या किशोरी, गर्भवती हों या धात्री, नवजात को स्तनपान कराने वाली माताएं सभी को स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मस्तिष्क के विकास के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु शुद्ध व सात्विक आहार का सेवन अतिआवश्यक है।
आयुर्वेद के अनुसार बताए गए सिद्धान्तों जैसे प्रकृति अनुसार आहार करना, अग्नि अर्थात पाचन शक्ति के अनुसार भोजन करना और सात्विक आहार का सेवन करने से आहार के (Immunity booster) पोषक तत्त्व शरीर में अच्छी प्रकार से पहुंचते हैं, जिससे मानसिक व शारीरिक विकास के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता के बढ़ने में शत-प्रतिशत लाभ होता है। नवजात से लेकर बाल्यावस्था तक आयुर्वेद के कश्यप संहिता के अनुसार स्वर्णप्राशन संस्कार कराने से बच्चों में होने वाली व्याधियों से बचा जा सकता है साथ ही बच्चों में उत्तम प्रकार से बल, अग्नि, ओज जिसे हम रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कह सकते हैं की प्राप्ति होती है।
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय घोसी की डॉ अभिलाषा सिंह ने बताया कि गर्भवती के लिए आयुर्वेद में गर्भवती परिचर्या भी बताया गया है, जिसका पालन करने से गर्भवती 9 माह तक स्वस्थ रहते हुए स्वस्थ शिशु को जन्म देने में समर्थ होती है। धात्री अर्थात स्तनपान कराने वाली माता को भी अपने आहार में दाल, हरी सब्जियों को प्रचुर मात्रा में लेना चाहिए, साथ ही सतावरी, दशमूलारिष्ट आदि आयुर्वेद में वर्णित औषधियों का प्रयोग करना चाहिए।
किशोरावस्था में होने वाली समस्या जैसे खून की कमी (एनीमिया) व मासिक अनियमितता का भी सम्बन्ध सीधे-सीधे पौष्टिक आहार के सेवन से है, अतः इस अवस्था में फल, हरी सब्जियों, दाल जिसमें लौह व अन्य आवश्यक तत्व प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहते हैं इनका प्रयोग करने से बहुत लाभ प्राप्त होता है।
डॉ अभिलाषा सिंह ने बताया कि ऐसे आहार का सेवन करने के साथ-साथ, उपरोक्त समस्याओं से पीड़ित होने पर चिकित्सक के सलाह पर आयुर्वेदिक औषधियों जैसे चंद्रप्रभा वटी, पुनर्नवा मंडूर, मंडूर भष्म, लोहासव, अशोकारिष्ट आदि का प्रयोग किया जा सकता है।
Immunity booster: आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार आहार विधि का पालन करने से व आयुर्वेद में वर्णित औषधियों का चिकित्सक की सलाह से सेवन करने से बच्चों, किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को स्वस्थ रखने में सर्वोत्तम लाभ प्राप्त होता है व कुपोषण से बचने में सहायता मिलती है और स्वस्थ जीवन प्राप्त होता है। तथा जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं।