Diwali guideline

Diwali guideline: हाथ, आंख व चेहरा सुरक्षित रखकर ही दीपावली मनाएंः डॉ श्याम नारायण दुबे

Diwali guideline: आतिशबाजी से पहले पटाखों और अपने हाथ को सैनिटाइज करने से बचें: डॉ श्याम नारायण दुबे

रिपोर्टः पवन सिंह

मऊ, 03 नवंबरः Diwali guideline: दीपावली मनाइए लेकिन अपने हाथ, आंख और चेहरा सुरक्षित रखकर। खासकर बच्चों को आतिशबाजी के दौरान अपनी सख्त निगरानी बनाए रखिए। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्याम नारायण दुबे का। डॉ श्याम नारायण दुबे ने बताया कि आतिशबाजी के दौरान यदि जल जाएं तो सबसे पहले जले हुए हिस्से को बहते हुए पानी से साफ कर लें।

Diwali guideline: तत्काल नजदीकी सरकारी या निजी अस्पताल में परामर्श लें। ध्यान रखें जले हुए भाग को ठंडे पानी या बर्फ से नहीं धोना है और जले हुए हिस्से पर टूथपेस्ट या हल्दी भी न लगानी है। उन्होंने बताया कि आतिशबाजी का प्रदूषण आंखों, नाक और गले के अलावा फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। प्रदूषण से सांस और एलर्जी की समस्या होती है। डॉ दुबे ने बताया कि बच्चों को पटाखों से दूर रखें। यदि आतिशबाजी करना ही है तो अपनी ही देखरेख में ही पटाखे जलाएं।

Diwali guideline: कैसे करें आतिशबाजी

  • वैध दुकान से ही पटाखे खरीदें और आतिशबाजी के दौरान बच्चों को सख्त निगरानी में रखें
  • आतिशबाजी स्थल पर एक बाल्टी पानी और प्राथमिक उपचार किट साथ में रखें
  • एक समय में एक व्यक्ति और एक पटाखा ही जलाएं
  • जला चुके पटाखे को न छूएं दोबारा कभी भी फट सकता है
  • झोपड़ी के आसपास या फिर बंद कमरे में कभी भी पटाखा न जलाएं
  • राकेट या हवा में उड़ने वाले पटाखे जलाने से पहले सीधा कर लें
  • यथासंभव जीरो पावर वाला चश्मा लगाकर ही आतिशबाजी करें

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सैनिटाइज दूर रखें

Diwali guideline: कोरोना काल में हमने हर समान को सैनिटाइज करने की आदत डाल ली है लेकिन आतिशबाजी से पहले पटाखों और अपने हाथ को सैनिटाइज करने से बचें। आतिशबाजी से पूर्व साबुन से हाथ धोएं न कि सैनिटाइज का उपयोग करें। सैनिटाइजर एक ज्वलनशील सामग्री है और इसस आग लगने और बढ़ने का सदैव खतरा रहता है।

कोविड प्रोटोकाल न भूलें

त्योहार में कोविड प्रोटोकाल का पालन करना न भूलें। मास्क लगाकर ही बाजार जाएं और कम भीड़ वाली दुकान पर ही खरीदारी करें। बाजार से लौट कर जूते-चप्पल बाहर ही उतार दें। बाजार से लाये गए सामान को सेनेटाइज करें और अच्छी तरह से साबुन-पानी से हाथ धुलने के बाद ही घर के किसी सामान को हाथ लगाएं।

हरित पटाखे ही खरीदें

कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने कुछ जिलों में हरित पटाखों की बिक्री के लिए निर्देश दिया है। इन जिलों में लखनऊ, कानपुर, आगरा, सोनभद्र, गाज़ियाबाद, हापुड़, वाराणसी, नोएडा, फिरोजाबाद, झांसी, बुलंदशहर, प्रयागराज, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, रायबरेली, मथुरा, सहारनपुर, गोरखपुर, उन्नाव, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, बागपत, अलीगढ़ और अयोध्या शामिल हैं। हरित पटाखों को प्रदूषण के मानकों पर तैयार किया जाता है यानि इसमें सल्फर और नाइट्रोजन की मात्रा कम रखी जाती है। इससे आतिशबाजी के दौरान 50 कम धुआं निकलता है। इनकी आवाज और रोशनी भी पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम होती है। हालांकि हरित पटाखे भी सामान्य पटाखों की तरह तैयार किए जाते हैं।

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